दरोगा पर शायरी
दिन-रात मेहनत करके भला किया,
जवानी को धूप में जला दिया,
कुछ पुलिस वालो ने देश के लिए
अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया।
हो चुका है आग़ाज़ रण का,
है भाग्य बदलने की तैयारी,
चमकेंगे सितारे उसी के कंधे
जिसका संघर्ष अभी है जारी।
पुलिस के लिए दो लाइन शायरी
खाकी वर्दी वालो पर देश की जिम्मेदारी होती है,
यूँ ही नहीं इस वर्दी में इतनी खुद्दारी होती है.
तेरे ही शहर में तुझे सरहद दिखाएगी,
कभी खाकी से पूछना, सब बताएगी।
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