Muharram Shayari Status in Hindi 2023 – मुहर्रम एक इस्लामिक त्यौहार है जिसे पूरे भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. इसी दिन हजरत रसूल के नवासे हजरत इमाम हुसैन अपने परिवार और 72 साथियों के साथ शहीद हो गए थे. जिनकी याद में मुहर्रम मनाया जाता है. इमाम हुसैन ने अपनी शहीदी कर्बला के मैदान में दिया था. इराक स्थित कर्बला में हुई यह घटना दरअसल सत्य के लिए जान न्योछावर कर देने की जिंदा मिसाल है.
मुहर्रम महीने के 10वें दिन को ‘आशुरा’ कहते है. जिस दिन इमाम हुसैन ने अपनी शहादत दी थी. मुहर्रम इस्लामी वर्ष यानी हिजरी सन् का पहला महीना है. अल्लाह के रसूल हजरत ने इस मास को अल्लाह का महीना कहा है. इस आर्टिकल में 40+ मुहर्रम शायरी दिए हुए हैं. Muharram Shayari in Hindi 2023.
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मुहर्रम एक ऐसा इस्लामिक त्यौहार है जिसे मातम के रूप में मनाया जाता है. और लोग विभिन्न तरीकों से अपना दुःख व्यक्त करते हैं. भारत में एक बहुत बड़ा हिन्दू वर्ग भी इस त्यौहार को मनाता है. पूरे दिन लोग उपवास करते जिसमें पानी तक नहीं पीते है. मुहर्रम ताजिया हजरत इमाम हुसैन कि याद में बनाया जाता है. और बड़े-बड़े जुलूस निकाले जाते है. बहुत जगह मुस्लिम समुदाय के लोग इस दिन अपने शरीर को कष्ट देकर मातम मनाते है.
Muharram Shayari in Hindi
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Muharram Shayari
जालिम का नाम मिट गया तारीख़ से मगर,
वो याद रह गए जिन्हें पानी नहीं मिला…
कुमार विश्वास
दुनिया करेगी जिक्र हमेशा हुसैन का,
इस्लाम जिन्दा कर गया सजदा हुसैन का.
किस कदर रोया मैं सुन के दास्ताने कर्बला,
मैं तो हिन्दू ही रहा आँखे हुसैनी हो गयी.
Muharram Shayari
साल तो पहले भी कई साल बदले,
दुआ है इस साल उम्मत का हाल बदले।
#मुहर्रम
ख़ुदा का जिस पर रहमत हो वो हुसैन होता है,
जो इन्साफ और सत्य के लड़ जाए वो हुसैन होता है.
मुहर्रम शायरी
कर्बला की शहादत इस्लाम बना गयी,
खून तो बहा था लेकिन कुर्बानी हौसलों की उड़ान दिखा गयी।
मुहर्रम शायरी
Muharram Shayari in Hindi

कर्बला की कहानी में कत्लेआम था
लेकिन हौसलों के आगे हर कोई गुलाम था,
खुदा के बन्दे ने दी कुर्बानी
जो आनेवाली नस्लों के लिए एक पैगाम था.
मुहर्रम शायरी
खुशियों का सफ़र तो गम से शुरू होता है,
हमारा तो नया साल मुहर्रम से शुरू होता है.
Happy Muharram
लफ़्जों में क्या लिखूं मैं शहादत हुसैन की,
कलम भी रो देता है कर्बला का मंजर सोचकर।
मुहर्रम पर शायरी
ज़िक्र-ए-हुसैन आया तो आँखें छलक पड़ी,
पानी को कितना प्यार है अब भी हुसैन से.
Mateen Ahmad
मिटकर भी मिट सके ना
ऐसा वो हामी-ओ-यावर
नेज़े की नोंक पर था
फिर भी बुलंद था सर.
एहतिशाम आलम
दिल थाम के सोचा लिखूं शान-ए-हुसैन में,
कलम चीख उठी कहा बस अब रोने दो.
