Interesting Facts about National Flag in Hindi – हमारे देश भारत का राष्ट्रीय ध्वज जिसे तिरंगा कहते हैं, यह ध्वज तीन रंगों (केसरिया, सफेद व हरा रंग) की पट्टियों, बीच वाली सफेद पट्टी में नीले रंग का 24 तीलियों वाला अशोक चक्र सुशोभित ध्वज हैं. लम्बाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 होता हैं.
राष्ट्र ध्वज की व्याख्या – ऊपर केसरिया रंग की पट्टी जो देश की शक्ति और साहस का प्रतीक हैं. नीचे हरे रंग की पट्टी उर्वरता, वृद्धि और भूमि की पवित्रता प्रतीक हैं और बीच में सफ़ेद रंग की पट्टी धर्म चक्र के साथ शान्ति और सत्य का प्रतीक हैं. इस धर्म चक्र को विधि का चक्र कहते हैं जो तृतीय शताब्दी ईसा पूर्व मौर्य सम्राट अशोक द्वारा बनाए गए सारनाथ की लाट से से लिया गया है. इस चक्र में 24 तीलियों का अर्थ हैं कि दिन-रात 24 घन्टे जीवन गतिशील हैं और रूकने का मतलब मृत्यु हैं.
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के बारे में दिलचस्प तथ्य | Interesting Facts about Indian National Flag in Hindi
- भारत के राष्ट्र ध्वज की अभिकल्पना ( The Design ) “पिंगली वेकैया” ने की थी.
- इस ध्वज को 15 अगस्त, 1947 को अग्रेजों से भारत की स्वतंत्रता के कुछ दिन पहले 22 जुलाई, 1947 को आयोजित भारतीय संविधान-सभा की बैठक में अपनाया गया था.
- तीस विभिन्न देशो के राष्ट्रीय ध्वज पर “पिंगली वैंकया” ने पांच सालों तक शोध किया और फिर भारतीय ध्वज के लिए सोचा. 1921 में विजयवाड़ा में, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में वैंकया पिंगली महात्मा गांधी से मिले और उन्होंने अपने द्वारा डिजाईन किया लाल और हरे रंग से बना झंडा दिखाया. कांग्रेस पार्टी के सारे अधिवेशन में इस झंडे का प्रयोग किया जाने लगा, पर इसके लिए कोई आधिकारिक स्वीकृति नही थी.
- स्वतंत्रता प्राप्ति से कुछ दिन पहले संविधान सभा ने राष्ट्रध्वज को संशोधित किया और इस संसोधन में चरखे की जगह अशोक चक्र ने ले लिया.
- भारतीय ध्वज, स्वतंत्र भारत की पहली डाक टिकट, 21 नवम्बर 1947 को विदेशी पत्राचार के लिए जारी की गयी.
- 26 जनवरी 2002 को भारतीय ध्वज संहिता में संशोधन किया गया और स्वतंत्रता के कई वर्ष बाद भारत के नागरिकों को अपने घरों, कार्यालयों और फैक्ट्रियों आदि संस्थानों में न केवल राष्ट्रीय दिवसों पर, बल्कि किसी भी दिन बिना किसी रुकावट के फहराने की अनुमति हैं.
- राष्ट्र ध्वज को सम्भालने और प्रदर्शित करने के अनेक परम्परागत नियमों का पालन करना चाहिय. यदि खुले में झंडा फहराया जा रहा हैं तो सूर्योदय पर फहराया जाना चाहिए और सूर्यास्त पर उतार देना चाहिए. कुछ विशेष परिस्थितियों में ध्वज को रात के समय सरकारी इमारत पर फहराया जा सकता हैं.
- वर्ष 2002 से पूर्व, भारत के राष्ट्र ध्वज को राष्ट्रीय त्योहरों को छोड़कर आम जनता सार्वजनिक रूप से नही फहरा सकती थी. उद्योगपति, नवीन जिंदल ने, दिल्ली उच्च न्यायालय में इस प्रतिबन्ध को हटाने के लिए जनहित याचिका दे कर दी और इनके पक्ष को सभी ने स्वीकारा और २६ जनवरी २००२, को संशोधन किए जिसमें आम जनता को वर्ष के सभी दिनों झंडा फहराने की अनुमति दी गयी और ध्वज की गरिमा, सम्मान की रक्षा करने को कहा गया.
- भारत के राष्ट्रीय ध्वज में ऊपर की पट्टी का रंग केसरिया, बीच का रंग सफेद और उसपर चौबीस तीलियों का चक्र और नीचे की पट्टी का रंग हरा होना अनिवार्य हैं.
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