Forest Shayari Status Quotes in Hindi ( Jungle Shayari Status Quotes ) – पेड़ो और जंगलों को काटकर इंसान अपने जरूरत की चीज़ें बनाता है. इसलिए इंसान का फ़र्ज बनता है कि वह पेड़ को लगाए. क्योंकि पर्यावरण को संतुलित रखने में इन पेड़ों और जगलों का बड़ा योगदान है. जंगल में बहुत सारे जंगली जानवरों का घर है. जहाँ उन्हें खाने को भोजन भी मिलता है.
पढ़े लिखे लोग भी कितने महान होते है. जंगलों को काटकर बड़े-बड़े इमारत बनातें है और लकड़ी के सोफे पर बैठ कर ये बातें करते है कि पेड़ो और जंगलों को कैसे बचाया जाएँ. जंगल, पेड़-पौधे, ये जीव जंतु का विनाश मानव विनाश का सूचक है.
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जंगल शायरी | Forest Shayari
जंगल-जंगल ढूँढ रहा है मृग अपनी कस्तूरी को,
कितना मुश्किल है तय करना खुद से खुद की दूरी को.
मकानों के जंगल में
कुछ ऐसे जानवर रहते है,
नोच खा गये इंसानियत
मगर खुद को इंसान कहते है.
ज्योति
यादों का शहर देखो बिल्कुल वीरान है,
दूर-दूर तक न कोई जंगल न कोई मकान है.
Forest Shayari
यादों के जंगल में जब कोई चिंगारी लगती है,
तब दिल खाली और पलकें भारी लगती है.
Jungle Shayari
मेरे बजूद को क्यों समेटते जा रहे हो,
क्यों हर रोज जंगलो को काटते जा रहे हो.
Forest Shayari
किस पेड़ पर घोंसला सजाया जाए,
किस जंगल को मुहल्ला बनाया जाए,
आज वो छोटी चिरैया बड़ी सोच में है,
कैसे इंसानों से अपना घर बचाया जाए.
Da Ritikk
उम्मीदों के इस जंगल में
अरमानों की आग लगी है,
एहसासों की आंधी से
चारो ओर राख उड़ी है.
जंगल शायरी
वो लड़की जैसे घना जंगल है कोई इन नजरों के लिए,
मैं मुसाफ़िर भटकना चाहता हूँ उसमें उम्र बहर के लिए.
Vicky Anand
आज की सदी में मंगल की है तलाश,
आने वाली सदी में जंगल की होगी तलाश.
बगावत मौत का सबब है बचने का कोई मन्त्र नहीं है,
जंगल कहते है इसे जनाब यहाँ लोकतंत्र नहीं है.
Abhishek Shukla
उसकी आँखों से बरसता है सावन,
अब मेरे चेहरे पर उदासियों का जंगल है.
Payal Rathore
इस दिल में तुम्हारे यादों का जंगल है,
और तुम पूछते हो कि मोहब्बत कितनी करते हो.
जंगल शायरी
Jungle Shayari
तुम जिस्म के जंगल में रहने लगे हो आजकल,
आत्मा की घुटन को किस तरह समझ पाओगे?
बस्ती जगंल सी लगे, मैं जाऊं किस ओर
घात लगाये राह में बैठे है आदमखोर.
जानवरों का यह बसेरा वीरान क्यों है,
उड़ता हुआ वो पंछी भूख से परेशान क्यों है,
इन जंगलों. इन पेड़ो को कौन काट रहा है?
अपनी सुध-बुध खो कर इंसान बना हैवान क्यों है.
Jungle Shayari
निराशाओं के जंगल का मैं एक छोटी सी आस हूँ,
तीरगी-ए-दश्त का मैं जुगनू सा ख़ास हूँ.
अनामिका
Jungle Ki Shayari
शादी वह ख़ूबसूरत जंगल है,
जहाँ शेरों का शिकार हिरनिया करती है.
