भारत के राष्ट्रपति के चुनाव की पूरी जानकारी | Indian President Election in Hindi

Indian President Election and Power in Hindi – भारतीय संविधान के अनुच्छेद 52 के अनुसार, भारत का एक राष्ट्रपति होगा, जो संघ कार्यपालिका का प्रधान होगा. भारत द्वारा अपनाई गयी संसदीय शासन प्रणाली में एक सरकार का कार्यकाल समाप्त होने पर दूसरी सरकार बनने में कुछ समय लगता हैं. इस अंतराल के लिए कार्यपालिका को संवैधानिक प्रधान के रूप में राष्ट्रपति का पद अनिवार्य हैं. इस प्रकार राष्ट्रपति हमारे देश की शासन व्यवस्था का एक अनिवार्य अंग हैं.

भारत में अब तक हुए राष्ट्रपति की सूची | Indian President List in Hindi

भारत में हुए अब तक के राष्ट्रपति के नाम और उनके कार्यकाल इस प्रकार हैं.

  1. डॉ. राजेन्द्र प्रसाद – (1950 – 1962)
  2. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ( 1962 – 1967 )
  3. डॉ. जाकिर हुसैन (1967 – 1969)
  4. श्री वराहगिरि वेंकट गिरी (1969 – 1974)
  5. फखरूद्दीन अहमद ( 1974 – 1977)
  6. नीलम संजीवा रेड्डी (1977 – 1982)
  7. ज्ञानी जैल सिंह (1982 – 1987)
  8. श्री आर. वेंकटरमण (1987 – 1992)
  9. डॉ. शंकर दयाल शर्मा (1992 -1997)
  10. श्री के. आर. नारायणन (1997 – 2002)
  11. डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम (2002 – 2007)
  12. श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल (2007 – 2012)
  13. प्रणव मुखर्जी (2012 – 2017)
  14. राम नाथ कोविंद (2017 – अब तक)

राष्ट्रपति पद की योग्यताएं | Qualification for the Post of President

  • राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार भारत का नागरिक हो.
  • उम्मीदवार 35 वर्ष की आयु पूरी कर चूका हो.
  • उम्मीदवार लोकसभा का सदस्य निर्वाचित होने की योग्यता रखता हो.
  • वह संघ सरकार या राज्य सरकार के अंतर्गत किसी लाभ के पद पर कार्यरत न हो.
  • वह संसद या राज्य विधान मंडल के किसी सदन का सदस्य नहों हो सकता हैं. यदि इनमे से किसी सदन का कोई
  • सदस्य अपने सेवाकाल में राष्ट्रपति पद पर निर्वाचित हो जाता है तो उसे पद ग्रहण करने की तिथि से सम्बंधित सदन की सेवा से त्याग पत्र देना होता हैं.

राष्ट्रपति का चुनाव | Election of President

भारत के राष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल द्वारा अनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के आधार पर एकल संक्रमणीय मतदान द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से होता हैं. अतः राष्ट्रपति का निर्वाचन जिस निर्वाचक मंडल द्वारा होता है उसमें संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य तथा राज्यों की विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य सम्मलित होते हैं. राष्ट्रपति केवल केन्द्रीय शासन का प्रधान न होकर सम्पूर्ण भारतीय संघ का प्रधान होता हैं, इसलिए विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्यों को भी इसमें शामिल किया जाता हैं. राष्ट्रपति के चुनाव में मनोनीत सदस्यों को भाग लेने का अधिकार नहीं होता है.

जब निर्वाचक मंडल का सदस्य मतदान करता है तो उसका मत “एक मत” के बराबर नहीं माना जाता. उसके मत की संख्या इस प्रकार निर्धारित की जाती है कि जितने व्यक्ति का वह प्रतिनिधित्व कर रहा है उसका भी आकलन हो. अतः विधानसभा के एक सदस्य के मत और संसद सदस्य के मत का निर्धारण एक समान हो इसके लिए एक सूत्र (फार्मूला) संविधान में वर्णित किया है.

