Rajya Sabha Election in Hindi – राज्यसभा का सर्वप्रथम गठन 03 अप्रैल, सन् 1952 ई. को हुआ. राज्य सभा की पहली बैठक 13 मई, 1952 में हुई थी, जिसकी अध्यक्षता उपराष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने की थी. राज्यसभा के सदस्यों की अधिकत्तम संख्या 250 निश्चित की गयी हैं, परन्तु वर्तमान समय में यह संख्या 245 हैं. राज्यसभा में 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किये जाते हैं. इन्हें मनोनीत सदस्य कहा जाता हैं.
राज्यसभा का संगठन या रचना | Organisation or Structure of Rajya Sabha
राज्यसभा के सभी सदस्य 6 वर्ष के लिए चुने जाते हैं, जिनमे एक-तिहाई हर 2 साल में सेवा निवृत होते हैं. इन रिक्त हुए स्थानों की पूर्ति के लिए और पद भार सम्भालने के लिए पुनः चुनाव होते हैं. यदि राज्य सभा का कोई सदस्य अपनी स्वेच्छा से त्यागप्रत्र दे देता है या उकी आकस्मिक मौत हो जाती है, तो ऐसी स्थिति में पर को पुनः भरने के लिए उपचुनाव का प्रावधान हैं.
राज्य सभा का अधिवेशन वर्ष में दो बार होता है और इन दोनों बैठकों में लगभग 6 महीने का अंतर होता हैं. राज्य सभा का अधिवेशन तब ही बुलाया जाता है, जब लोकसभा का अधिवेशन होता हैं. परन्तु यदि देश में आपात काल की स्थिति हो और लोकसभा का विघटन हो गया हो, ऐसी स्थिति में राज्य सभा का विशेष अधिवेशन बुलाया जा सकता हैं.
राज्य सभा सदस्य की योग्यताएँ | Rajya Sabha Member’s Eligibility
संविधान के अनुच्छेद 102 के अंतर्गत राज्यसभा के उम्मीदवार के लिए निर्धारित योग्यताएँ निम्न हैं.
- उम्मीदवार भारत का नागरिक हो.
- वह 30 वर्ष की आयु पूरी कर चूका हो.
- भारत सरकार या किसी राज्य सरकार के अधीन किसी लाभ के पद पर न हो.
- संसद के अधिनियम द्वारा निर्धारित सभी योग्यताएँ पूर्ण करता हो.
- पागल व दिवालिया न हो.
- किसी न्यायालय द्वारा किसी फ़ौजदारी मामले में दो या दो से अधिक वर्ष के कारावास का दंड प्राप्त न हो.
राज्य सभा सदस्य का निर्वाचन | Rajya Sabha Member’s Election
राज्यसभा के सदस्यों का निर्वाचन अप्रत्यक्ष निर्वाचन प्रणाली से राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य एकल संक्रमणीय अनुपातिक प्रणाली के द्वारा करते हैं.
भारतीय संविधान के अनुसार राज्य सभा का गठन 250 सदस्यों के द्वारा किया जाता हैं, परन्तु वर्तमान में यह संख्या 245 ही हैं. इनमें से 12 सदस्य राष्ट्रपति के द्वारा मनोनीत किये जाते हैं जो साहित्य, समाज, विज्ञान और कला आदि क्षेत्रों में विशेष अनुभव रखने वाले व्यक्ति होते हैं. अन्य 233 सदस्यों को विभिन्न राज्यों से वहाँ के वर्तमान जनसंख्या के आधार पर चुना जाता हैं. राज्य सभा के सदस्यों का सामान्य चुनाव, क्षेत्र के विधायकों द्वारा किया जाता है. राज्य में जो पार्टी विजयी होती हैं वहीं अपने अधिक से अधिक एमपी को राज्यसभा में भेजती हैं.
राज्य सभा के विभिन्न पदाधिकारी | Various Office-bearers of the Rajya Sabha
- सभापति या अध्यक्ष – भारत का उपराष्ट्रपति ही राज्य सभा का सभापति या अध्यक्ष होता हैं. राज्य सभा का सभापति ही राज्य सभा का संचालन करता है और अनुशासन बनाये रखता हैं. राज्य सभा के नये सदस्यों को शपथ ग्रहण सभापति के द्वारा ही करवाया जाता हैं. राज्य सभा के सदस्यों के विपरीत राज्य सभा के सभापति या अध्यक्ष का कार्यकाल 5 वर्ष का ही होता हैं.
- उप-सभापति – राज्य सभा के सभी सदस्यों में से किसी एक को उपसभापति चुना जाता हैं. जब सदन में सभापति अनुपस्थित होता है, तो उस समय उपसभापति ही सभापति के दायित्यों को निभाता हैं.
- महासचिव – महासचिव की नियुक्ति राज्य सभा के सभापति द्वारा की जाती है और उनका रैंक संघ के सर्वोच्च सिविल सेवक के समतुल्य होता हैं. महासचिव गुमनाम रह कर कार्य करते हैं और संसदीय मामलों पर सलाह देने के लिए तत्परता से पीठासीन अधिकारियों को उपलब्ध रहते हैं. महासचिव राज्य सभा सचिवालय के प्रशासनिक प्रमुख और सभा के अभिलेखों के संरक्षक भी हैं. वह राज्य सभा के सभापति के निदेश व नियंत्रणाधीन कार्य करते हैं.
लोकसभा और राज्यसभा में अंतर | Differences in Lok Sabha and Rajya Sabha
- लोकसभा में सदस्य संख्या 545 है, जबकि राज्यसभा सदस्य संख्या 245 हैं.
- लोकसभा के सदस्यता के लिए सदस्य की आयु कम से कम 25 वर्ष होती हैं, जबकि राज्यसभा की सदस्यता के लिए सदस्य की आयु कम से कम 30 वर्ष होती हैं.
- लोकसभा जनता का सदन हैं और राज्यसभा संघ की इकाईयों एवं केन्द्रशासित प्रदेशों का विरिष्ठ सदन हैं.
- लोकसभा के सदस्य का कार्यकाल 5 वर्ष होता हैं, जबकि राज्यसभा के सदस्य का कार्यकाल 6 वर्ष का होता हैं.
- वित्त विधेयक केवल लोकसभा में ही प्रस्तुत किये जा सकते हैं, क्योंकि राष्ट्रीय वित्त पर लोकसभा का पूर्ण नियन्त्रण हैं.
राज्यसभा में विभिन्न राज्यों से मौजूद सदस्यों की संख्या
- आंध्रप्रदेश – 11
- अरूणाचल प्रदेश – 1
- असम – 7
- बिहार – 16
- छत्तीसगढ़ -5
- गोवा – 1
- गुजरात – 11
- हरियाणा – 5
- हिमाचल प्रदेश – 3
- जम्मू और कश्मीर – 4
- झारखंड – 6
- कर्नाटक – 12
- केरल – 9
- मध्यप्रदेश – 11
- महाराष्ट्र – 19
- मणिपुर – 1
- मेंघलय – 1
- मिजोरम – 1
- नागालैंड – 1
- दिल्ली – 3
- उड़ीसा – 10
- पौण्डीचेरी – 1
- पंजाब – 7
- राजस्थान – 10
- सिक्किम – 1
- तमिलनाडु – 18
- तेलंगाना – 7
- त्रिपुरा – 1
- उत्तर प्रदेश – 31
- उत्तराखंड – 3
- पश्चिम बंगाल – 16
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