Hiroshima Day History in Hindi – हिरोशिमा जापान का एक नगर हैं जहाँ द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान 1945 में संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा यूरेनियम बम गिराया गया था जिससे पूरा नगर बर्बाद हो गया था. इसकी पूरी जानकारी और इतिहास के लिए इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़े.
हिरोशिमा दिवस | Hiroshima Day
हिरोशिमा दिवस 06 अगस्त को मनाया जाता हैं. इसी दिन ( 06 अगस्त, 1945 ) को संयुक्त राज्य अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा नगर पर “लिटिल बॉय ( Little Boy )” नामक यूरेनियम बम गिराया था. बम के प्रभाव ने 13 वर्ग किलोमीटर को तबाह कर दिया था, इसमें एक लाख चालीस हजार ( 1,40,000 ) लोग मारे गये थे जिनमें अधिकांश नागरिक, बच्चे बूढ़े और स्त्रियाँ थी.
हिरोशिमा दिवस से सम्बन्धित अन्य तथ्य | Other Facts Related to Hiroshima Day
- हिरोशिमा एक बंदरगाह शहर था जो कि जापान की सेना को रसद मुहैया कराने का केंद्र था. यह जापान का एक महत्वपूर्ण नगर था.
- जिस विमान से “लिटिल बॉय” नामक बम को ले जाया गया उसका नाम “एनोला गे” था. एनोला गे के पायलट पॉल तिबेट्स की माँ के नाम पर रखा गया था.
- अणुबम का प्रभाव नापने वाले यंत्रों-उपकरणों के विमान को मेजर चार्ल्स स्वीनी उड़ा रहे थे.
- मॉरिस जैप्सन वो व्यक्ति थे जिनके हाथ में आख़िरी बार ‘लिटिल बॉय’ था.
- जब अमेरिकी विमान जापान की सीमा में प्रवेश किये तो वो 8,000 फीट की उंचाई पर उड़ रहे थे, पर जब वो हिरोशिमा के पास पहुंचकर जमीन से विमान की दूरी 32,300 फीट हो गयी.
- हवा के विपरीत बहाव के कारण यह अपने निर्धारित लक्ष्य ‘इयोई ब्रिज’ से करीब 800 फीट दूर ‘शीमा सर्जिकल क्लिनिक’ के ऊपर फटा.
- हिरोशिमा पर यह बम सुबह के लगभग 8 बजकर 15 मिनट पर गिराया गया था.
- जब बम हिरोशिमा पर गिराया गया था तब हिरोशिमा की आबादी 3.5 लाख थी जिसमें से 1.4 लाख लोग बम से एक ही झटके में मर गये.
- हमले के बाद 7 अगस्त से 9 अगस्त के बीच जापान के सम्राट हिरोहितो व उनकी युद्ध सलाहकार समिति समर्पण के स्वरूप और शर्तों पर विचार कर रही थी.
आज भी बम से प्रभावित नगरों में बच्चे शारीरिक रूप से विकलांग पैदा हो रहे है और अधिकत्तर लोगों की मृत्यु कैंसर और ल्यूकेमिया से होती हैं. जापान की संसद ने 1949 में हिरोशिमा को शांति का शहर घोषित किया.
आज हिरोशिमा जापान का एक बड़ा नगर हैं. हिरोशिमा में लगभग 12 लाख लोग रहते हैं. 2017 में बाराक ओबामा ( Barack Obama ) हिरोशिमा गये और उन्होंने “हिरोशिमा पीस मेमोरियल पार्क ( Hiroshima Peace Memorial Park )” में कागज के सारस बनाये. शान्ति के लिए, हिरोशिमा में बहुत लोग क़ागज के सारस बनाते हैं. जब हिरोशिमा पर बम गिरा था, तब “सडाको ससाकी ( Sadako Sasaki )” नामक लड़की “ल्यूकेमिया ( Leukaemia )” रोग से पीड़ित थी और उसने हज़ार सारस बनाने की कोशिश की. जापान के लोग ऐसा मानते है कि अगर कोई हजार सारस बना दे तो उसकी एक ख्वाहिश सच हो जाती हैं. “सडाको” ने हज़ार सारस बनाएं मगर वह स्वस्थ नही हुई और मर गयी. हिरोशिमा में सडाको के लिए लोग आज भी सारस बनाते हैं.