Ninda Kyon Nahi Karani Chahiye? – किसी की निंदा करना एक प्रकार का अवगुण है। निंदा करने से किसी के जीवन में कोई बदलाव नही आता है। बल्कि आप अहंकार में आ जाते है कि वो इस प्रकार का व्यक्ति है। जबकि मैं उससे अच्छा हूँ। निंदा करने की वजह से व्यक्ति स्वयं की बुराई नही देख पाता है।
जब निंदा करना एक आदत बन जाती है, तब इंसान हर वक़्त दूसरों में कमियाँ और बुराई ढूंढ़ने लगता है। उसका सकारात्मक नजरिया धीरे-धीरे नकारात्मक हो जाता है। निंदा करने से किसी को कुछ नहीं मिलता लेकिन कुछ लोग दूसरों की निंदा करके बड़ा खुश होते है। उन्हें निंदा में भी रस प्राप्त होता है।
निंदा क्यों नहीं करनी चाहिए?
- ज्यादातर लोग अपने रिश्तेदार, दोस्त, भाई-बंधु, परिवार और पड़ोसी की निंदा करते है। इन लोगो के साथ हमारा एक रिश्ता होता है फिर भी लोग निंदा करते है। ऐसा करने से हम इन सब लोगो का विश्वास खो देते है।
- किसी की निंदा करने से समय का नुकसान होता है। खुद को और दूसरे के विचारों को नकारात्मक बनाते है। माना क्षणिक आनंद आता है लेकिन इससे आप स्वयं का बड़ा नुकसान करते है।
- निंदा करने की वजह से आप एक बड़ी ऊर्जा व्यर्थ करते है। जिसका उपयोग आप अच्छे कामों में कर सकते है। निंदा करने वालो को कभी भी स्वयं की कमियाँ नही दिखती है।
- किसी की निंदा करना व्यक्ति के स्वयं की कमजोरी को दर्शाता है। जो व्यक्ति शिक्षित है जो अपने जीवन में सफल है या भविष्य में सफल होगा वो दूसरों की निंदा नही करता है। क्योंकि उसके पास इतने काम होते है कि किसी की निंदा का वक़्त ही नही मिलता है। जबकि निंदा करने वाले व्यक्ति को पता ही नही होता है कि जीवन में क्या करना है।
- निंदा करने की वजह से अपने आस-पास के लोगो का विश्वास खो देते है जिसकी वजह से लोग दूरी बनाने लगते है। निंदा करने वाले व्यक्ति जीवन में अकेलापन भी महसूस करते है। ऐसे लोगो के साथ दोस्ती ज्यादा दिन तक नही चलती है।
- अगर आप दूसरों की निंदा करते है तो अकेले में 10 मिनट सोचिये। क्या आप इन दुनिया में दूसरों की निंदा करने आये है? आपको उत्तर मिलेगा “नहीं”. फिर लोग किसी की निंदा क्यों करते है। हर कोई अपने आस-पास की सच्चाई जानता है।
- जीवन बड़ा ही सुंदर है। इसे व्यर्थ के अवगुण में उलझाकर इसकी सुंदरता को नष्ट न करें। अगर आप में दूसरों की निंदा करने की आदत है तो उसे तुरंत छोड़े।
अगर आप किसी में बुराई देखते है तो उस व्यक्ति से ही अकेले में उसकी बुराई बताइये। इससे उसमें सुधार होगा और आप निंदा करने से बच जाएंगे। अगर वह अच्छा व्यक्ति होगा तो आप के इस एहसान को कभी नही भूलेगा। अगर बुरा व्यक्ति होगा तो आपसे दूरी बना लेगा। इस प्रकार के निंदा में किसी का लाभ भी सम्भव है और इस प्रकार आप किसी के मदत भी कर पाएंगे।
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