What is Surrogacy in Hindi – सरोगेसी का प्रचलन धीरे-धीरे काफी बढ़ रहा हैं अक्सर न्यूज में यह सुनने में आता है कि इस फिल्म स्टार को सरोगेसी के द्वारा सन्तान की प्राप्ति हुई हैं.
दो साल के लम्बे बहस के बाद, 19 दिसम्बर, 2018 को “सरोगेसी विधेयक – 2016” को लोकसभा ने पास कर दिया. इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य यह है कि भारत में अनैतिक रूप से चल रहे सरोगेसी कारोबार पर रोक लगाना और इसके दुरूपयोग को रोकना. इस विधेयक के कारण निःसन्तान भारतीय दम्पतियों को सन्तान प्राप्ति का सुख प्राप्त होगा.
सरोगेसी का मतलब क्या हैं? | Surrogacy Meaning in Hindi
Surrogacy का अर्थ है – “किराये का गर्भ (कोख)“. किसी कारण वश जिन दम्पतियों को सन्तान सुख की प्राप्ति नहीं होती हैं, वो सरोगेसी के माध्यम से सन्तान सुख की प्राप्ति कर सकती हैं. निःसन्तान दम्पतियों के लिए सरोगेसी एक वरदान के रूप में हैं. सरोगेसी सहायक प्रजनन की एक विधि हैं. गर्भावधि सरोगेसी (Gestational Surrogacy) एक सामान्य रूप है जिसमें सरोगेट सन्तान आनुवांशिक तौर पर पिता और सरोगेट मदर (Surrogate Mother) से सम्बन्धित होता हैं.
Traditional Surrogacy क्या है?
ट्रेडिशनल सरोगेसी में सन्तान पूर्ण रूप और आनुवांशिक तौर पर अपने पिता और माता से सम्बंधित होता हैं. यह भारत में सामजिक तौर पर मान्य हैं. इसमें निःसन्तान दम्पति IVF (
In Vitro Fertilization ) के द्वारा बच्चे को प्राप्त करते हैं.
सरोगेसी अधिनियम की जरूरत क्यों पड़ी
सरोगेसी अधिनियम बनने से पहले भारत विभिन्न देशों की निःसन्तान दम्पतियों के लिए प्रमुख सरोगेसी केंद्र के रूप में उभरा जिसकी वजह से इसके कारोबार में बहुत सारे विचौलियें आ गये. यह एक व्यवसाय के रूप में उभरने लगा जिसके कारण Surrogate Mothers का शोषण, सरोगेसी से जन्में बच्चे को त्यागने, भ्रूणों और क्रोमोसोमस आदि की खरीद-बिक्री का अनैतिक कार्य शुरू हो गया. इन गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए क़ानून बनाने की आवश्यकता पड़ी.
सरोगेसी अधिनियम बनने से भारतीय जरूरतमन्द या निःसन्तान दम्पतियों को सन्तान सुख की प्राप्ति नैतिक रूप से हो.
सरोगेसी अधिनियम की मुख्य बातें
- सरोगेसी अधिनियम के अनुसार कोई इच्छुक महिल किसी इच्छुक दम्पति के लिए बच्चे को जन्म दे सकती हैं और जन्म के बाद उस दम्पति को बच्चा सौप देती हैं.
- कॉमर्शियल सरोगेसी, मानव भ्रूण और क्रोमोसोमस की खरीद-बिक्री पर रोक लगाना.
- सरोगेसी अधिनियम का लाभ सभी भारतीय विवाहित निःसन्तान दम्पतियों को प्राप्त होगा.
- जो दम्पति सरोगेसी का लाभ प्राप्त करना चाहते है उन्हें 90 दिनों के भीतर इनफर्टिलिटी सर्टिफिकेट देना होगा.
- सरोगेट मदर और सरोगेट से जन्में बच्चे का अधिकार सुरक्षित होगा.
- इस अधिनियम में NRI दम्पतियों को शामिल किया गया है लेकिन विदेशी नागरिक इसका लाभ नही ले सकते हैं.
- नियम का उलंघन करने पर 10 साल तक की जेल और 10 लाख रूपये जुर्माना का भी प्रावधान हैं.
- सरोगेसी विधेयक जम्मू-कश्मीर राज्य को छोड़कर पूरे भारत पर लागू होता हैं.
- फैशन और फिगर को बचाने के उद्देश्य से सरोगेसी के द्वारा सन्तान प्राप्ति पर भी रोक लगेगी.
- सरोगेसी अधिनियम में यह सुनिश्चित किया गया है कि सरोगेसी से उत्पन्न संतान किसी भी प्रकार से उनका त्याग न हो और उन्हें जैविक रूप से जन्में सन्तान की तरह अधिकार प्राप्त हो.
भारत में सरोगेसी का खर्चा | Surrogacy Cost in India
भारत में सरोगेसी के द्वारा संतान प्राप्त करने का खर्चा लगभग 8 लाख से 10 लाख के आस-पास होता हैं. IVF के द्वारा सन्तान प्राप्त करने का खर्चा भारत में लगभग 50 हजार से 1.2 लाख तक हैं. भारत में यह सुविधा अधिकत्तर बड़े शहरों में हैं. विज्ञान दिनों-दिन तरक्की कर रहा है और कोशिश की जा रही है कि कम खर्चे में निःसन्तान दम्पति सन्तान सुख को प्राप्त कर सके.
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