मुहर्रम शायरी
हुसैन की शान में शायरी

क्या जलवा कर्बला में दिखाया हुसैन ने,
सजदे में जा कर सर कटाया हुसैन ने,
नेजे पे सिर था और जुबां पर अय्यातें,
कुरान इस तरह सुनाया हुसैन ने।
Muharram Shayari in Hindi
Shan e Hussain Shayari
वो जिसने अपने नाना का वादा वफ़ा कर दिया,
घर का घर सुपर्द-ए-खुदा कर दिया,
नोश कर लिया जिसने शहादत का जाम,
उस हुसैन इब्ने-अली पर लाखों सलाम.
Zamir Hashmi
सल्तनत ए यजीदी मिट गई दुनियां से
दिलों में हैं लोगों के बादशाहत ए हुसैन
शान लखनवी
सुन लो यज़ीदीयों, तड़पा नही हुसैन मेरा, पानी के लिए
दरिया ज़रूर महरूम था, लब-ए हुसैन को छूने के लिए।
Muharram Shayari
हुसैन का सम्मान शायरी
जन्नत की आरजू में कहा जा रहे है लोग,
जन्नत तो कर्बला में खरीदी हुसैन ने,
दुनिया-ओ-आखरत में रहना हो चैन सूकून से
तो जीना अली से सीखे और मरना हुसैन से।
Happy Muharram
अपनी सारी मुश्किलें
मुश्किल कुशा पर छोड़ दें
फैसला जो होगा हक
वो तू खुदा पर छोड़ दें
दास्तां इस्लाम की तुझसे
अगर पूछे कोई..
बात मदीने से शुरू कर
और कर्बला पर छोड़ दें
फलक पर शोक का बादल अजीब आया है,
कि जैसे माह मुहर्रम नजदीक आया है.
Muharram Shayari
सजदे में सर, गले पे खंजर और तीन दिन की प्यास
ऐसी नमाज़ फिर ना हुई……. कर्बला के बाद
Faiz ali
मुहर्रम की शायरी
करीब अल्लाह के आओ तो कोई बात बने,
ईमान फिर से जगाओ तो कोई बात बने,
लहू जो बह गया कर्बला में,
उनके मकसद को समझा तो कोई बात बने।
Muharram Ki Shayari
सिर गैर के आगे न झुकाने वाला
और नेजे पर भी कुरान सुनाने वाला,
इस्लाम से क्या पूछते हो कौन है हुसैन,
हुसैन है इस्लाम को इस्लाम बनाने वाला।
Muharram Sad Shayari
हुसैन तेरी अता का चश्मा दिलों के दामन भिगो रहा है,
ये आसमान में उदास बादल तेरी मोहब्बत में रो रहा है,
सबा भी जो गुजरे कर्बला से तो उसे कहता है अर्थ वाला,
तू धीरे गूजर यहाँ मेरा हुसैन सो रहा है।
Muharram Sad Shayari
सुनो मेरी क़ौम के नौनिहालों,
सफ़र की आज़माइशों से थक कर ना कहीं सो जाना
भूख और प्यास की शिद्दत में भी नेज़ों का बिस्तर,
इतना आसान नहीं है हुसैन हो जाना
– इजाज़ अहमद “पागल”
Muharram Sad Shayari
एक तरफ दरिया, एक तरफ प्यास थी
खुदा जाने अश्क़ को क्या आस थी
यज़ीद को दौलत पे बड़ा ग़रूर था
यहां हमारे हुसैन के चेहरे पे नूर था
पानी बन्द करके वो इतरा रहा था
यहां हमारे ईमान का परचम लहरा रहा था
कौन जाने क्या होगा, यज़ीद के मरने के बाद
इस्लाम होता है ज़िंदा हर कर्बला के बाद
Muharram Sad Shayari
Muharram Shayari in Urdu
شہادت سب کے حصے میں کہاں آتی ہے دنیا میں
میں تجھ پہ رشک کرتا ہوں، ترا ماتم نہیں کرتا!
शहादत सब के हिस्से में कहाँ आती है दुनिया में
मैं तुझ पे रशक करता हूँ तिरा मातम नहीं करता!
