आग शायरी | Aag Shayari

Aag Shayari Status Quotes in Hindi – इश्क़ की आग दिल में लगी होती है तो सुकून मिलता नहीं हैं. कई बार लोग कुछ ऐसा बोल देते है कि आग तन-बदन और दिमाग में आग सी लग जाती हैं. इस पोस्ट में बेहतरीन Aag Shayari दिए हुए हैं. इन्हें जरूर पढ़े.

आग को अच्छा या बुरा नहीं कहा जा सकता हैं. चूल्हें में लगी आग खाना पकाती हैं और पेट के आग को शांत करती हैं. लेकिन वहीं आग जब घरों में लग जाए तो हम दुखी हो जाते हैं. आग ठंड में राहत देती है तो गर्मी में उतना ही दुःख देती हैं. आग का अपना एक गुण हैं जो कभी नही बदलता. पर समय और वक्त के अनुसार ये सुख और दुःख देती हैं.

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आग शायरी | Aag Shayari

ये सीने की आग है,
यहाँ पानी का क्या काम?
किया हमने महज इश्क़ था,
कमबख्त किस्मत ही निकली बेईमान.


समझ के आग लगाना हमारे घर में तुम
हमारे घर के बराबर तुम्हारा भी घर है.
हफ़ीज़ बनारसी


कुछ लोग सितम करने को तैयार बैठे है,
कुछ लोग हम पर दिल हार बैठे है,
इश्क को आग का दरिया ही समझ लीजिये
कुछ इस पार तो कुछ उस पार बैठे हैं.
Aag Shayari


ना करो किसी से नफ़रत, नफ़रत आग लगा देती है,
प्यार की एक बूँद बड़ी से बड़ी आग बुझा देती है.
आग शायरी


मंजर ही हादसे का अजीबो गरीब था,
वो आग से जल गया जो नदी के करीब था.
Aag Shayari


आग का क्या है पल दो पल में लगती है,
बुझते बुझते एक जमाना लगता है.
कैफ़ भोपाली


Fire Shayari

हर बार दुआ ही दवा बने जरूरी नहीं,
आग लगे और धुँआ उठे जरूरी नहीं.
बाबू गांगिया


होठों के छुअन का एहसास अब तक है,
इन साँसों में अजीब सी आग अब तक है.


तुम पानी से आग बुझाते हो,
हम पानी में आग लगाते है,
तुम मंजिल की राहों पे चलते हो
हम अपनी राहों में मंजिल बनाते है.
Aag Shayari


आग सूरज में होती है जलना जमीन को पड़ता है,
मोहब्बत निगाहें करती है तड़पना दिल को पड़ता है.
आग शायरी


वक़्त की आग में पत्थर भी पिघल जाते है,
हसीं लम्हे टूटकर अश्कों में बह जाते है,
कोई साथ नहीं देगा इस जिन्दगी में हमारा
क्योंकि वक़्त के साथ इंसान बदल जाते हैं.


Fire Shayari in Hindi

इश्क़ जब दिल में उतर जाती है,
ये आग किसी से बुझाई नहीं जाती हैं.
Aag Shayari


आग दिल में लगी जब वो खफ़ा हुए,
महसूस हुआ तब, जब वो जुदा हुए,
कर के वफ़ा कुछ दे ना सके वो
पर बहुत कुछ दे गये जब वो बेवफा हुए.
आग शायरी


उसकी यादों में जलना भी एक बीमारी है,
मोहब्बत की आग से बचने में ही समझदारी है.


लगा के आग दिल में चले हो कहाँ हमदम,
अभी तो राख उड़ने पे तमाशा और भी होगा.
Aag Shayari


हमारी अफ़वाह के धुंए वहीं से उठते हैं,
जहाँ हमारे नाम से आग लग जाता हैं.


Aag Se Khelna Shayari

आग लगाना मेरी फितरत में नहीं है,
मेरी सादगी से लोग जले तो मेरा क्या कसूर.


दुनिया में कहाँ वफ़ा का सिला देते है लोग,
अब तो मोहब्बत की सजा देते है लोग,
पहले सजाते हैं दिलो में चाहतों का ख्व़ाब
फिर ऐतबार को आग लगा देते है लोग.
आग शायरी


जो ना समझ में आये उससे फ़ासला ही अच्छा,
इश्क़ का आग अक्सर आशिकों कर देता है राख.


वो जो आग बने फिरते थे,
उन्हें भी ख़ाक होते देखा है मैंने.
आग शायरी


आखिर क्यों बनाया मुझे ऐ बनाने वाले,
बहुत दर्द देते है ये जमाने वाले
मैंने आग के उजाले में कुछ चेहरे देखे
मेरे अपने ही थे मेरे घर को जलाने वाले.
Aag Shayari


Chingari Shayari

आज हम उनको बेवफ़ा बताकर आये है,
उनके खतों को पानी में बहाकर आये है,
कोई निकला न ले उन्हें पानी से
इसलिए पानी में भी आग लगा कर आये है.
आग शायरी


माचिस तो यूँ ही बदनाम है हुजूर,
हमारे तेवर तो आज भी आग लगाते हैं.


नजर से क्यूँ जलाते हो आग चाहत की,
जलाकर क्यूँ बुझाते हो आग चाहत की,
सर्द रातों में भी तपन का एहसास रहे
हवा देकर बढ़ाते हो आग चाहत की.
आग शायरी


चिंगारी का खौफ़ न दिया करो हमें,
हम अपने दिल में दरिया बहाये बैठे है,
अरे हम तो कब का जल गये होते इस आग में
लेकिन हम तो खुद को आंसुओ में भिगोये बैठे हैं.


