सर्दी पर कविता | Winter Poem in Hindi

Winter Poem in Hindi – इस पोस्ट में सर्दी पर कविता दी गयी है, जिनमे आपको Winter Love Poem, Winter Poem for Child, Winter Poem in Hindi, Funny Winter Poem आदि मिलेंगे। आशा करता हूँ कि आपको यह पोस्ट पसंद आएगा।

सर्दी पर कविता | Winter Poem in Hindi

ठंड का लोग बड़ी बेसब्री से इंतज़ार करते है क्योंकि गर्मी से बहुत ज्यादा परेशान हो जाते है. ठंड आने पर रातें लम्बी हो जाती है. जिसके कारण लोग खूब खाते और खूब सोते है. कई तरह के ऐसे पकवान होते है जिनका लुफ़्त आप केवल ठंड में ही ले सकते हैं. जो लोग खाने के शौक़ीन होते है उनके लिए यह मौसम सबसे प्रिय होता है. क्या आप ने बचपन में आग में आलू और शकरकंद को भून कर खाया है. उसका स्वाद लाजबाब होता है. मिठाई खाने का असली मजा ठंड में ही आता है. छिलके वाली भुनी हुई मुंगफली भारत में सबसे ज्यादा बिकती है. नीचे दिए सर्दी पर कविता को जरूर पढ़े.

Hindi Poem on Winter for Class 1, 2, 3, 4, 5

सर्दी लगी रंग जमाने
दांत लगे किटकिटाने
नई-नई स्वेटरों को
लोग गए बाजार से लाने।

बच्चे लगे कंपकंपाने
ठंडी से खुद को बचाने
ढूंढकर लकड़ी लाए
बैठे सब आग जलाने।

दिन लगा अब जल्दी जाने,
रात लगी अब पैर फैलाने
सुबह-शाम को कोहरा छाए
हाथ-पैर सब लगे ठंडाने।

सांसें लगीं धुआं उड़ाने
धूप लगी अब सबको भाने
गर्म-गर्म चाय को पीकर
सभी लगे स्वयं को गरमाने।

– प्रकाशचंद्र शिखरे

सर्दी पर कविता | Winter Love Poem in Hindi

ये ठंडी-ठंडी हवाएं
याद तेरी लाएं
वो कांपती हुई हमारी हाथें
और इक-दूजे की आँखों में आँखें
लालिमा लिए आता सूर्य
और चहचहाती चिड़ियों के नीचे
बिताया हुआ हमारा एक-एक पल
आज भी हुआ न कल
एक-दूजे को देख बस मुस्कुराते रहना
जुबां पे बातों का आकर अटक जाना
कभी आँखों को फेर, आसमां को ताकना
तो कभी चिड़ियों से कुछ गुफ़्तगू करना
दिल में अनकही बातों के लिए एक-दूजे से दूर जाना
जाते-जाते भी गर्दन गुमा एक-दूजे को निहारना
दिनों बाद आज सब याद आया है
ठंडी हवाओं ने मुझको मेरे खोया एहसास दिलाया है.

– सौरभ कुमार

ठंड पर कविता | Poem on Thand in Hindi

बचपन में हमें ठंड लगती सुहानी थी
जब पूरे घर में चलती हमारी मनमानी थी
स्कूल में पूरे 15 दिन की छुट्टी होती थी
वो भी दिन क्या मस्ती भरी होती थी

इन छुट्टियों में जी भर के खेलते थे,
ठंड से तनिक भी नहीं डरते थे,
हमको ठंड नहीं लगेगी सबसे
हम यही कहते थे

ठंड में माँ बहुत ख्याल रखती थी,
ठण्ड लग जायेगी बाहर मत जाना
हमेशा यही कहती रहती थी
लेकिन अब ये जवानी बहुत सताती है
गर्मी हो ठंड रोज ऑफिस का रास्ता दिखाती है.

सर्दी पर कविता | Funny Hindi Poem on Winter Season in Hindi

बारिश बीती ठंड आई,
बच्चों और जवानों के लिए खुशियाँ लाई
बूढ़ों की थोड़ी परेशानी बढ़ाई
पर सबने निकाल ली स्वेटर, कंबल और रजाई

मेरे नाना-नानी की हालत कड़कड़ाई
ओढ़ कर बैठे है कंबल और रजाई
बंदर टोपी लगाकर मेरी नानी शरमाई
अगर ठंड लग जाये तो खाना पड़ता है दवाई

नानी का बदंर टोपा देख सब जोर हँसे,
नानी ने मुझसे शीशा मंगवाया
फिर नानी को यह बंदर टोपा नहीं भाया
ठण्ड जाएँ भाड़ में नानी ने तो टोपा उतार बहाया।

ठंड पर कविता | Poems on Winter Season in Hindi

सफेद चादर में लिपटी कोहरे की धुंध
ले आई ठंड की कैसी चुभन,
कोहराम करती वो सर्द हवाएं
छोड़ जाती बर्फ से ठंडी सिहरने,
कोहरे का साया भी ऐसा गहराया
सूरज की लाली भी ना बच पाया,
अंधेरा घना जब धुंधलालाया
रात के सन्नाटों ने ओस बरसाया,
कैसी कहर ये ठंड की पड़ी
जहां देखो दुबकी पड़ी है जिंदगी,
अमीरों के अफसानों के ठाठ हजार
गरीबी कम्बलों से निहारती दांत कटकटाती,
ठिठुरती कपकपाती सर्द रातों में
आग की दरस की प्यासी निगाहें,
याद आती है अंगूठी के इर्द-गिर्द
चाय की चुस्कियां लेती हो मजलिसे,
तन को बेचैन करती कोहरे ओढ़ें
आती सुबह शुष्क हवाओं संग,
कैसी कहर ये ठंड की पड़ी
जहां देखो दुबकी पड़ी है जिंदगी।

Winter Poem in Hindi

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