वसीम बरेलवी 2 लाइन शायरी | Waseem Barelvi 2 Line Shayari

Waseem Barelvi 2 Line Shayari in Hindi ( वसीम बरेलवी 2 लाइन शायरी ) – वसीम बरेलवी पेशे से प्रोफ़ेसर है परन्तु इन्हें इनके गीत, गजल, शायरी आदि के लिए जाना जाता हैं. इस पोस्ट में वसीम बरेलवी के बेहतरीन दो लाइन शायरी दिए हुए हैं. इन्हें जरूर पढ़े.

Waseem Barelvi 2 Line Shayari | वसीम बरेलवी 2 लाइन शायरी

कौन-सी बात कहाँ, कैसे कही जाती है,
ये सलीका हो तो हर बात सुनी जाती है.


अपने चेहरे से जो जाहिर है छुपायें कैसे,
तेरी मर्जी के मुताबिक़ नजर आयें कैसे.


अपने हर लफ़्ज का ख़ुद आईना हो जाऊँगा,
उसको छोटा कह के मैं कैसे बड़ा हो जाऊँगा.


दूरी हुई तो उनसे करीब और हुए,
ये कैसे फासलें थे जो बढ़ने से कम हुए.


उसूलों पे जहाँ आँच आये टकराना जरूरी है,
जो जिन्दा हो तो फिर जिन्दा नजर आना जरूरी है.


तुम गिराने में लगे थे तुम ने सोचा ही नहीं,
मैं गिरा तो मसअला बन कर खड़ा हो जाऊँगा.


मोहब्बत ना-समझ होती है समझाना ज़रूरी है,
जो दिल में है उसे आँखों से कहलाना ज़रूरी है.


मैं इस उम्मीद पे डूबा कि तू बचा लेगा,
अब इसके बाद मेरा इम्तिहान क्या लेगा.


Wasim Barelvi 2 Line Shayari in Hindi
Wasim Barelvi 2 Line Shayari in Hindi

खुल के मिलने का सलीका आपको आता नहीं,
और मेरे पास कोई चोर दरवाजा नहीं.


कल एक गाँव की बुढ़िया मेरी कार से टकराई,
बोली तोहरा दोष नहीं है हमी को दिखत नाहीं.


लहराती बलखाती चिड़िया हवा से कहती लगती हैं,
उड़ने पर आओ तो दुनिया कितनी छोटी लगती हैं.


Wasim Barelvi 2 Line Shayari
Wasim Barelvi 2 Line Shayari

वो जो कहते है कहीं प्यार न होने देंगे,
हम उन्हें राह की दीवार न होने देंगे
तो जिसे चाहे उसे रौंद के आगे निकले
हम तेरी इतनी भी रफ्तार न होने देंगे.


कहाँ सवालों के तुमसे जबाब मांगते हैं,
हम अपने आँखों के हिस्से के ख्वाब मांगते हैं.


दरिया का सारा नशा उतरता चला गया,
मुझको डुबोया और मैं उबरता चला गया.


मैखाने के दर्द को किसने जाना हैं,
सबको अपनी-अपनी प्यास बुझाना हैं.


मुझको गुनहगार कहे और सजा न दे,
इतना भी इख्तियार किसी को खुदा न दे.


छोटी-छोटी बातें करके बड़े कहाँ हो जाओगे,
पतली गलियों से निकलों तो खुली सड़क पर आओगे.


सांस का मतलब जान नहीं हैं,
जीना कोई आसान नहीं हैं.


चला है सिलसिला कैसा रातों को मनाने का,
तुम्हें हक किसने दे दिया दीयों का दिल दुखाने का.


Waseem Barelvi 2 Line Shayari in Hindi
Waseem Barelvi 2 Line Shayari in Hindi

उसी को तोड़ रहा है जिसे बनाना हैं,
वो जानता ही नहीं कैसे घर चलाना हैं,
मैं उसकी कमियों पे ऊँगली उठा नहीं सकता
मुझे आखिरी दम तक उसे निभाना हैं.


न आस टूटी, न आँखों से इंतिजार गया,
इक एतबार पे मैं एक उम्र हार गया.


वो मेरी पीठ में खंजर जरूर उतारेगा,
मगर निगाह मिलेगी तो कैसे मारेगा.


आत्महत्या करता जब भी धरती पुत्र किसान,
खुद से आँख मिलाते डरता मेरा हिन्दुस्तान.


चलते-चलते राह में तुमसे अलग हो जाए हम,
कौन जाने कब तुम्हारी दुखती रग हो जाए हम.


जमाना मुश्किलों में आ रहा हैं,
हमें आसान समझा जा रहा हैं.


इसे भी पढ़े –

Latest Articles