प्रणाम का अर्थ | Pranam Meaning in Hindi

What is the Pranam Meaning in Hindi ( प्रणाम का अर्थ क्या है ) – भारतीय संस्कृति में बहुत सारी ऐसी चीजें है जिनका हर व्यक्ति जीवन में महत्व हैं. प्रणाम करना, भारतीय संस्कृति की एक परम्परा हैं जिसे वर्तमान समय में लोग भूलते जा रहे हैं.

क्या आप जानते हैं कि प्रणाम का अर्थ क्या होता हैं? या प्रणाम करने से क्या लाभ होते हैं? या प्रणाम करने के क्या महत्व है. ये सब जानने के लिए इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़े.

प्रणाम का अर्थ | Pranam Meaning

प्रणाम, प्रणत शब्द से बना है जिसका अर्थ होता हैं नम्र होना, विनीत होना या किसी सामने सिर झुकाना. यह परम्परा भारत में आदिकाल से ही हैं. सामान्य हिंदी भाषा और अंग्रेजी भाषा में प्रणाम का अर्थ इस प्रकार हैं –

प्रणाम = अभिवादन (हिंदी)
प्रणाम = Greetings (अंग्रेजी)

यह एक सम्मान बोधक शब्द हैं जिसका प्रयोग उम्र में बड़े लोग, रिश्तेदार, विद्वान्, गुरू आदि को सम्मान देने के लिए प्रयोग करते हैं जिसके बदले में वो प्रणाम करने वाले को आशीर्वाद देते हैं. प्रणाम करने और आशीर्वाद प्राप्त करने में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता हैं. इसलिए एक योग्य व्यक्ति को प्रणाम या नमस्कार करने में कभी भी संकोच न करें.

प्रणाम का महत्व | Importance of Pranam

प्रणाम के महत्व को जानने से पहले यह जानना जरूरी हैं कि हम प्रणाम करना कैसे शुरू करते हैं. इसका उत्तर अधिक्तर लोगों का यही होगा कि “घर के बुजुर्गों, माता-पिता या परिवार के उम्र में बड़े सदस्य, बच्चों को प्रणाम करना सिखाते हैं.” प्रणाम या नमस्कार करने का अर्थ है सामने वाले व्यक्ति को सम्मान देना. आइयें जानते हैं कि प्रणाम करने के क्या लाभ या महत्व हैं.

  • प्राचीन काल में दंडवत प्रणाम का विधान था जिसमें शिष्य गुरू के सम्मुख लेट जाते थे. गुरू के पैरों के अंगूठे से जो उर्जा प्रवाह होता था उसे शिष्य अपनी मस्तिष्क में धारण करता था. हाथ उठाकर भी आशीर्वाद देने का विधान हैं जिसमें ऊर्जा हाथों के ऊँगली से निकलती हैं. इस प्रकार यह कहा जा सकता हैं कि प्रणाम करने वाले को आशीर्वाद रूप में शक्ति मिलती हैं.
  • पुराणों में कहा गया है कि पूरे दिन में एक बार मनुष्य की जिभ्वा पर ज्ञान की देवी माँ सरस्वती का वास होता हैं और उस व्यक्ति के द्वारा कहे शब्द सच हो जाते हैं. इसलिए प्रणाम करने के बाद जो आशीर्वाद मिलता हैं उसके सत्य होने की सम्भावना अधिक होती हैं.
  • जब बच्चों को प्रणाम करना सिखाते हैं तो उनके स्वभाव में नम्रता आती हैं, जो जीवन को सफल बनाने के लिए बहुत आवश्यक है.
  • प्रणाम करने की वजह से बच्चों के मन में दूसरों को सम्मान देने की आदत को बढ़ावा मिलता हैं. इस पृथ्वी पर हर व्यक्ति सम्मान का भूखा होता हैं. सम्मान देना एक ऐसा गुण हैं जो व्यक्ति को महान बनाता हैं.

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