मोबाइल पर कविता | Mobile Poem in Hindi

Mobile Poem Poetry Kavita in Hindi – इस आर्टिकल में मोबाइल पर कुछ बेहतरीन कवितायें दी गयी है। इन्हें जरूर पढ़े और पसंद आएं तो अपने दोस्तों के साथ भी साझा करें।

Mobile Poem in Hindi

मोबाइल एक ऐसा उपकरण है जो आजकल हमारे जीवन का मुख्य हिस्सा बन चूका है. इसका उपयोग और दुरूपयोग दोनों होता है. जो इसका सदुपयोग करते है उनके लिए मोबाइल एक वरदान है लेकिन जो इसका दुरूपयोग करते है उनके लिए मोबाइल एक अभिशाप है. फिलहाल इस बेहतरीन मोबाइल कविता का आनंद लीजिये।

मोबाइल ‘वरदान या अभिशाप’ पर कविता

सूरज तेजी से ढल रहा है,
जमाना रोज बदल रहा है,
एक फकीर ने टीवी पर
प्रवचन देते हुए कहा,
कि आप मोह माया से
दूर रहना चाहते है,
तो मुझे लाइक करिये और
साथ में मेरा यूट्यूब चैनल
सब्सक्राइब कीजिये,
आज नहीं तो कल होना चाहता है,
हर कोई वायरल होना चाहता है।
पहले मेरा बच्चा घर से बाहर जाता था,
तो मेरा जी घबराता था,
घड़ी पर नजर रहती थी,
समय पर नहीं आता था,
तो मैं पड़ोस में पूछने चला जाता था,
लेकिन अब मैं लाचार हूँ
क्योंकि खुद के ऊपर खुद का
बस नहीं चल रहा है,
मेरी आँखों के सामने
मोबाइल मेरे बच्चे को निगल रहा है।

ना मैं चिल्ला रहा हूँ,
ना किसी को बुला रहा हूँ,
इस घटना ने परेशान कर दिया है
अभी मैंने अपने बच्चे का
बचपन देखा नहीं
इस मोबाइल की दुनिया ने
उसे जवान कर दिया है।
ये मोबाइल जिसका भी आविष्कार है,
उसका सम्मान है क्योंकि इसका
हमारे जीवन में बड़ा योगदान है,
लेकिन इसके भीतर के कुछ
अविष्कारों ने हमें भोगी बना दिया है,
शरीर तो शरीर, मनोरोगी बना दिया है।

इसने हमारा सुकून छीना है,
इसने हमारा संस्कार छीना है,
एक साथ बैठकर बतियाने वाला
हमारा परिवार छीना हैं।
इसने छीना है
नई किताब की सुगंध को,
इसने छीन लिया है
निमंत्रण पत्र पर हल्दी की गंध को,
इसने घूंघट छीना है,
हर रात छीना है,
चैट की आड़ में
संवाद छीना है,
आप कहेंगे ये सब नुक्ताचीनी है,
कलेजे पर हाथ रखकर सोचेंगे
तो कलेजा फट जायेगा,
इसने जीवन जीने का आधार
अर्थात उत्सुकता छीनी है।

इस दुनिया ने कुछ अजीब सा परोसा है,
आज हमें गुरु से ज्यादा गूगल पर भरोसा है।
ये जो विज्ञान है
इसके पास शरीर के रोगो का समाधान है,
ना आत्मा का अनाद है, ना सुकून की बोली है
सुलाने के लिए तो बहुत कुछ है इसके पास
लेकिन जगाने के लिए एक छोटी सी गोली है।

अगर इस दुनिया से
आप चाहते है खुद को बचाना,
तो ज्यादा नहीं,
इस दुनिया से थोड़ा दूर होगा जाना,
वरना जिंदगी के
मखमली एहसास खो देंगे,
हरे-भरे जज्बात खो देंगे,
अभी यह निर्णय आपका है
आपको कैसे रहना है
कैसे जीना है
फुरसत में बैठकर सोचियेगा
इस मोबाइल ने आपसे क्या-क्या छीना है
अपने हौसले को बुलंद करना सीखिए,
मोबाइल चलाना तो सीख लिया है,
थोड़ी देर बंद करना सीखिए।
दिनेश बावरा (Dinesh Bawra)


Mobile Poem Video

पाहिले क पुरनिया अनपढ़ रहलन
पर मान सम्मान पर लड़त रहे
और दूई चार लोग रहे पढ़ल लिखल
कई गाँव का चिट्ठी पढ़त रहे.

