Motivational and Inspirational Poem By Amitabh Bachchan in Hindi ( तुम मुझको कब तक रोकोगे ) – अमिताभ बच्चन को कौन नहीं जानता है एक ऐसे महानायक जो किसी परिचय के मोहताज नहीं है. आपने अमिताभ बच्चन की फ़िल्में जरूर देखी होंगी लेकिन क्या आपने अमिताभ बच्चन की कविता सुनी है. यदि नहीं तो अमिताभ बच्चन की इस कविता को जरूर सुने.
यदि आप अपने जीवन में कुछ प्राप्त करना चाहते है या आप विद्यार्थी है तो इस कविता को अवश्य सुने. यह उन लोगों के लिए है जो खुद को कम आंकते है. यह कविता उन लोगों के लिए जिन्हें अपनी किस्मत से शिकायत रहती हैं. यह कविता उन लोगों के लिए है जो खुद को गरीब मानते हैं और जीवन में सफल न होने की वजह अपनी ग़रीबी को मानते हैं. इस कविता को जरूर सुने.
Motivational Poem By Amitabh Bachchan in Hindi | अमिताभ बच्चन की मोटिवेशनल कविता
(Video Courtesy: YouTube/the Indian Motivation channel)
मुठ्ठी में कुछ सपने लेकर
भर कर जेबों में आशाएँ
दिल में है अरमान यहीं
कुछ कर जाएँ कुछ कर जाएँ
सूरज सा तेज नहीं मुझमें
दीपक सा जलता देखोगे
आपनी हद रौशन करने से
तुम मुझको कब तक रोकोगे
मैं उस उस माटी का वृक्ष नहीं
जिसको नदियों ने सीचा है,
बंजर माटी में पलकर मैंने
मृत्यु से जीवन खीचा है.
मैं पत्थर पर लिखी इबारत हूँ
शीशे से कब तक तोड़ोगे
मिटने वाला मैं नाम नहीं
तुम मुझको कब तक रोकोगे
तुम मुझको कब तक रोकोगे
इस जग में जितने जुल्म नहीं
उतने सहने की ताकत है
तानों के शोर में भी रहकर
सच कहने की आदत है
मैं सागर से भी गहरा हूँ
तुम कितने कंकड़ फेकोगे
चुन चुन कर आगे बढूंगा मैं
तुम मुझको कब तक रोकोगे.
झुक झुक कर सीधा खड़ा हुआ,
अब फिर झुकने का शौक नहीं
अपने ही हाथों रचा स्वयं
तुमसे मिटने का खौफ़ नहीं
तुम हालातों की भठ्ठी में
जब जब मुझको झोकोगे
तब तप कर सोना बनूँगा
तुम मुझको कब तक रोकोगे
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