किसी भी राज्य की विधान सभाओं के सदस्य के मतों की संख्या = (राज्य की जनसंख्या / राज्य विधानसभा के निर्वाचित सदस्यों की संख्या ) / 1000

संसद के प्रत्येक सदन के प्रत्येक निर्वाचित सदस्यों के मतों की संख्या = समस्त राज्यों की विधानसभाओं के समस्त सदस्यों को प्राप्त मतों की संख्याओं का कुल योग / संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्यों की संख्या

राष्ट्रपति का कार्यकाल

संविधान के अनुसार राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष निर्धारित किया गया है लेकिन इसके पूर्व भी राष्ट्रपति का पद कुछ परिस्थितियों में रिक्त हो सकता हैं.

  • राष्ट्रपति स्वेच्छा से त्यागपत्र दे सकता है.
  • महाभियोग द्वारा पद से हटाना

इस स्थिति में राष्टपति का निर्वाचन पुनः 5 वर्ष की सम्पूर्ण अवधि के लिए होगा.

राष्ट्रपति को उसके पद से हटाया जाना या महाभियोग | Removing the President from his Post or Impeachment

यदि राष्ट्रपति संविधान का उलंघन करता है तो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 61 की व्यवस्था के अनुसार उस पर महाभियोग लगाकर उसे उसके पद से हटाया जा सकता है. महाभियोग का प्रस्ताव संसद के किसी भी सदन में प्रस्तुत किया जा सकता हैं. इस प्रस्ताव की सूचना सदन को 14 दिन पूर्व प्राप्त हो जानी चाहिए और प्रस्ताव की सूचना पर उस सदन में जिसमें वह प्रस्तावित किया गया हैं, सदस्यों की कुल संख्या के कम से कम दो तिहाई बहुमत से पारित हो जाता है तो उसे दुसरे सदन में जाँच हेतु भेज दिया जाता है. द्वितीय सदन इस प्रस्ताव की जाँच स्वयं या अपनी समिति के द्वारा कराता हैं. जाँच के समय राष्ट्रपति को द्वितीय सदन में स्वयं अथवा अपने किसी प्रतिनिधि द्वारा अपना स्पष्टीकरण देने का अधिकार हैं. जाँच के समय राष्ट्रपति को द्वितीय सदन भी प्रथम सदन की भांति सदस्यों के दो तिहाई बहुमत से महाभियोग के प्रस्ताव को स्वीकार कर लेता है तो राष्ट्रपति पर महाभियोग सिद्ध समझा जाता है और उसी दिन से राष्ट्रपति को पाना पद त्यागना पड़ता हैं.

राष्ट्रपति और राष्ट्रपति चुनाव से सम्बंधित अन्य तथ्य | Other Fact related to President and President Election

  • हमारे देश में अब तक जो भी राष्ट्रपति निर्वाचित हुए है, उनमें डॉ. राजेन्द्र प्रसाद दो बार भारत के राष्ट्रपति चुने गये.
  • वर्तमान समय में राष्ट्रपति का वेतन प्रति माह रूपये 5,00,000/- मात्र है. साथ ही राष्ट्रपति को कई भत्ते और रहने के लिए एक फ्री निवास स्थान मिलता है. यह वेतन अप्रैल 2018 से लागू हुआ हैं. इसके पहले राष्ट्रपति का वेतन 1,50,000/- मात्र होता था.
  • भारत में संविधान लागू होने से अब तक एक भी ऐसा अवसर नहीं आया है, जबकि राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाया गया हो.
  • राष्ट्रपति को अपना पद ग्रहण करने से पूर्व सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश के समक्ष शपथ लेनी होती है और उस पर हस्ताक्षर करने होते हैं.
  • राष्ट्रपति चुनावों की घोषणा तत्कालीन राष्ट्रपति के द्वारा की जाती है और इस चुनाव को कराने की जिम्मेदारी भारत के चुनाव आयोग ( Election Commission of India ) की होती हैं.
  • यद्यपि संविधान द्वारा राष्ट्रपति के पुनर्निर्वाचन के लिए कोई प्रतिबन्ध नहीं लगाया गया है फिर भी यह एक संवैधानिक परम्परा विकसित हो रही है कि कोई व्यक्ति दो बार से अधिक राष्ट्रपति पद पर निर्वाचित नहीं होगा.