आग शायरी

आग लगाने वालों को कहाँ खबर है,
रूख हवाओं ने बदला तो ख़ाक वो भी होंगे.


दिल से तेरी याद मिटाऊं कैसे,
इस घर में खुद आग लगाऊं कैसे.
Fire Shayari


उठा लो दुपट्टे को जमीन से
कहीं दान न लग जाएँ,
परदे में रखों चेहरे को
कहीं आग न लग जाएँ.


वादा करके निभाना भूल जाते है,
लगा कर आग फिर वो बुझाना भूल जाते है,
ऐसी आदत हो गयी है अब तो सनम की
रुलाते तो है मगर मनाना भूल जाते हैं.
Fire Shayari


सच्ची है मेरी मोहब्बत आजमा के देख लो
करके यकीन मुझ पर मेरे पास आ कर देख लो,
बदलता नहीं सोना कभी अपना रंग
जितनी बार दिल करे आग लगा कर देख लो.


Aag Shayari

जलाने आये थे वो, हाथ में चिराग ले कर,
लौट गये वापस, मुझसे थोड़ी आग ले कर.
Fire Shayari


शहर में बसने वाला गाँव हूँ मैं,
काँटों पर चलने वाला पाँव हूँ मैं,
यूँ ही आग नहीं है मेरे शब्दों में
धूप में जलने वाला छाँव हूँ मैं.
Aag Shayari


करीब आती हो तो आग लग जाती है,
दूर जाती हो तो जलने लगता हूँ.


मैं खुद को आग न कहता
तो भी वो उतना ही जलते
मुझे खबर है मेरे आस्तीन में
कितने जहरीले साँप है पलते.
Fire Shayari


हासिल होगी वो फतह भी,
तू तैयारी करके तो देख,
आग लगेगी फिर दिलों में
तू चिंगारी बनके तो देख.


लिपट कर मुझसे हर बार,
ये मुझमे ही उलझ जाते है,
मोहब्बत के दिए जैसे
बिन आग के सुलग जाते हैं.
Fire Shayari


राख को भी कुछ कम मत समझना जनाब,
अगर अंदर छिपे अंगारे सुलग गयें
तो शोले बनकर भड़कते हैं.


मुश्किल हालातों में चलना मुझे आता हैं,
पथरीली सी राहों में ढलना मुझे आता हैं,
सब कहते है कि मैं एक आग का गोला हूँ,
मगर अपनों की खातिर गलना मुझे आता हैं.
Fire Shayari


दिन महीने नहीं अब तो साल चल रहे है,
सीने में आग लो तुमने लगाई आज भी उसी में जल रहे है.


ये कैसी बरसात थी जो आग लगा कर चली गयी,
प्यास बुझाने आयी थी, आस जगा कर चली गयी.


Aag Aur Pani Shayari

चूमकर तुम्हारे लबों को पता चला,
आग और पानी का साथ कैसा होता हैं.
Aag Aur Pani Shayari


वो राही था किस राह का,
वो जो खुद से इश्क़ फरमाता रहा,
उसका घर जल गया पूरा
वो खुद की आग बुझाता रहा.


एक बार फिर वही ईनाम दे दो,
मुझे अपने लबों का जाम दे दो,
दो चार घड़ी से दिल भरता नहीं
मुझे एक सुहानी सी शाम दे दो.


आज खुद को आग लगा दी है,
देखूँ तो जरा कौन पानी कौन घी है.
Aag Aur Pani Shayari


भीगते रहे दोनों जलती हुई रात में,
किसने आग लगाई आज बरसात में.


इन अँधेरी गलियों में जलते चिराग नहीं,
आग से कभी बुझती आग नहीं.


नही जानती आग हूँ या दरिया हूँ,
बस ख़ुश हूँ कि दर्द बांटने का जरिया हूँ.
Aag Shayari


न धुँआ उठा, न आग लगी
और वो जल गये मेरे जीन के अंदाज से.
आग शायरी


आज तुझे बेहिसाब जलाने का इरादा है,
मेरा समन्दर में आग लगाने का इरादा हैं.
Aag Shayari


इक आग इस दिल की थी,
इक आग उस श्मशान की,
वहां कोई मरकर जल रहा था
यहाँ कोई जलकर मर रहा है.


तीली मांगी थी उनसे कान खुजाने को,
वो माचिस थमा गये आग लगाने को.


दिल जला है तो फिर आँखों में पानी क्यों हैं,
राख में उड़ती हुई तेरी मेरी कहानी क्यों हैं.
आग शायरी


नहीं पकने वाला मेरे पतीले का भात,
न इसमें चावल है, न चूल्हे में आग.


यूँ न देखों बेशर्म नजरों से
मैं पानी पानी हो जाती हूँ,
सुलगा क्र चले जाते हो आग
खुद को खुद में जला कर बुझाती हूँ.


किसी ने दगा किया
किसी ने दाग दिए,
जल रही है वो
सीने में आग लिए.
आग शायरी


पत्थर दो घर के घिसे बनी चिंगारी आग,
बहुरूपिये सेक गये रोटी कुटुंब हो गये ख़ाक.
आग शायरी


कुछ लोग है जो हमको आग समझते है,
और हम है कि जुगनुओं को भी चराग समझते हैं.


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