लघु उद्योग दिवस | लघु उद्योग क्या है?

Laghu Udyog Diwas ( Laghu Udyog Kya Hai) – इस पोस्ट में आपको लघु उद्योग दिवस और लघु उद्योग क्या है? इसके बारें में जानकारी दी गयी हैं. इस पोस्ट को जरूर पढ़े.

लघु उद्योग दिवस ( Small Industry Day ) हर साल “30 अगस्त” को मनाया जाता हैं. यह दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य लघु उद्योगों को बढ़ावा देना और बेरोजगारों के लिए रोजगार पैदा करना हैं. भारत जैसे विकासशील देश में आर्थिक विकास के लिए लघु उद्योगों की महत्वपूर्ण भूमिका है. भारत के आर्थिक विकास में लघु उद्योग महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं. लघु उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार लघु उद्यमियों को समर्थन और सहयोग प्रदान करती हैं.

लघु उद्योग क्या है? | Laghu Udyog Kya Hai?

लघु उद्योग वह है जहाँ प्लाण्ट एवं मशीनरी में निवेश 25 लाख रूपये से अधिक लेकिन 5 करोड़ रूपये से कम होता है.” लघु उद्योग ( छोटे पैमाने की औद्योगिक इकाइया | Small Scale Industry) वे होती है जो मध्यम स्तर के विनियोग की सहायता से उत्पादन प्रारम्भ करती हैं. इन इकाइयों मे श्रम शक्ति की मात्रा कम होती है पर श्रमिको की आवश्यकता होती है और सापेक्षिक रूप से वस्तुओं एवं सेवाओं का कम मात्रा में उत्पादान किया जाता है.

लघु उद्योगों के उद्देश्य | Laghu Udyog Ke Uddeshay

  1. लघु उद्योगों का मुख्य उद्देश्य रोजगार के अवसरों में वृद्धि करते हुए बेरोजगारी एवं अर्ध बेरोजगारी की समस्या का समाधान करना है क्योंकि लघु उद्यमों के श्रम प्रधान होने के कारण उनमें विनियुक्त पूंजी की इकाई अपेक्षाकृत अधिक रोजगार कायम रखती है.
  2. दूसरा मुख्य उद्देश्य आर्थिक शक्ति का समान वितरण करना है. कुटीर व लघु उद्योगों से आर्थिक सत्ता का विक्रेन्द्रीयकरण होता है.
  3. लघु उद्योगों के माध्यम से औद्योगिक विक्रेन्द्रीयकरण सम्भव है. इससे देश का आर्थिक विकास प्रौद्योगिक सन्तुलन एवं क्षेत्रीय प्रौद्योगिक विषमता को कम करते हुए सम्भव होता है.
  4. श्रम प्रधान तकनीक के कारण श्रमिकों की बहुतायत रहती है. अतः आवश्यक है कि वे औद्योगिक शांति की स्थापना करें.
  5. लघु उद्योगों के माध्यम से देश की सभ्यता एवं संस्कृति सुरक्षित रहती है. अधिकाशतः लधु उद्योगों द्वारा कलात्मक एवं परम्परागत वस्तुओं का निमार्ण किया जाता है एवं अधिकांशतः ये उद्योग श्रम प्रधान तकनीक पर आधारित होते है जिससे उद्योगों में पारस्परिक सद्भावना सहकारिता, समानता एवं भ्रातृत्व की भावना को बल मिलता है.
  6. लघु उद्योगों का मुख्य उद्देश्य है कि वे प्राकृतिक साधानों का अनुकूलतम उपयोग करें.
  7. मानवीय मूल्यों की दृष्टि से ‘सादा जीवन उच्च विचार’ की भावना का सृजन करें.
  8. व्यापार संतुलन एवं भुगतान संतुलन को अनुकूल बनाने हेतु आवश्यक है कि ये अत्याधिक विदेशी मुद्रा का अर्जन करें.
  9. आम जनता को श्रेष्ठ वस्तुएं उपलब्ध कराना इनका मुख्य उद्देश्य है.
  10. भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए इनका उद्देश्य अधिक से अधिक श्रेष्ठ उत्पादन करना है.

लघु उद्योग मंत्रालय | Laghu Udyog Mantralay

‘लघु उद्योग मंत्रालय’ भारत में लघु उद्योगों की वृद्धि और विकास के लिए नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करता है. लघु उद्योगों का संवर्धन करने के लिए मंत्रालय नीतियाँ बनाता है और उन्‍हें क्रियान्वित करता है व उनकी प्रतिस्‍पर्धा बढ़ाता है। इसकी सहायता विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम करते हैं.

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