क्या आप जानते हैं ज्ञानपीठ पुरस्कार की शुरूआत कब से हुई | Jnanpith in Hindi

Jnanpith in Hindi – ज्ञानपीठ पुरस्कार भारतीय साहित्य के लिए दिया जाने वाल सर्वोच्च पुरस्कार हैं. 1961 में भारतीय ज्ञानपीठ ( Bharatiya Jnanpith ) के संस्थापक श्री साहू शांति प्रसाद जैन के पचासवें जन्म दिवस पर इसकी शुरुआत हुई.

ज्ञानपीठ पुरस्कार की पूरी जानकारी | Jnanpith in Hindi

भारत का कोई भी नागरिक जो 8वीं अनुसूची में बताई गई 22 भाषाओं में किसी भाषा में लिखता हो इस पुरूस्कार को प्राप्त करने की योग्यता रखता हैं. वर्तमान समय में (2018) में पुरस्कार में 11 लाख रुपये की धनराशि, प्रशस्तिपत्र और वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा दी जाती है. 2005 के लिए चुने गये हिन्दी साहित्यकार कुंवर नारायण पहले व्यक्ति थे जिन्हें 7 लाख रुपए का ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ. प्रथम ज्ञानपीठ पुरस्कार 1965 में मलयालम लेखक ‘जी शंकर कुरुप‘ को प्रदान किया गया था. उस समय पुरस्कार की धनराशि 1 लाख रुपए थी. 1982 तक यह पुरस्कार लेखक की एकल कृति के लिये दिया जाता था, लेकिन इसके बाद से यह लेखक के भारतीय साहित्य में संपूर्ण योगदान के लिये दिया जाने लगा. अब तक हिन्दी तथा कन्नड़ भाषा के लेखक सबसे अधिक सात बार यह पुरूस्कार प्राप्त कर चुके हैं.

वाग्देवी की कास्य प्रतिमा

ज्ञानपीठ पुरस्कार में प्रतीक स्वरूप दी जाने वाली वाग्देवी की कास्य प्रतिमा मूलतः धार, मालवा, भारत के सरस्वती मंदिर में स्थित प्रतिमा की अनुकृति हैं. इस मंदिर की स्थापना राजा भोज ने 1035 ई. में की थी. अब यह प्रतिमा ब्रिटिश म्यूज़ियम लन्दन में हैं. भारतीय ज्ञानपीठ ने साहित्य पुरूस्कार के प्रतीक के रूप में इसको ग्रहण करते समय शिरोभाग के पार्श्व में प्रभामंडल सम्मिलित किया हैं. इस प्रभामंडल में तीन रश्मिपुंज हैं जो भारत के प्राचीनतम जैन तोरण द्वार (कंकाली टीला, मथुरा) के रत्नत्रय को निरूपित करते हैं. हाथ में कमंडलु, पुस्तक, कमल और अक्षमाला ज्ञान तथा आध्यात्मिक अंतर्दृष्टि के प्रतीक हैं.

ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्बंधित अन्य तथ्य | Other Interesting Facts related to Jnanpith Award

  • ज्ञानपीठ पुरस्कार की प्रथम महिला विजेता आशापूर्णा देवी हैं, इन्हें बांग्ला साहित्य के लिए मिला था.
  • वर्ष 2005 में पुरस्कार राशि को 1 लाख से बढ़ाकर 7 लाख रूपये कर दिया गया, जो वर्तमान में 11लाख रूपये हैं.
  • साहित्य के क्षेत्र में बेहतरीन योगदान देने वाले व्यक्ति को ज्ञानपीठ पुरस्कार सम्मान से सम्मानित किया जाता हैं.

ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकारों की सूची

  • 1965- जी शंकर कुरुप (मलयालम)
  • 1966- ताराशंकर बंधोपाध्याय (बांग्ला)
  • 1967- केवी पुत्तपा (कन्नड़) और उमाशंकर जोशी (गुजराती)
  • 1968- सुमित्रानंदन पंत (हिन्दी)
  • 1969- फिराक गोरखपुरी (उर्दू)
  • 1970- विश्वनाथ सत्यनारायण (तेलुगु)
  • 1971- विष्णु डे (बांग्ला)
  • 1972- रामधारी सिंह दिनकर (हिन्दी)
  • 1973- दत्तात्रेय रामचंद्र बेन्द्रे (कन्नड़) और गोपीनाथ महान्ती (ओड़िया)
  • 1974- विष्णु सखा खांडेकर (मराठी)
  • 1975- पी.वी. अकिलानंदम (तमिल)
  • 1976- आशापूर्णा देवी (बांग्ला)
  • 1977- के. शिवराम कारंत (कन्नड़)
  • 1978- एच. एस. अज्ञेय (हिन्दी)
  • 1979- बिरेन्द्र कुमार भट्टाचार्य (असमिया)
  • 1980- एस.के. पोट्टेकट (मलयालम)
  • 1981- अमृता प्रीतम (पंजाबी)
  • 1982- महादेवी वर्मा (हिन्दी)
  • 1983- मस्ती वेंकटेश अयंगर (कन्नड़)
  • 1984- तक्षी शिवशंकरा पिल्लई (मलयालम)
  • 1985- पन्नालाल पटेल (गुजराती)
  • 1986- सच्चिदानंद राउतराय (ओड़िया)
  • 1987- विष्णु वामन शिरवाडकर कुसुमाग्रज (मराठी)
  • 1988- डॉ. सी नारायण रेड्डी (तेलुगु)
  • 1989- कुर्तुल एन. हैदर (उर्दू)
  • 1990- वी.के.गोकक (कन्नड़)
  • 1991- सुभाष मुखोपाध्याय (बांग्ला)
  • 1992- नरेश मेहता (हिन्दी)
  • 1993- सीताकांत महापात्र (ओड़िया)
  • 1994- यूआर अनंतमूर्ति (कन्नड़)
  • 1995- एमटी वासुदेव नायर (मलयालम)
  • 1996- महाश्वेता देवी (बांग्ला)
  • 1997- अली सरदार जाफरी (उर्दू)
  • 1998- गिरीश कर्नाड (कन्नड़)
  • 1999- निर्मल वर्मा (हिन्दी) और गुरदयाल सिंह (पंजाबी)
  • 2000- इंदिरा गोस्वामी (असमिया)
  • 2001- राजेन्द्र केशवलाल शाह (गुजराती)
  • 2002- दण्डपाणी जयकान्तन (तमिल)
  • 2003- विंदा करंदीकर (मराठी)
  • 2004- रहमान राही (कश्मीरी)
  • 2005- कुंवर नारायण (हिन्दी)
  • 2006- रवीन्द्र केलकर (कोंकणी) और सत्यव्रत शास्त्री (संस्कृत)
  • 2007- ओएनवी कुरुप (मलयालम)
  • 2008- अखलाक मुहम्मद खान शहरयार (उर्दू)
  • 2009- अमरकान्त व श्रीलाल शुक्ल (हिन्दी)
  • 2010- चन्द्रशेखर कम्बार (कन्नड)
  • 2011- प्रतिभा राय (ओड़िया)
  • 2012- रावुरी भारद्वाज (तेलुगू)
  • 2013- केदारनाथ सिंह (दोनों हिन्दी)
  • 2014- भालचन्द्र नेमाड़े (मराठी)
  • 2015- रघुवीर चौधरी (गुजराती)
  • 2016– शंख घोष (बांग्ला)
  • 2017– कृष्णा सोबती (हिन्दी)
  • 2018 – अमिताव घोष ( अंग्रेजी )
  • 2019 – अक्कित्तम अच्युतन नंबूदिरी ( मलयालम )

नोट – यह पोस्ट में अधिक्तर कंटेंट और विचार विकिपीडिया से लिया गया हैं.

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