यदि अंधकार से लड़ने का संकल्प कोई कर लेता हैं,
तो एक अकेला जुगनू भी सब अन्धकार हर लेता हैं.
—
कायरता जिस चेहरे का श्रृंगार करती हैं,
मक्खी भी उसपर बैठने से इंकार करती हैं.
—
ये कैसे लोग हैं जो बम बनाते हैं,
इनसे अच्छे तो कीड़े हैं जो रेशम बनाते हैं.
—
तुम्हारे घर में दरवाजा हैं लेकिन तुन्हें ख़तरे का अंदाजा नही हैं,
हमे ख़तरे का अंदाजा हैं लेकिन हमारे घर में दरवाजा नही हैं.
—
सूरज पर प्रतिबंध अनेको, और भरोसा रातों पर,
नयन हमारे सीख रहे हैं, हंसना झूठी बातों पर.
—
उन का जो फ़र्ज हैं वो अहल-ए-वतन जानें,
मेरा पैगाम मोहब्बत हैं जहाँ तक पहुँचे.
—