Muharram Sad Shayari
شہسوارِ کربلا کی شہسواری کو سلام
نیزے پر قران پڑھنے والے قاری کو سلام
شعیہ کیا ہیں سنی کیا ہیں… میں یہ سب تو نہیں جانتا
پر جس میں غم حسین نہیں میں اسے دل تو نہیں مانتا
कर्बला शायरी
सजदे से कर्बला को बंदगी मिल गयी,
सब्र से उम्मत को ज़िन्दगी मिल गयी,
एक चमन फातिमा का उजड़ा मगर
सारे इस्लाम को जिंदगी मिला गयी.
जिस तरह Diwali बिना Ali अधूरी है,
वैसे ही Muharram भी कहाँ बिन Ram मुकम्मल है.
ना जाने क्यों मेरी आँखों में आ गए आँसू,
सिखा रहा था मैं बच्चे को कर्बला लिखना।
Karbala Shayari
Karbala Shayari in Hindi
पानी का तलब हो तो एक काम किया कर,
कर्बला के नाम पर एक जाम पिया कर,
दी मुझको हुसैन इब्न अली ने ये नसीहत,
जालिम हो मुकाबिल तो मेरा नाम लिया कर।
लफ़्जों में क्या लिखूं मैं शहादत हुसैन की,
कलम भी रो देता है कर्बला का मंजर सोचकर.
Hussain Shayari
दुनिया ने देखी शान वो कर्बोबला में
ज़ो आख़री सज़दा किया मेरे हुसैन ने
हुसैन आप ही से बाग़ ए उल्फ़त में बहार है,
हुसैन आप ही से हर मोमिन के दिल को करार है,
हुसैन आप ही से यज़ीदियत की हार है
हुसैन आप की ही ज़माने पर सरकार है.
बनी दुनिया जिसके लिए..
रहे न वो अब यहाँ,
हुए कुर्बान इस क़दर
दे गए मिसाल ईमान की.
यूँ ही नहीं जहाँ में चर्चा हुसैन का,
कुछ देख के हुआ था जमाना हुसैन का,
सर दे के जो जहाँ की हुकूमत खरीद ली,
महँगा पड़ा यजीद को सौदा हुसैन का।
Muharram Shayari
न से चराग-ए-दीन जलाया हुसैन ने,
रस्म-ए-वफ़ा को खूब निभाया हुसैन ने,
खुद को तो एक बूँद न मिल सका लेकिन
करबला को खून पिलाया हुसैन ने।
मुहर्रम पर दिल को छु लेने वाली शायरी
ऐसी नमाज़ कौन पढ़ेगा जहां में,
सजदा किया तो सर ना उठाया हुसैन ने,
सब कुछ खुदा की राह में कुर्बान कर दिया,
असग़र सा फूल भी ना बचाया हुसैन ने।
मुहर्रम उर्दू शायरी
इमाम का हौसला इस्लाम जगा गया,
अल्लाह के लिए उसका फर्ज आवाम को धर्म सिखा गया।
अशुरा मुहर्रम शायरी
कर्बला की उस जमी पर खून बहा
कत्लेआम का मंजर सजा
दर्द और दुखो से भरा था जहा
लेकिन फौलादी हौसले को शहीद का नाम मिला
Imam Hussain Ki Shann Mein Shayari in Hindi
इस्लाम के चिराग में खून-ऐ-हुसैन है,
ता हश्र ये चिराग रहेगा जला हुआ…
Muharram Shayari Status in English
Kitne Khushnaseeb honge vo
72 Sipahi jinhone Maidan e karbala
me mere Hussain ke sath
Shaheedi paayi Hogi…
Aya wo mere dil me phir
ek naye gham ki tarah,
is baar bhi eid guzri
meri muharram ki tarah.
Imam Hussain Shayari in Hindi
आया वो मेरे दिल में फिर
एक नए ग़म की तरह,
इस बार भी ईद गुज़री
मेरी मुहर्रम की तरह.
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