सौरभ मिश्रा हिन्द की शायरी | Saurabh Mishra Hind Ki Shayari – इस आर्टिकल में युवा कवि सौरभ मिश्रा के द्वारा लिखी कुछ शायरी दी गई है. आशा करता हूँ कि आपको ये शायरी जरूर पसंद आएंगे। इन्हे जरूर पढ़े.
Saurabh Mishra Hind Ki Shayari
शिव शक्ति स्तुति
निवासतु जेहि केलाशहि धामी, जय महाकाल कालहि के स्वामी ।
गौरी चरन झुकाबहु माथा, गाबतु गुनई देव मुनि गाथा ।।
सब कुछ तेरे हाथ है
गिरने ना देगा तू मुझको, मेरा यह विश्वास है ।
अब सौंप दिया जीवन सारा, अब सब कुछ तेरे हाथ है ।।
चन्द्रशेखर आजाद
आज़ादी का दीवाना वो, आज़ाद अमर कहलाएगा ।
जब-जब आज़ाद हिंद की गाथा होगी, आज़ाद को गाया जाएगा ।।
छोटा भाई
मेरे हर ग़मो के दरिया को, वो पार करता है ,
परेशानी जब भी पुछु, तो इनकार करता है ।
हर मुश्किल आसा कर जाता, कैसे कह दूं खोटा है ,
कर्तव्यों में बड़ा है मुझसे, कहने को वो छोटा है ।।
मर्द
मर्द को दर्द कहा, दर्द बिन मर्द कहा ।
जो दर्द ना समझ सके, फिर मर्द ही वह मर्द कहा ।।
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