Gyan Ki Baatein | ज्ञान की बातें

Gyan ki Baatein ( Gyan Ki Baate ) – ज्ञान ही एक ऐसा शस्त्र है जिससे इंसान सुख-सम्पत्ति-समृद्धि का आनन्द उठाता हैं. कुछ ज्ञान किताबों से मिलती हैं तो कुछ ज्ञान जिन्दगी और वक्त दे देता हैं जिसे हम अनुभव कहते हैं. ग्रहण करने के लिए ज्ञान सबसे अच्छी वस्तु है जो व्यक्ति के साथ हर परिस्थिति में रहती हैं.

इस पोस्ट में कुछ ज्ञान की बातें बताई गई है जो कि अनुभव पर आधारित हैं, आशा करता हूँ ये Gyan Ki Baatein आपको पसंद आएँगी.

ज्ञान की बाते | Gyan ki Baatein

इंसान की फितरत भी क्या गजब की है यदि किसी व्यक्ति को जानवर कह दो तो वो बुरा मान जाता है मगर उसे शेर बोलो दो तो खुश हो जाता है.

जो व्यक्ति साजिश रचता है वो कभी ही इतिहास नहीं रच सकता है और जो अपने कर्मों से इतिहास रचते है वो साजिश नहीं रचते.

अपमान करना किसी व्यक्ति के स्वभाव में हो सकता हैं किन्तु सम्मान करना हम सबके संस्कार में अवश्य शामिल होना चाहिए.

हर व्यक्ति को अपनी जिन्दगी में सफलता प्राप्त करने के लिए इतना परिश्रम और मेहनत अवश्य करना चाहिए कि बच्चों को आत्म-विश्वास बढ़ाने के लिए किसी अन्य व्यक्ति का उदाहरण न देना पड़े.

ईश्वर पर भरोसा रखें… जब आप किसी का अच्छा कर रहे होते हैं, तब आपके लिए भी कहीं कुछ अच्छा हो रहा होता है.

आँखे बंद करने से मुसीबतें नहीं टलती और मुसीबत आये बिना आँखें नहीं खुलती.

अन्धकार में छाया, बृद्धा अवस्था में काया और मौत के समय माया किसी का साथ नही देती हैं.

प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में कुछ ऐसा लिखना चाहिए जो पढ़ने योग्य हो या कुछ ऐसा करना चाहिए जो लिखने योग्य हो.

जब इंसान सुबह उठता है तो उसे लगता है कि दिन बड़ा हैं और जब वह पूरे दिन कड़ी मेहनत करता है तो उसे लगता है कि वह अपने पैरो पर खड़ा हैं.

स्वभाव में सरलता और विनम्रता व्यक्ति की कमजोरी नहीं होती है, यह उसका संस्कार होता हैं.

भगवान बुद्ध ने महल का त्याग कर दिया था शन्ति की तलाश में और आजकल लोग शान्ति का त्याग कर रहे हैं महल की तलाश में.

किसी की गलतियों पर गुस्सा करने से पहले उसकी परिस्थितियों को एक बार समझने का प्रयास करों. यकीन मानियें आपको कभी गुस्सा ही नहीं आयेगा.

व्यक्ति को हमेशा छोटी-छोटी गलतियों से बचने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि व्यक्ति को पहाड़ों से नहीं पत्थरों से ठोकर खाता हैं.

सकारात्मक विचार जैसे ही नकारात्मक विचार में परिवर्तित होते है वैसे ही व्यक्ति की हार की शुरूआत हो जाती हैं.

धन भी क्या चीज होती हैं, जब इंसान के पास आती है तो वह खुद को भूल जाता है और जब जाती है तो जमाना उसको भूल जाता हैं.

दूसरों को नीची नजर से वही देखता है जिसे अपनी उंचाई पर यकीन नहीं होता.

ज्ञान की कहानी | Gyan Ki Kahani

एक साधू से एक व्यक्ति ने कहा – “कुछ ज्ञान दीजिये“. साधू ने एक अजीब सवाल किया. कभी बर्तन धोये हो? व्यक्ति को बड़ी हैरानी हुई और फिर जवाब दिया “जी महाराज धोये हैं”. फिर साधू ने पूछा – क्या सीखे? व्यक्ति ने कहा इसमें सीखने वाली क्या बात हैं. साधू ने मुस्कुराकर उत्तर दिया – “बर्तन को बाहर से कम अंदर से ज्यादा धोना पड़ता हैं. ठीक उसी प्रकार इंसान का अंदर हृदय से अच्छा होना जरूरी है. बाहरी दिखावे का कोई महत्व नहीं होता हैं.”

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