Love Yourself in Hindi | खुद से प्यार करना क्यों जरूरी है?

Why is it important to love yourself in Hindi ( खुद से प्यार करना क्यों जरूरी है? ) – ख़ुद से प्यार करना, खुद को प्रेरित और उत्साहित करने का सबसे अच्छा और आसान तरीका है. हर व्यक्ति को लगता है कि वह स्वयं से प्यार करता है, परन्तु हकीकत में इंसान अपनी इच्छाओं का दास होता है. जिसकी वजह से क्षणिक आनन्द के लिए ज्यादातर कार्य करता है. क्षणिक आनन्द ही दुःख का कारण होता है.

जब किसी बच्चे का जन्म होता है तो वह अनेकों संघर्ष करके इस पृथ्वी पर आता है. लेकिन जब हम धीरे-धीरे बड़े होने लगते है तो ऐसे बहुत से क्षण जीवन में आते है. जब हम निराश हो जाते है. खुद में कमी ढूढ़ने लगते है. लड़ने से पहले ही हार मानने लगते है. मन में नकारात्मक विचार आने लगते है. इसका मुख्य कारण बाहर की दुनिया का हमारी अंदर की दुनिया पर ज्यादा प्रभाव पड़ना.

यदि नीचे दिए प्रश्नों के उत्तर “हाँ” है तो इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़े –

  • क्या आपको लगता है कि आपका जीवन व्यर्थ है?
  • क्या आपको लगता है कि आप जीवन में कुछ नहीं कर सकते है?
  • क्या आप जब खुद की दूसरों से तुलना करते है तो खुद को छोटा पाते है?
  • क्या आप खुद से नफ़रत करते है?
  • क्या आपके सपने अधूरे है?
  • क्या आप डरते है इसलिए कुछ नहीं करते है?

सर्वप्रथम आप यह जान ले इस दुनिया में हर व्यक्ति की कोई न कोई इच्छा अधूरी है. इसका मतलब यह नहीं है कि आप जीना छोड़ दे और खुद को आत्मग्लानि भरी नजरों से देखे. खुद से प्रेम करें और जीवन को एक नया आयाम दें.

ईश्वर ने आपको बहुत कुछ दिया है

लगभग सभी को ईश्वर हाथ, पैर, आख, नाक, दिमाग देकर ही इस पृथ्वी पर भेजता है. जिसके माध्यम से ही हम सारे कार्य करते है. इनके बिना कोई भी कार्य असम्भव है. व्यक्ति के जीवन में पैसे का महत्व इतना बढ़ता चला जा रहा है कि पास पैसा न हो तो खुद को कमजोर और हीन मान लेते है. लेकिन वो खुद की शक्ति को भूल जाते है.

शिक्षा पर किसी अमीर का एकाधिकार नहीं है. शिक्षा ही तय करता है कि आगे चलकर कौन क्या बनेगा. खुद को जितना हो सके उतना शिक्षित करे. अगर आपके घर वाले आपकी पढ़ाई का पैसा नही दे सकते है तो नौकरी करके कोई छोटा टेक्निकल कोर्स कर लो. क्योंकि शिक्षा आपकी सही रास्ता दिखाता है. और अशिक्षा आपको भ्रमित करता है.

बहुत से लोग ऐसे भी जिनकी शिक्षा बहुत अच्छी नही है फिर भी बड़े नेता, बिज़नस मैन, कारोबारी बनकर बड़े-बड़े कम्पनी को चला रहे है. जिन्दगी के खेल को समझना आसान नही होता है. किस्मत, मेहनत, परिश्रम, निष्ठा, ईमानदारी, अनुभव, शिक्षा आदि का फल होता है सफलता. सफल व्यक्ति बनने के लिए किसी डिग्री की जरूरत नही होती है. इंसान अपने अनुभव और परिश्रम से बनता है.

“ईश्वर को साक्षी मानकर ईमानदारी से अपना कार्य करते रहे. आपको जीवन में निश्चित ही सुख-शांति और समृद्धि मिलेगी.”

