NOTA क्या हैं ? | What is NOTA?

NOTA ( None of The Above ) in Hindiनोटा का अर्थ है – नन ऑफ द एबव, यानि इनमें से कोई नहीं. भारत निर्वाचन आयोग ने दिसंबर 2013 के विधानसभा चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में इनमें से कोई नहीं अर्थात `”नोटा`(नन ऑफ द एबव)” बटन का विकल्प उपलब्ध कराने के निर्देश दिए. 2015 से नोटा – NOTA ( None of The Above ) पूरे देश मे लागू हुआ.

भारत नकारात्मक मतदान का विकल्प उपलब्ध कराने वाला दुनिया का 14वाँ देश बन गया है. नोटा के तहत ईवीएम मशीन में नोटा ( None Of The Above – NOTA ) का गुलाबी बटन होता है. यदि पार्टियाँ ग़लत उम्मीदवार देती हैं तो नोटा का बटन दबाकर पार्टियों के प्रति जनता अपना विरोध दर्ज करा सकती है.

नोटा की आवश्यता क्यों हैं? | Why is NOTA required?

  • कभी-कभी राजनीतिक पार्टिया गलत उम्मीदवार चुन लेते हैं जिसके कारण मतदाता वोट नहीं देना चाहता हैं, लेकिन यदि वह नहीं देता है तो उसके जगह कोई दूसरा वोट डाल देता है या उसे मजबूरी में किसी न किसी पार्टी के मतदाता को वोट देना पड़ता था, लेकिन नोटा का विकल्प होने से मतदाता निर्वाचित उम्मीदवारों के प्रति अपने विरोध को दर्ज करा सकती हैं.
  • मतदाता को उम्मीदवारों को नकारने का विकल्प देना इस बात का परिचायक हैं कि लोकतंत्र में जनता ही सर्वोपरि हैं.
  • नोटा जनता के मालिकाना हक को सुनिश्चित करता हैं.
  • नोटा की वजह से कुछ हद तक जनप्रतिनिधि अपने दायित्वों के प्रति ईमानदार हो जाते हैं. नेता से ईमानदारी की उम्मीद रखना मूर्खता हैं लेकिन कुछ नेता ईमानदार भी होते है.

नोटा का जमीनी हकीकत

नोटा की जमीनी हकीकत की बात करें तो यह परिणाम देने में उतना सफल नहीं दिखता हैं. “नोटा के अंतर्गत पड़े मतदान का प्रतिशत, किसी अन्य उम्मीदवार को मिले मतदान के प्रतिशत से अधिक हो तब भी अन्य सभी उम्मीदवारों में जो सबसे आगे होगा वह विजयी घोषित कर दिया जाएगा”. यह नियम नोटा के महत्व को कम कर देता हैं. कुछ विद्वानों का यह भी कहना है कि लोकतंत्र के महापर्व में सिस्टम की तरफ से जनता को बाँटा गया झुनझुना हैं.

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