मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता हैं,
जैसा वो विश्वास करता हैं, वैसा वह बन जाता हैं.
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जो हाथ सेवा के लिए उठते हैं,
वो प्रार्थना करते होंठो से पवित्र हैं.
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किसी का सरल स्वभाव उसकी कमज़ोरी नही होती हैं,
संसार में पानी से सरल कुछ भी नही हैं,
किन्तु उसका तेज बहाव बड़े-से -बड़े
चट्टान के टुकड़े-टुकड़े कर देता हैं.
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बाहर से जो व्यक्ति जितना अभिमानी होता हैं,
वह अंदर से उतना ही अधिक भयभीत होता हैं.
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इंसान खुद की नजरों में गिरकर कभी नही जी सकता हैं,
इसलिए ख़ुद की नजरों में अच्छा बने.
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एक ही बात इन हाथों के लकीरों में अच्छी है,
धोखा देती हैं लेकिन रहती हाथों में ही हैं.
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कड़वा इसलिए लगता हूँ क्योकि सच बोलता हूँ.
तुम कहों तो मीठा हो जाऊं फिर ये न कहना
कि बहुत झूठ बोलते हो यार…
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जो मुसीबतों से लड़ा नही,
उसने जीवन जिया ही नही.
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बादाम खाने से अक्ल आयें या न आये,
धोखा खाने से जरूर आ जाती हैं.
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फिर से मुझे मिटटी में खेलने दे ऐ जिन्दगी,
ये साफ़ सुथरी जिन्दगी मिटटी से ज्यादा
गन्दी नजर आती हैं.