भोजन पर कविता | Poem on food in Hindi

Poem on food in Hindi – इस लेख में भोजन पर कविता, सब्जियों पर कविता, पौष्टिक आहार पर कविता दिए हुए हैं। इन्हें जरूर पढ़े और अपने बच्चों को भी पढ़ाएं। अच्छे स्वास्थ्य के लिए बूढ़े-जवान और बच्चे सभी को हर प्रकार की सब्जियों का सेवन करना चाहिए।

Poem on food in Hindi

देखने में गोल-गोल मैं थोड़ी छोटी हूँ,
मैं तुम्हारे नास्ते की ताज़ी रोटी हूँ।
तुम मुझको दाल, दूध, दही और
हरी सब्जी के साथ खा सकते हो,
खूब सारा ताकत पा सकते हो।
जो सुबह के नास्ते में चना खाते है,
वो भरपूर विटामिन और प्रोटीन पाते है।

दोपहर के खाने में चावल, दाल,
रोटी, सब्जी और सलाद खाते है,
तब जाकर भूख से आराम पाते है।
शरीर को स्वस्थ्य और बलवान बनाते है।
खाने के घंटे बाद फिर फल खाते है,
और पेट की पाचन शक्ति को बढ़ाते है।

रोटी और सब्जी खाने में बनाते है,
रात में थोड़ा हल्का खाना खाते है,
जल्दी बिस्तर पर सोने चले जाते है,
फिर सुबह उठकर यही दिनचर्या अपनाते है।
व्यायाम करने में आलस्य नहीं दिखाते है,
स्वस्थ्य जीवन का राज सभी को बताते है।
– दुनियाहैगोल


पौष्टिक भोजन पर कविता

बच्चे दूध पीने में करते है आनाकानी,
पर चलने ना दो तुम उनकी मनमानी,
दूध बच्चों को स्वस्थ्य और ताकतवर बनाती है,
शरीर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

बच्चों को सब्जी खिलाओ तो रोते है,
ये बड़े ही मासूम और शरारती होते है,
इनको थोड़ी-थोड़ी सब्जी रोज खिलाओ,
स्वस्थ्य जीवन भर रहे ऐसी आदत लगाओ।

दाल, दही, बादाम और उबले चने खिलाओ,
खेलने के लिए इनका प्रोत्साहन बढ़ाओ,
सुबह-शाम इनको खूब टहलाओ,
अपने बच्चों को अच्छे स्वास्थ्य का हार पहनाओ।
दुनियाहैगोल


सब्जियों पर कविता

लाल-लाल हूँ मैं पका टमाटर,
मुझको तुम खाओ काटकर,
मैं खाने में थोड़ा-सा खट्टा लगता हूँ,
पर मैं सबको बड़ा अच्छा लगता हूँ।

यदि तुम रोज टमाटर खाओगे,
तो ढेर सारा पोषक तत्व पाओगे,
बीमारी भी तुमसे डर जायेगी,
तुम्हारे शरीर की ताकत बढ़ जायेगी।


Hari Sabjiyon Par Kavita

आलू बोला तुम मुझको खा लो,
मैं तुमको ढेर सारा ताकत दूंगा।
गाजर बोला तुम मुझको खा लो,
मैं तुमको अपने जैसा लाल कर दूंगा।
पालक ओला तुम मुझको खा लो,
मैं तुमको पोषक तत्व और विटामिन दूंगा।
मशरूम बोला तुम मुझको खा लो,
मैं तुमको खूब प्रोटीन दूंगा।
गोभी, प्याज, मटर, भिंडी, बैगन,
मूली, लौकी बोले तुम मुझको खा लो
मैं तुमको खूब बड़ा कर दूंगा।


भोजन पर बाल कविता

भूख लगे तो खाना खाओ,
प्यास लगे तो पानी पीओ,
रोना-धोना तुम छोड़ो,
हंसो और सबको खूब हँसाओ।
जितनी भूख हो उतना खाओ,
दांत से खूब चबाकर खाओ,
पढ़ने में भी खूब मन लगाओ,
अपनी ताकत खूब बढ़ाओ।


स्वास्थ्य जीवन का सबसे अनमोल खजाना है। अनुभव से पता चलता है कि एक बीमार व्यक्ति की ख्वाहिश केवल स्वस्थ्य होना होता है। स्वस्थ्य होने पर ही दुनिया रंगीन दिखती है और हमारे अंदर उत्साह और इच्छाएं जन्म लेती हैं। अच्छे स्वास्थ्य के लिए भोजन भी अच्छा होना चाहिए। हर व्यक्ति एक प्रतियोगिता के दौर में जी रहा है जहाँ उसका स्वस्थ्य होना बहुत ही जरूरी है। बच्चों के स्वास्थ्य और खान-पान का ध्यान अच्छी तरह रखना चाहिए ताकि उनका पढ़ाई में मन लगे। इस प्रतियोगिता के दौर में शारीरिक कमजोरी उनकी असफलता का कारण न बने। हर उम्र के व्यक्ति को अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। एक छोटी सी बीमारी जीवन के आनंद को खत्म कर देती है। इसलिए संतुलित आहार और पौष्टिक भोजन हर किसी के लिए जरूरी है।

घर का सादा भोजन ही स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। यदि कुछ मीठा, चटपटा, नमकीन या किसी प्रकार का व्यंजन खाने का मन हो रहा है तो उसे घर पर बनाने की कोशिश करें। बाहर का तला-भुना, होटल का खाना, पैकट के खाद्य पदार्थ, दुकान की मिठाई, बिस्किट और चॉकलेट आदि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। इनसे अपने बच्चों को बचाएं। तभी वे एक स्वस्थ्य, खुशहाल और लम्बी जिंदगी का मजा ले पाएंगे।

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