सफ़र वही तक हैं जहाँ तक तुम हो,
नजर वहीं तक हैं जहाँ तक तुम हो,
हजारों फूल देखे हैं इस गुलशन में मगर,
ख़ुशबू वही तक हैं जहाँ तक तुम हों.
चाहत तेरी पहचान है मेरी,
मोहब्बत तेरी शान है मेरी,
होके जुदा तुझसे क्या रह पाउँगा,
तू तो जान हैं मेरी.
इस दिल पे जब से तुम्हारा नाम आया हैं,
एक ख़ुमार सा हम पे छाया हैं,
न जाने ये प्यार का नशा हैं,
या तुम्हारे दीदार का असर हैं,
हर जगह तुम्हारा ही चेहरा नजर आता हैं.
प्यार में सफ़र के कहाँ नक्शे मिलते हैं,
बस चलते रहो तो रास्ते मिलते हैं,
आपकी एक मुस्कान ने चैन चुरा लिया,
अब आँखों को रोज नये सपने मिलते हैं.
दिल लगता नही हैं अब तुम्हारे बिना,
ख़ामोश से रहने लगे हैं तुम्हारे बिना,
जल्दी लौट के आओ अब यही चाह हैं,
वरना जी ना पाएँगे तुम्हारे बिना…
दूर है आपसे तो कोई गम नही,
दूर रहकर भूलने वाले हम नही,
रोज मुलाक़ात ना हो तो क्या हुआ,
आपकी यद् आपकी मुलाक़ात से कम नही.
जादू है तेरी हर एक बात में,
याद बहुत आती हैं दिन और रात में,
कल जब देखा था मैंने सपना रात में,
तब भी तुम्हारा हाथ था मेरे हाथ में.
आपकी याद सताये तो दिल क्या करे,
याद दिल से ना जाए तो दिल क्या करे,
सोचा था सपनों में मुलाक़ात होगी,
मगर नींद ही न आये तो हम क्या करें.
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