अन्तराष्ट्रीय अहिंसा दिवस | International Day of Non-Violence in Hindi

International Day of Non-Violence in Hindi – अन्तराष्ट्रीय अहिंसा दिवस प्रतिवर्ष 2 अक्टूबर को मनाया जाता हैं, जो कि भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी का जन्म दिन हैं. गाँधी जी का इंडिया के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान था और इस स्वतंत्रता संग्राम में उन्होंने अहिंसा के विचार का प्रचार-प्रसार किया. अहिंसा गांधी जी का प्रमुख हथियार था.

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने ने 15 जून, 2007 को एक प्रस्ताव पारित कर दुनिया से यह आग्रह किया था कि वह शांति और अहिंसा के विचार पर अमल करे और महात्मा गाँधी के जन्म दिवस को “अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस ( Antarrashtreey Ahinsa Divas )” के रूप में मनाए.

इतिहास | History

अहिंसा की नीति के जरिये विश्व भर में शांति के संदेश को बढ़ावा देने में गांधी जी का महत्वपूर्ण योगदान है, इसलिए गांधी जी के जन्मदिन 2 अक्टूबर को ‘अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस ( International Day of Non-Violence )‘ के रूप में मनाने का फ़ैसला किया गया. “संयुक्तराष्ट्र महासभा” में भारत के द्वारा रखे गये प्रस्ताव का भरपूर समर्थन किया गया. महासभा के कुल 191वें सदस्य देशों में से 140 देशों ने इस प्रस्ताव को अपनी स्वीकृति प्रदान की. इनमें अफगानिस्तान, नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान जैसे भर के पड़ोसी देशों के अलावा अफ्रीका और अमेरिका महाद्वीप के कई देश भी शामिल थे. 15 जून, 2007 को महासभा द्वारा पारित संकल्प में कहा गया कि- “शिक्षा के माध्यम से जनता के बीच अहिंसा का व्यापक प्रसार किया जाएगा“.

महात्मा गांधी के अहिंसा पर विचार | Views of Mahatma Gandhi on Non-Violence

गाँधी जी एक धार्मिक व्यक्ति थे. उनका धर्म हिन्दू धर्म तक ही सीमित नहीं था, बल्कि इनमें सभी धर्मों के नैतिक सिद्धांत शामिल थे. वे कहते थे कि राजनीति और धर्म दोनों एक ही वस्तु के दो पहलू हैं. उनके धर्म ने ही उन्हें राजनीति में खीच लिया था. उनके धर्म का आधार सत्य और अहिंसा था. गांधी जी के मतानुसार – “अहिंसा का अभिप्राय है, असीम प्रेम. यह सबसे बड़ा नियम है. केवल इसी के द्वारा ह मानव जाती को बचाया जा सकता हैं. अहिंसा अरु सत्य एक-दुसरे से अभिन्न है और दोनों एक-दुसरे की पूर्व कल्पना करते है. अहिंसा वीरों का शस्त्र हैं. अहिंसा का पालन करने वाला व्यक्ति तलवार की शक्ति रखता हुआ भी कभी तलवार नहीं उठाता“.

अहिंसा पर अनमोल विचार | Non-Violence Day Quotes in Hindi

अहिंसा ही धर्म है, वहीं जिन्दगी का एक रास्ता हैं. – महात्मा गांधी

अगर आप सोचते हो कि मेरी अहिंसा से कायरता ही पैदा होगी तो आपको उसे छोड़ देने में जरा हिचकना नहीं चाहिए. – महात्मा गांधी

नम्रता की चरम सीमा का नाम ही तो अहिंसा हैं. – महात्मा गाँधी

मनुष्य क्रोध को प्रेम से, पाप को सदाचार से, लाभ को दान से और मिथ्या-भाषण को सत्य से जीत सकेगा. – गौतम बुद्ध

जीव-मात्र की अहिंसा स्वर्ग को देने वाली हैं. – शंकराचार्य

अहिंसा का मतलब इतना ही नहीं है कि हम किसी का बुरा नहीं चाहेंगे और नहीं करेंगे, बल्कि हर किसी का भला सोचेंगे और भला करने के लिए आगे बढ़ेंगे. – जैनेन्द्र कुमार

जिस भांति भौंरा फूलों की रक्षा करता हुआ मधु को ग्रहण करता है, उसी प्रकार मनुष्य को हिंसा न करते हुए अर्थों का ग्रहण करना चाहिये. – विदुर

अनेको को जो एक रखती हैं, भेदों में अभेद को ढूंढती है, वही अहिंसा है. – विनोबा

जैसे साधु की पहचान उसकी साधुता हो सकती है, न कि वेष; वैसे ही अहिंसा की पहचान आचरण से होगी न कि कहने से. – जैनेन्द्र कुमार

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अहिंसा दिवस पर दोहें | Non-Violence Day Dohe in Hindi

पीर सबन की एक सी, मूरख जानत नाहि |
काँटा चुभे पीर है, गला काटि को खाई ||
मलूकदास


करूणा क्षमा है क्लीव जाति के कलंक घोर,
क्षमता, क्षमा ही शूरवीरों का सिंगार हैं.
रामधारी सिंह ‘दिनकर.


क्या बकरी क्या गाय है, क्या अपनों जाया |
सबको लोहू एक है, साहिब फरमाया ||
पीर पैगम्बर औलिया, सब मरने आया |
नाहक जीव न मारिये, पोषन को काया ||
गुरूनानक


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