राष्ट्रपति के अधिकार अथवा शक्तियाँ एवं कर्तव्य | Power and Functions of The President

संघीय सरकार की समस्त कार्यपालिका शक्तियाँ संविधान द्वारा भारत के राष्ट्रपति को प्रदान की गयी है परन्तु भारत में संसदीय लोकतंत्र होने के कारण राष्ट्रपति अपनी शक्तियों के प्रयोग और कर्तव्यों के सम्पादन हेतु मंत्रिपरिषद के अनुसार एवं परामर्श पर निर्भर है. अतः व्यवहार में परम्परा के अनुसार राष्ट्रपति की समस्त वास्तविक शक्तियाँ मंत्रिपरिषद में निहित होती हैं. राष्ट्रपति के पास दो प्रकार की शक्तियाँ है.

  • राष्ट्रपति की सामान्यकालीन शक्तियाँ और कर्तव्य
  • राष्ट्रपति की संकटकालीन शक्तियाँ और कर्तव्य

सामान्यकालीन शक्तियाँ और कर्तव्य | Normal Power and Rights of President

#1 – कार्यपालिका अथवा प्रशासनिक शक्तियाँ

  • नियुक्ति अथवा पद से हटाने की शक्ति
  • शासन संचालन सम्बन्धी शक्तियाँ
  • मंत्रिपरिषद सम्बन्धी शक्तियाँ
  • प्रशासन का अध्यक्ष
  • वैदेशिक मामलों से सम्बन्धी शक्तियाँ
  • सेना सम्बन्धी शक्तियाँ

#2 – विधायी शक्तियाँ

  • संसद के संगठन सम्बन्धी शक्तियाँ
  • संसद के अधिवेशन से सम्बंधित शक्तियाँ
  • विधेयकों पर निषेधधिकार सम्बन्धी शक्तियाँ
  • अध्यादेश जारी करने की शक्ति

#3 – वित्तीय शक्तियाँ

  • बजट प्रस्तुत करने की शक्ति
  • वित्त विधेयको के प्रस्तुतिकरण पर पूर्व स्वीकृत सम्बन्धी शक्तियाँ
  • आकस्मिक निधि के नियन्त्रण सम्बन्धी शक्तियाँ
  • संचित निधि की व्यवस्था सम्बन्धी शक्ति
  • वित्त आयोग की नियुक्ति सम्बन्धी शक्ति

#4 – न्यायिक शक्ति

  • क्षमादान की शक्ति
  • उच्चतम न्यायालय से परामर्श की शक्ति
  • राज्यों से सम्बन्धी शक्तियाँ
  • राज्यों के विधेयकों पर स्वीकृति की शक्ति
  • राज्यों के वित्त पर नियंत्रण की शक्ति
  • संघीय कार्यों को राज्यों को सौपने की शक्ति

राष्ट्रपति की संकटकालीन शक्तियाँ और कर्तव्य | Emergency Power and Rights of President

  • युद्ध एवं बाहरी आक्रमण अथवा आंतरिक सशस्त्र विद्रोह से उत्पन्न संकट की स्थिति में.
  • राज्यों में संवैधानिक तंत्र के विफल होने से उत्पन्न संकटकालीन घोषणा
  • वित्तीय संकट की स्थिति में आपातकाल की घोषणा

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