जयप्रकाश नारायण की जीवनी | Jayprakash Narayan Biography in Hindi

Jay Prakash Narayan Biography in hindi – भारत रत्न से सम्मानित लोकनायक जयप्रकाश नारायण एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता थे. इस महान नेता को सन् 1970 ई. में उस समय की तत्कालीन प्रधानमन्त्री श्रीमती इंदिरा गांधी के विरूद्ध विपक्ष का नेतृत्व करने के लिए जाना जाता हैं.

जयप्रकाश नारायण जीवन परिचय | Jayprakash Narayan Biography in Hindi

नाम – जयप्रकाश नारायण
उपनाम – जे. पी.
जन्म – 11 अक्टूबर, 1902
जन्म स्थान – सिताबदियरा, बलिया, उत्तरप्रदेश, भारत
माता – फूल रानी देवी
पिता – श्री हरसू दयाल
पत्नी – प्रभावती देवी
धर्म – हिन्दू
जाति – कायस्थ
शिक्षा – समाजशास्त्र में परास्नातक
शिक्षण संस्थान – कॉलेजिएट स्कूल, पटना, भारत
विश्वविद्यालय – कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय-बरकली विसकांसन विश्वविद्यालय
मृत्यु – 8 अक्टूबर, 1979
मृत्यु स्थान – पटना, बिहार, भारत
मृत्यु कारण – दिल का दौरा पड़ने से
पुरस्कार एवं सम्मान – भारत रत्न, मैग्सेसे पुरस्कार

जयप्रकाश नारायण का आरम्भिक जीवन | Early Life of Jayprakash Narayan

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान सेनानी जयप्रकाश नारायण ( Jayprakash Narayan ) का जन्म 11 अक्टूबर, 1902 को दशहरा के दिन गंगा यमुना के पावन दोआब क्षेत्र सिताबदियारा, बलिया उत्तर प्रदेश, भारत में हुआ था. बलिया स्वतंत्रता सेनानियों का गढ़ रहा हैं. लोकनायक जयप्रकाश नारायण के पिता श्री दयाल एक साधारण किसान थे. माता फूल रानी देवी धर्म परायण महिला थी.

जयप्रकाश नारायण का विवाह | Marriage of Jay Prakash Narayan

लगभग 18 वर्ष की उम्र में जयप्रकाश जी का विवाह ब्रज किशोर नारायण की पुत्री प्रभावती जी के साथ हुआ जो आजीवन जयप्रकाश जी के कार्यों में मौनभाव से सहयोग करती रही.

Jayprakash Narayan and His Wife
Jayprakash Narayan and His Wife

राजनीति में योगदान

सन् 1929 में अपनी उच्च शिक्षा खत्म करके विदेश से भारत लौटे. ये मार्क्सवादी विचारधारा के समर्थक थे. भारत आने के बाद इन्होने कांग्रेस पार्टी से जुड़ गये. जयप्रकाश नारायण महात्मा गांधी से बहुत प्रभावित थे और राजनीति के गुण गांधी जी से सीख रहे थे. सन् 1932 के दौरान अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ़ सविनय अवज्ञा आन्दोलन में भाग लिया और अंग्रेजी पुलिस ने इन्हें जेल के अंदर डाल दिया जहाँ इनकी मुलाकात राम मनोहर लोहिया, अशोक मेहता, सी. के. नारायणस्वामी, मीनू मस्तानी, बसवोन सिन्हा जैसे राष्ट्रीय स्तर के नेताओं से मुलाकात हुई. इन सबने मिलकर कांग्रेस में वामपंथी दल का निर्माण किया जिसे कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी के नाम से जाना जाता हैं. इस पार्टी के अध्यक्ष आचार्य नरेन्द्र देव और महासचिव जयप्रकाश नारायण बने.

सन् 1942 में हुए भारत छोड़ो आन्दोलन में जयप्रकाश नारायण और उनके साथियों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया जिसके कारण उन्हें फिर गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया. इन्हें अब प्रसिद्धि भी मिलने लगा. भारत के स्वतंत्र हो जाने के बाद इन्हें “आल इंडिया रेलवेमेन फेडरेशन” का अध्यक्ष बनाया गया. यह भारत का सबसे बड़ा श्रमिक दल हैं.

सन् 1960 में भारत की राजनीतिक स्थिति खराब होने लगी जिसके कारण जयप्रकाश नारायण ने फिर से राजनीति में आने का फैसला किया. सन् 1974 में देश की स्थिति और खराब हो गयी जिसके कारण चारों तरफ बेरोजगारी, महंगाई, वस्तुओ और सामानों की कमी और जनता भी काफी परेशान थी.

अप्रैल 1974 में पटना में मौन जुलूस निकाल जिस पर तत्कालीन सरकार ने लाठियाँ बरसाई. इसके बार जयप्रकाश नारायण जी ने पटना के “गांधी मैदान” में एक बड़ी सभा को सम्बोधित किया. देश की जनता भ्रष्टाचार, महंगाई, भूखमरी, अपराध आदि समस्याओं से परेशान थी. न्याय की कोई उम्मीद नहीं थी. सरकार तानाशाह हो चुकी थी. तब जयप्रकाश नारायण ने देश को “सम्पूर्ण क्रान्ति” के लिए आवाहन किया. बिहार के छात्रो के साथ मिलकर छात्र आन्दोलन शुरू कर दिए. फिर धीरे-धीरे आम जनता भी इस आन्दोलन से जुड़ने लगी. जयप्रकाश नारायण ने इस आन्दोलन को “शांतिपूर्ण सम्पूर्ण क्रांति” का नाम दिया.

आपातकाल के समय रामलीला मैदान में लोगो को संबोधित किया और इसके बाद इन्हें गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया गया. जेल में अचानक इनकी तबियत खराब होने लगी फिर इन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया. इनकी लोकप्रियता काफी बढ़ चुकी थी. इन्हें लोग एक लोकप्रिय नेता के रूप में जानने लगे थे.

जयप्रकाश नारायण द्वारा लिखी किताब | Books written by Jayaprakash Narayan

  • नेशन बिल्डिंग इन इंडिया ( Nation Building in India )
  • प्रिजन डायरी ( Prison Diary )
  • अ रिवोल्यूशनरीस क्वेस्ट ( A Revolutionary’s Quest )
  • टुवर्ड्स टोटल रेवोलुशन ( Towards Total Revolution )

पुरस्कार एवं सम्मान

  • 1999 – भारत रत्न (मरणोपरांत)
  • राष्ट्रभूषण सम्मान (ऍफ़आईआई फाउंडेशन)
  • 1964 – रेमन मैगसेसे पुरस्कार ( लोकसेवा के लिए )

जयप्रकाश नारायण की मृत्यु | Jayprakash Narayan Death

8 अक्टूबर, सन् 1979 ई में भारत के लोकनायक जयप्रकाश नारायण का देहांत हो गया. दिल का दौरा पड़ने से 77 वर्ष की आयु में इनकी मृत्यु हुई.

Loknayak : A Documentary on Jai Prakash Narayan

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