Ishwar in Hindi ( Kya Bhagwan Hai in Hindi ) – विश्व-भर के धर्म प्रभु के रूप के विषय में भले ही मतभेद रखते हों, परन्तु प्रभु के अस्तित्व को सभी स्वीकार करते हैं. सृष्टि को चलता देख यह निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि कोई अदृश्य शक्ति है जो सृष्टि को व्यवस्थित रखती है. असीम ब्रह्मांडो को व्यवस्थित करने वाली इस गोपनीय शक्ति को ही हम ‘ईश्वर‘ कहते हैं.
God in Hindi Bhagwan | Paragraph on God in Hindi
ईश्वर तर्क का विषय नहीं है, यह तो आस्था, विश्वास से जुड़ा विषय है. प्रभु के अस्तित्व के प्रति मन में उठने वाली अविश्वास की लहर का मूल कारण माया का जाल है, इसलिए श्रीकृष्ण कहते है – मेरी माया बड़ी दुरत्यय है, इसी माया के वशीभूत होकर सभी भ्रमित हो रहे है. वे प्रभु की सत्ता का अनुभव नहीं कर पाते हैं. वे सांसारिक चक्र में फंसे रहकर दुखी रहते है. सच्चाई तो यह है कि प्रभु और प्राणी का सम्बन्ध अखंड है.
प्रभु जीवरूप में प्रत्येक प्राणी में विद्यमान है. उनके दर्शन करने के लिए उसका पात्र बनना आवश्यक है, उनको जान्ने के लिए माया-मोह से मुक्त होनाआवश्यक है. माया के झंझटों से मुक्त होते ही ईश्वरीय सत्ता का प्रत्यक्ष अनुभव होने लगता हैं. ऐसा ज्ञान ही ‘तत्वज्ञान’ कहलाता है. यह भी सत्य है कि माया-मोह से मुक्ति और यथार्थ का बोध भी प्रभु कृपा के बिना नहीं हो पाता. प्रकृति के हाथों खिलौना बने मनुष्य का उद्धार ईश्वरीय कृपा से ही सम्भव है और यह भी कि प्रकृति से छुटकारा पाए बिना अनुभव-दर्शन भी सम्भव नहीं. ऐसी स्थिति में मानव को चाहिए कि हृदय से अहं भाव मिटाकर उस परमेश्वर से कृपा मांगे.
नोट – यह पोस्ट पंडित शशिमोहन बहल की पुस्तक हमारे “धार्मिक रीति-रिवाज : परम्पराओं और मान्यताओं का वैज्ञानिक आधार” से लिया गया हैं.