Taqdeer Shayari | तक़दीर शायरी


बड़ी मुद्दत से मेरे दिल में एक तस्वीर बैठी है,
तेरी जुल्फों के छाँव में मेरी तकदीर बैठी हैं.


तकदीर बनाने वाले,
तूने भी हद कर दी,
तकदीर में नाम लिखा किसी और का
और दिल में चाहत किसी और की भर दी.


तकदीर के खेल से नाराज नहीं होते,
जिन्दगी में कभी उदास नहीं होते,
हाथों की लकीरों पे यकीन मत करना
तकदीर उनकी भी होती है जिनके हाथ नहीं होते.


मनचाहे रंगों से बने तो तस्वीर,
अनजाने रंगों से बने तो तकदीर.
Best Taqdeer Shayari


खुशियाँ तकदीर में होनी चाहिए,
तस्वीर में हर कोई मुस्कुराता हैं.


तकदीर ने यह कहकर बड़ी तसल्ली दी है मुझें,
कि वो लोग तेरे काबिल ही नहीं थे, जिन्हें मैंने दूर किया.


वक़्त सिखा देता है इंसान को फ़लसफ़ा जिन्दगी का,
फिर तो, नसीब क्या, लकीर क्या और तकदीर क्या.


छेड़-छाड़ करता रहा मुझ से बहुत नसीब,
मैं जीता तरकीब से हारा वही ग़रीब.


तकदीर का खेल बड़ा निराला होता हैं,
कभी न कभी तकदीर से हर कोई हारा होता हैं.
New Taqdeer Shayari


तकदीर बनाने वाले तूने कमी ना की,
किसको क्या मिला मुकद्दर की बात हुई.


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