Quotes on Feticide Problem in Hindi – इस आर्टिकल में भ्रूण हत्या की समस्या पर विचार और कन्या भ्रूण हत्या पर विचार दिए हुए है.
भ्रूण हत्या ( कन्या भ्रूण हत्या ) क़ानून की नजर में एक अपराध है. लड़कों के अनुपात में लड़कियों की कम संख्या कहीं ना कहीं कन्या भ्रूण हत्या के तरफ इशारा कर रही है. कन्या भ्रूण हत्या और लड़कियों की घटती जनसंख्या एक बड़े समस्या को बुलावा देने जैसा है. खुद को और दूसरों को भी जागरूक बनाएं और भ्रूण हत्या जैसी समस्याओं को जड़ से खत्म करने का प्रयास करें।
Quotes on Feticide Problem in Hindi
कन्या भ्रूण हत्या का एक मुख्य कारण
दहेज़ प्रथा है. सरकार इसे कानूनी तौर
पर अपराध तो मानती है पर इसे रोकने
में सामर्थ्यहीन प्रतीत होती है.
गैर-क़ानूनी रूप से भ्रूण परीक्षण
और भ्रूण हत्या को रोकने के लिए
पर्याप्त प्रयास के बावजूद भी
लड़कों के अनुपात में लड़कियों का
अनुपात कम होता जा रहा है.
इंसान के रूप में
वे लोग जानवर होते है,
जिन्हें भ्रूण हत्या करते वक़्त
दया नहीं आती है.
मनुष्य के हाथ में गर्भ-परीक्षण
का औजार आया तो उसने भ्रूण हत्या
करनी शुरू कर दी. विज्ञान और लालच
ने मनुष्य को शैतान बना दिया।
सबसे अधिक दहेज शिक्षित
समाज में लिया जाता है और
भ्रूण परीक्षण और भ्रूण हत्या भी
सबसे अधिक शिक्षित समाज में
होता है.
कन्या भ्रूण हत्या पर विचार
कन्या भ्रूण हत्या के खून
जिनके हाथों में लग जाते है,
ना जाने वो कैसे घर जाकर
भर पेट खाना खाते है.
लड़कियों की घटती जनसँख्या
भविष्य की सबसे भयानक समस्या
हो सकती है. कन्या भ्रूण हत्या की
रोकथाम के लिए शिक्षित लोगो
को नैतिकता का भी पाठ पढ़ना होगा,
क्योंकि लिंग परीक्षण करने वाले
अशिक्षित लोग नहीं होते है.
लड़कियाँ ईश्वर का दिया सबसे
सुंदर वरदान है, अगर इस वरदान
का सम्मान नहीं करेंगे तो यह
अभिशाप में परिवर्ति हो जाएगा।
माँ का सम्मान और आदर करते है,
बहन की रक्षा के लिए तैयार रहते है,
पत्नी को जीवन साथी बनाते है,
फिर एक नन्ही सी बच्ची के प्रति
प्रेम, दया और उदारता क्यों नहीं
दिखा पाते है.
कन्या भ्रूण हत्या को रोकेंगे,
तभी सुखद भविष्य का बीज रोपेंगे।
Feticide Quotes in Hindi
जब कोई बीमार होता है,
तब हॉस्पिटल में नर्स बनकर
लड़कियाँ सेवा करती है,
बीमारी में जब घर होते है
तब बेटी और बहू बनकर लड़कियाँ
सेवा करती है. फिर यह शिक्षित
समाज भ्रूण हत्या क्यों करता है?
लिंग परीक्षण एक मशीन करता है.
यदि इंसान का उद्देश्य अच्छा है तो
वह मशीन एक वरदान है, यदि उद्देश्य
गलत है तो वह एक अभिशाप है.
बेटी बचाओं और बेटी पढ़ाओं।
का नारा बेवजह नहीं लगाया
जाता है. शिक्षित समाज होने
के बावजूद भी भ्रूण हत्या जैसी
समस्याएं बढ़ती जा रही है.
लड़कियों की घटती जनसंख्या
के पीछे मनुष्य का लोभ और
स्वार्थ है.
कन्या भ्रूण हत्या की समस्या को
साम, दाम, दंड और भेद से ठीक
करना होगा। कन्याओं के पक्ष में
वातावरण बनाया जा रहा है.
यह सही कदम है. कित्नु अभी
भ्रूण-हत्या के दोषियों को दंडित
नहीं किया जा रहा.
जब तक यह सृष्टि भगवान के हाथों में रहती है, तब तक उसमें संतुलन बना रहता है. इसे ऐसा भी कहा जा सकता है कि प्रकृति जब तक प्राकृतिक रूप से चलती है तब तक संतुलन बना रहता है. जैसे ही मनुष्य हस्तक्षेप करता है, सृष्टि में विकृति आ जाती है.
कन्या भ्रूण हत्या का जिम्मेदार सिर्फ इंसान है. लिंग परीक्षण की मशीन तो मानवजाति के भलाई के लिए बनाई गई लेकिन मनुष्य का लोभ और स्वार्थ इतना बढ़ गया कि वह भ्रूण हत्या करना शुरू कर दिया। दुर्भाग्य से दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ जैसे उन्नत इलाकों में भी कन्याओं की संख्या तेजी से गिरती जा रही है. इसका एकमात्र कारण – गर्भ में ही कन्या-भ्रूण की हत्या है.
हरियाणा के कुछ जिले और गाँव ऐसे हैं जिनमें 1000 पुरूषों की तुलना में कन्याओं की संख्या 650 रह गई है. यह चिंताजनक स्थिति है. ये 350 कन्याएं कहाँ गई? इनकी अकाल हत्या किसने की? क्या इनके हत्यारों को सजा मिली या ये सम्मानित माता-पिता या सास-ससुर बनकर शान से जीवित है? इन्हें दंड कौन देगा? दूसरा प्रश्न है कि हजार में से 350 लड़के कुँआरे रह जायेंगे। इनके लिए बहू कहाँ से आएगी? क्या लड़कियों को खरीदा जायेगा? क्या विदेशों से मगाया जाएगा? या कुछ लड़के कुँवारें ही जियेंगे? कुँआरे जियेंगे तो समाज में कैसा उत्पात मचाएंगे ? उनकी शारीरिक भूख उन्हें कैसा जानवर बना डालेगी। आज 3-3 साल की बच्चियों कर 65-70 साल की वृद्धाओं के साथ भी बलात्कार हो रहे है. आखिर इस तरह समाज किस नरक में जाएंगा? क्या इन बलात्कारों से बचने के लिए वैश्यावृति को इजाजत देनी पड़ेगी। ये सब डरवाने प्रश्न है.
भ्रूण हत्या पर सरकार को कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान करना चाहिए। ताकि इस समस्या को जड़ से मिट्या जा सके. भ्रूण हत्या के दोषियों को दण्डित किया जाना चाहिए। इन्हें कारावास दिया जाना चाहिए और सामजिक बहिष्कार भी होना चाहिए।
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