कभी-कभी इन जंगल की वादियों में भी
कुछ ख़ुशियाँ मिल जाती है,
माना कि बंजर है जमीन यहाँ पर
फिर भी फूलों की कलियां खिल जाती है.
Jungle Ki Shayari
किसी के याद का जंगल है भागे जा रहा हूँ मैं,
जो किस्मत में नहीं है अब भी वहीं मांगे जा रहा हूँ मैं,
मेरी चाहतों की उसकी नजर में कोई कदर ही नहीं
मगर मुद्दत हुई है उसकी चाहतों में जागे जा रही हूँ.
शहर गया तो पता चला
जानवर तो यहाँ रहते है,
बेवजह जंगल बदनाम है.
Forest Shayari in Hindi
तितली हमसे पूछ रही है,
पहले सा संसार कहाँ है?
पेड़, पहाड़, नदी और जंगल
मेरा वो घर बार कहाँ है.
कुछ जानदार गुमशुदा है जाने कहाँ गये,
उनकी तलाश में हम घरों से बाहर आ गये,
दरिंदों का खौफ़ ना था जंगल के रास्तों में
अब खौफ़ में है कि हम शहर में आ गये.
Forest Shayari in Hindi
खौफ़ जो शहर में है
वो जंगलों में भी नहीं है,
जगलों के पेड़ काटते-काटते
इंसानियत कहीं खो गयी है.
Forest Shayari
जंगलों को काटकर, कंकरीट के जंगल बने,
जिसमें कुछ इंसान और कुछ हैवान बसे.
इस ईट पत्थर के जंगल में,
रहते है बहुत से आदमखोर,
सब बंधे दिखाई देते है
पर खुली हुई है सबकी डोर.
Anuup Kamal Agrawal
जब किसी ने जंगली कहा
लगा जानवर है कोई
जब किसी ने कुत्ता कहा
लता पालतू है कोई
जब किसी ने दरिंदा कहा
लगा भेड़िया है कोई
मगर मैं अनजान था
ये कोई इंसान था.
Forest Shayari
जंगलों को बेदर्दी से काटकर,
बन गया इंसान अब जानवर.
सड़क डरा करती थी जंगल से गुजरते हुए,
अब जंगल डर जाते है सड़क का नाम सुनकर.
Forest Shayari
पहले जंगलो में शिकार होता था,
अब जंगलों का शिकार होता है,
उन्हीं की निगरानी में कटते है पेड़
सुरक्षा का जिनपर भार होता है.
Anuup Kamal Agrawal
इस सृष्टि में मुझे दिखे, महादेव ये तीन,
बचा सके तो बचा लो – जल, जंगल और जमीन.
Anuup Kamal Agrawal
ये ख़ामोशियों का जंगल क्या है,
बहुत खूब समझाया है तुमने
भटकते है जज्बात जहाँ तमाम
वहाँ रूह को भटकाया है तुमने.
Chanchal Choudhary
यह बारिश भी ना
गजब का हुनर रखती है,
कंक्रीट के जंगल को भी
वादियों जैसा कर देती है.
राहुल केशरी
जंगल पर शायरी
हर जंगल की कोई ना कोई कहानी होती होगी,
यूँ ही नहीं कोई भी वीरान हो जाता है.
चिड़ियों का अनाथ
और जंगलों को बेवा बनाते है,
प्रकृति के विध्वंसक
स्वयं को प्रकृति प्रेमी बताते है.
नफ़रतों के जंगल बहुत देखे तुमने सनम,
आओ अब मोहब्बत के बाग़ बसायें जाएँ.
वो आग सी थी, मैं जंगल सा था,
इश्क़ में उम्र भर जलते रहे दोनों.
कटघरे में है सब,
तराजू हो गया हूँ,
जंगल की आग सा
बेकाबू हो गया हूँ.
एक डर सारे जंगल को खाता जा रहा है,
शहर अब और पास आता जा रहा है.
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