खुद का सम्मान करें

जब आप अपने आपको पहचान लेंगे तब आप समझ पायेंगे कि आप कुछ भी कर सकते है. अपनी बुद्धि और अपनी क्षमता का सम्मान करें. कभी यह न सोचे कि आपके पास कम दिमाग है या कम शक्ति है. इंसान अपनी इच्छा शक्ति से कोई इच्छित वस्तु प्राप्त करता है न कि शारीरिक शक्ति से. यदि आप खुद का सम्मान नही करेंगे तो लोग आपका सम्मान कैसे करेंगे. अपमान निराशा और नफ़रत को जन्म देता है जो इंसान की आत्मा को मार देता है.

आप चाहे गरीब हो या किसी छोटे पद पर हो. आपका सम्मान पाने का अधिकार होता है. यह अधिकार आपसे कोई नहीं छीन सकता है. सम्मान पाने के लिए सम्मान देना भी पड़ता है. जो हम देते है वही पाते है. स्कूल में कौन कार से जाता है या कौन पैदल जाता है. अध्यापक को इससे कोई मतलब नही होता है. वह उसे ही सम्मानित करता है जो कक्षा में प्रथम आता है.

“इंसान अपनी सोच से अधिक कर सकता है. हर इंसान में ईश्वर का वास होता है इसलिए आप खुद का सम्मान जरूर करें.”

हमेशा अपना बेस्ट दे

अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उतना परिश्रम करें जितना आप कर सकते है. कई बार हम परिश्रम करने में लापरवाही करते है और अपने भाग्य को कोसते रहते है. परिश्रम और सब्र का फल मीठा होता है. जब आप किसी जिम्मेदारी वाले पद को पाने का प्रयास करते है तब प्रकृति आपसे परिश्रम करवाती है और विभिन्न तरह से बाधा उत्पन्न करके आपको उसके योग्य बनाती है.

कर्म ही केवल इंसान के हाथ में है. फल तो ईश्वरीय शक्ति के पास होता है. आप अपने माँ-बाप से झूठ बोल सकते है लेकिन उस ईश्वर से झूठ नही बोल सकते है. कौन कितना परिश्रम ईमानदारी से करता है वो ईश्वर सब देखता है. इसलिए आप हमेशा अपना बेस्ट दें.

“जो व्यक्ति लक्ष्य की प्राप्ति में अपना सम्पूर्ण पुरुषार्थ लगा देते है. उन्हें हार और जीत से कोई फर्क नही पड़ता है. उनमें आत्म संतुष्टि होती है. ऐसे लोग ही सफलता के उच्च शिखर तक पहुँचते है.”

खुद के लिए समय निकाले

खुद के लिए समय निकालने से मेरा अभिप्राय है कि स्वस्थ्य रहने के लिए आप नियमित व्यायाम और योग करें. यदि आपकी कोई रूचि है तो उसके लिए समय निकाले. अपने परिवार, दोस्तों के लिए समय निकाले. यह समय आप अपने लिए निकालते है. इनसे आपको ख़ुशी मिलती है और आप स्वस्थ्य रहते है. संतुलित जीवन जीने में ही ख़ुशी है यदि आप सिर्फ पैसे के पीछे भाग रहे है तो बीमार होने पर आप सिर्फ पछतावा करेंगे कि स्वस्थ्य रहने के लिए कुछ समय व्यायाम या योग क्यों नही किया.

कामयाब होने पर लोग समय निकालकर आपके पास आयेंगे और नाकामयाब होने पर आपको समय निकाल कर उनसे मिलने जाना होगा और वो कम समय देंगे या न मिलने का कोई बहाना बना लेंगे. इसलिए अपना कीमती वक्त सिर्फ खुद को दे. जो खुद से प्रेम करते है उन्हें पूरी दुनिया प्रेम करती है.

“पहले खुद की मदत करें फिर दूसरों की मदत करें. पहले खुद के लिए समय निकाले फिर दूसरों के लिए समय निकालें. क्योंकि जो समय बीत गया वो दुबारा नही आता है.”

