कुछ सोचूँ तो तेरा ख्याल आ जाता हैं,
कुछ बोलूँ तो तेरा नाम आ जाता हैं,
कब तलक बयाँ करूँ दिल की हर बात
हर साँस में अब तेरा एहसास आ जाता हैं.
ऐ चाँद चमकना छोड़ भी दे,
तेरी चाँदनी मुझे सताती हैं,
तेरे जैसा ही उसका चेहरा हैं,
तुझे देखके वो याद आती हैं.
आपके दीदार को निकल आये हैं तारे,
आपकी ख़ुशबू से छा गई है बहारें,
आपके साथ दीखते हैं कुछ ऐसे नजारें,
कि छुप-छुप के चाँद भी बस आपको ही निहारे.
तुम मौसम-मौसम लगते हो,
जो पल-पल रंग बदलते हो,
तुम सावन-सावन लगते हो,
जो सदियों बाद बरसते हो…
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