Suvichar Hindi Me | सुविचार हिंदी में

Suvichar Hindi Me – इंसान अपने विचारों से ही निर्मित होता हैं. हमारे विचार ही हमारे जीवन की दिशा, दशा और लक्ष्य को निर्धारित करते हैं. इसलिए कहा जाता है कि इसान को हमेशा अच्छा सोचना चाहिए ताकि उसके अंदर सकारात्मक और दैवीय ऊर्जा का संचार हो और महान कार्यों को कर सके.

Suvichar Hindi Me | बेस्ट सुविचार हिंदी में

कर्म सुख भले ही न ला सके, परंतु कर्म के बिना सुख नहीं मिलता. – डिजरायली

दुःख पर तरस खाना मानवीय है; दुःख दूर करना देवतातुल्य है. – होरेस मैन

जब क्रोध में हों, तो दस बार सोचकर बोलिए, जब ज्यादा क्रोधित अवस्था में हों, तो हजार बार सोचिए. – जेफरसन

जब तक हम किसी भी कार्य को करने की कोशिश नहीं करते हैं, तब तक हमे वो काम नामुमकिन ही लगता हैं. – अज्ञात

मस्तिष्क जो सोच सकता है और जिसमें यकीन कर सकता हैं, उसे यह हासिल भी कर सकता हैं. – नेपोलियन हिल

आप देर कर सकते है लेकिन समय नहीं करेगा. – बेंजामिन फ्रैंकलिन

सुंदर हृदय विश्व की समग्र सम्पत्ति से ज्यादा मूल्यवान हैं. – शेक्सपियर

स्वार्थ में अच्छाईयाँ ऐसे खो जाती है जैसे समुद्र में नदियाँ. – गुरूवर राजन श्री

व्यक्ति को अपने लक्ष्य में कामयाब होने के लिए खुद पर विश्वास होना बहुत जरूरी हैं. – अज्ञात

सम्पत्ति एवं स्वास्थ से भी अधिक मन की शन्ति का महत्व जीवन में सर्वाधिक होता हैं. – डॉ. राधाकृष्णन

सुधर प्रारम्भ करना क्रांति प्रारम्भ करना हैं. – आर्थर वेलेजली

सबसे बड़ा बहादुर बदला न लेने वाला हैं. – चार्ल्स बक्सन

सब धर्म एक ही वृक्ष की शाखाएं हैं. – स्वामी विवेकानन्द

शिक्षा का उद्देश्य आत्मनिर्भर बनाना होना चाहिए. – सैमुअल स्माइल

रूप की पहुँच आँखों तक हैं, लेकिन गुण आत्मा को जीतते हैं. – स्वामी विवेकानन्द

लोगों की जरूरत पूरी हो सकती है लेकिन उनकी लालसा नहीं. – जार्ज वाशिंगटन

महापुरूष स्वयं की उन्नति के साथ दूसरों की भी उन्नति चाहते हैं. – अज्ञात

दुर्बल चरित्र का व्यक्ति उस सरकंडे जैसा है, जो हवा के हर झोंके पर झुक जाता है. – माघ

गरीब वह है, जिसका खर्च आमदनी से ज्यादा है. – बुएयर

निर्धनता प्रकट करना निर्धन होने से अधिक दुखदायी होता है. – प्रेमचन्द

खुशी तन्दुरुस्ती है, इसके विपरीत उदासी रोग है. – हेली बर्टन

बहुत-सी तथा बड़ी गलतियाँ किए बिना कोई आदमी बड़ा और महान नहीं बनता. – ग्लेडस्टन

महापुरूषों का धन उनका सम्मान होता हैं. – चाणक्य

मूर्ख स्वयं को बुद्धिमान एवं वास्तविक बुद्धिमान स्वयं को मूर्ख समझते हैं. – शेक्सपीयर

मनुष्य को हमेशा यह नही सोचना चाहिए कि वो अपने जीवन में कितना खुश हैं, बल्कि यह सोचना चाहिए की उसकी वजह से दुसरे कितने खुश हैं. – अज्ञात

प्रेम एक ऐसा अनुभव है जो मनुष्य को कभी हारने नहीं देता, और घृणा एक ऐसा अनुभव है जो इंसान को कभी जीतने नहीं देता. – अज्ञात

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