खुद को बेहतर बनाएँ

लोग सोचते है कि वो सिर्फ स्कूल और कॉलेज में ही सीखते है लेकिन हकीकत यह है कि जिंदगी के हर मोड़ पर हम कुछ न कुछ सीखते रहते है. सीखने की कोई उम्र नही होती है. यह सीखना ही हमें बेहतर बनाता है. हर कुछ नया सीखे या कुछ नया करें. आप खुद में एक नई उर्जा की अनुभूति करेंगे. स्वस्थ्य रहने के लिए जिस प्रकार संतुलित आहार और व्यायाम आवश्यक है. ठीक उसी प्रकार जीवन में सफल होने के लिए अपनी गलतियों से सीखना और अपने अनुभव से खुद को बेहतर बनाते हुए आगे बढ़ते रहें.

“सीखने की ललक ही इंसान को बेहतर बनाती है. जीवन उम्मीदों से भरा हुआ है सिर्फ आपको सही दिशा में प्रयास करना होता है.”

अपने विचारों में बदलाव लायें

मन के भाव या विचार ही आपके जीवन का उद्देश्य तय करते है. यदि विचार नकारात्मक है तो आप डर और निराशा के सागर में डूबकर सिर्फ अपना समय बर्बाद करेंगे. वही लोग खुद से प्यार करते है जिनके विचार सकारात्मक होते है. जो खुश रहते है, उत्साहित होकर जीवन में आगे बढ़ने का प्रयास करते रहते है.

किसी विषय या वस्तु के बारे में अनावश्यक रूप से सोच लेने से भी मन में निराशा और डर उत्पन्न हो जाता है. उदाहरण के लिए बहुत से लोग अपने जीवन व्यवसाय करना चाहते है लेकिन हानि के बारें में इतना अधिक सोच लेते है कि वो शुरू ही नही कर पाते है. विचार को हमेशा सकारात्मक रखे.

“विचार हमारे सोचने की दृष्टिकोण को बताते है कि हम सकारात्मक सोचते है या नकारात्मक सोचते है. यदि आप हर वक्त नकारात्मक सोचते है तो अपने विचारों में बदलाव लायें. अच्छे लोगो का साथ करे और अच्छी किताबे पढ़े. ”

परफेक्ट कोई नहीं है

इस दुनिया में सिर्फ दो ही चीज परफेक्ट है. एक वह जिसने जन्म न लिया हो और वह जो मर चूका हो. क्योंकि इन्हें किसी चीज की आवश्यकता नही होती है. अच्छाई और बुराई एक सिक्के के दो पहलू है. यदि कोई इंसान अच्छा है तो इसका मतलब यह नही कि उसके अंदर कोई बुराई नही है. ऐसा हो सकता है कि हमें सिक्के का एक ही पहलू दिखाई दे रहा हूँ. यदि कोई बुरा है तो इसका मतलब ये नही कि उसके अंदर अच्छाई नहीं है.

“खुद की कमियों को देखकर निराश मत होना. उन्हें दूर करने का प्रयास करना. अपनी कमियों को अपनी ताकत बनाने का प्रयास करना. जो प्रयास कर सकता है वो कुछ भी कर सकता है.”

हर व्यक्ति में कुछ खासियत होती है

हर इंसान के अंदर एक विशेष प्रतिभा होती है. जब इंसान अपने हुनर को पहचान लेता है तो उसे सफल होने से और जीवन में आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं पाता है. आपकी जिन्दगी में बहुत से ऐसे लोग मिलेंगे जो यह कहेंगे कि आप किसी लायक नहीं है. पर उनकी बात को नजरअंदाज करके आप खुद से सवाल करना कि आप क्या कर सकते है? आपका दिल जो भी जवाब दे. उसी कार्य या लक्ष्य में खुद को समर्पित कर दे.

“जिसने अपनी आत्मशक्ति को जान लिया और अपने हुनर को पहचान लिया वो इस दुनिया में कुछ भी कर सकता है.”

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