धीरे-धीरे हर गउवे में
खम्भा पर टेलीफ़ोन गइल
PCO से मनई बतियावे
खाना एकदम सूख गइल

इ पढ़े लिखे वाले लड़िकन के
नइकी स्टाइल खा गइल
बेटवा, बाप, महतारी और
बिटियों मोबाइल पाई गइल

अब घरे घरे घंटी बाजे
गाना मोबाइल गावत बा
घर भर क परिवार लिपटकर
24 घंटा बातिवात बा

बेटवा कहे हेलो बाबू जी
प्रदेश में अपना पता है
जेतना कमाई ला ओसे ढेर
हमरे मोबाइलव क खर्चा है

आजकल क नईकी पीढ़ी
हमन क समझा गुरू होई गइल
एहर मोबाइल वहर मोबाइल
प्रेम कहानी शुरू होई गइल

पढ़े लिखे से मतलब ना
दिन भर मिसकलव मारलन
ओकरे मोबाइल में पैसा
अपने घरे से डारलन

काम न कउनो धंधा बा
आवरा बनके घूमलन
और एहर वहर से दोनों लोग
मोबाइलव पकड़ के चूमलन

नक्सलबाद आतंकबाद क तुरंत
मोबाइल खबर देत बा
लूट छिनैती और डकैती
यही मोबाइलव से मर्डर होत बा

भूत काल भविष्य काल
और वर्तमान काल क ख्याल करा
अपने मोबाइल क
गलत इस्तेमाल न करा.


बच्चों के लिए मोबाइल पर कविता

बच्चों को रखो दूर
मोबाइल से हुजूर
इसकी जो लत है
वो बड़ी ही गलत है।

जिस बच्चे को लगा
मोबाइल गेम का चस्का
उसकी पढ़ाई- लिखाई को
फिर लगा बड़ा ठस्का।

मोबाइल में जिसका
मन लग जाता है,
पढ़ाई से उसका
मन हट जाता है।

बच्चों से हरदम
मोबाइल रखना दूर
अगर इसे ज्यादा चलाएं
तो उन्हें डांटना जरूर।
कुमारी कविता


Poem on Mobile Addiction in Hindi

बच्चों और युवाओं को मोबाइल की लत लगना एक आम बात है। हर माता-पिता इससे परेशान हैं। कुछ बच्चे बिना मोबाइल के खाना नहीं खाते है। कुछ बच्चे मोबाइल में इतना घुस जाते है कि उनका पढ़ाई में मन नहीं लगता है। ऐसे में बच्चों को प्यार से समझाएं। उनके साथ वक़्त बिताएं।

यदि आप चाहते है कि आपके बच्चे मोबाइल कम से कम प्रयोग करें तो आपको भी कम-से-कम मोबाइल फ़ोन (Mobile Phone) और स्मार्ट फ़ोन (Smart Phone) का इस्तेमाल करना चाहिए। इस बेहतरीन कविता का आनंद लें और जीवन को बेहतर बनाएं।

इंसान से ज्यादा स्मार्ट
अब मोबाइल फ़ोन होने लगा है,
जिसकी जैसी सोच जैसी फितरत
उसका वैसा रिंग टोन होने लगा है।

सबके व्हाट्सऐप स्टेटस में
बाते होती है बड़ी ही निराली,
जबकि पूरा दिन बैठे हैं खाली,
ट्विटर पर देते एक-दूसरे को गाली।

कुछ लोगो के कानों पर
घंटों लगा रहता हैं मोबाइल,
अगर पास आती लड़की देखे ले
तो बेवजह मारे स्टाइल।

बच्चे अब घर के बाहर नहीं खेलते,
मोबाइल पर ही गेम खेलने लगे है,
जिस उम्र में पढ़ना और लिखना चाहिए
उस उम्र में ना जाने क्या-क्या देखने लगे है।

हर किसी के मन में जो बैठा है डर
उसका ये आगाज ना कर दे,
बच्चे इतना ना डूब जाएँ मोबाइल में
कि उन्हें यह बर्बाद करे दे।

मोबाइल की लत को
छोड़ा और छुड़ाया जाएँ,
कुछ वक़्त परिवार के साथ
बिना मोबाइल के बिताया जाएँ।
चक्रधारी पांडेय


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