Why Makar Sankranti is Celebrated in Hindi – संक्रांति क्या होता है? मकर संक्रांति क्यों मनाई जाती है? मकर संक्रांति का त्यौहार कहाँ-कहाँ मनाया जाता है? इसे विभिन्न राज्यों में किस-किस नामों से जाना जाता है? मकर संक्रांति का धार्मिक महत्व क्या है? मकर संक्रांति कैसे मनाया जाता है? आपको ये सारी जानकारी इस आर्टिकल में मिलेगी.
संक्रांति क्या होता है?
सूर्य जब एक राशि से दुसरे राशि में प्रवेश करता है तो उसे संक्रांति कहते है. हिन्दू पञ्चांग के अनुसार 12 राशि होती है और 12 सूर्य संक्रांति भी होती है. इसमें से कुछ सूर्य संक्रांति का विशेष महत्व है. मकर संक्रांति इन 12 संक्रांति में से एक है.
मकर संक्रांति कब मनाई जाती है?
जिस दिन सूर्य कर्क राशि से मकर राशि में प्रवेश करना है. उसी दिन मकर संक्रांति मनाई जाती है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह तिथि 14 जनवरी को पड़ता है.
मकर संक्रांति क्यों मनाई जाती है?
मकर संक्रांति से सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण हो जाते है. ऐसा धार्मिक मान्यता है कि सूर्य के उत्तरायण होने से बुरी शक्तियाँ कमजोर पड़ जाती है. जिससे जनमानस में व्याप्त कष्ट मिट जाता है. सूर्य की किरणें शरीर स्वास्थ्य लाभ देती है. मकर संक्रांति के बाद लोग शुभ कार्य करना शुरू कर देते है. ऐसी भी मान्यता है कि जिन व्यक्तियों की मृत्यु उत्तरायण में होती है. उन्हें स्वर्ग मिलता है.
मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है. जो लोग गंगा स्नान नही कर पाते है वो घर पर ही स्नान कर लेते है. उसके बाद सूर्य देव की पूजा आराधना करते है. इस दिन के दान का विशेष महत्व होता है. इसलिए लोग अपनी यथा शक्ति गुण, तिल, चावल, दाल, फल, सब्जी, कम्बल, बर्तन आदि छू कर ब्राह्मण को दान देते है. इस दिन घर में खिचड़ी बनती है जिसे दही और घी के साथ बड़े चाव से खाया जाता है. लोग ऐसा भी मानते है कि मकर संक्रांति के बाद ठंड का प्रभाव धीरे-धीरे कम होने लगता है और सूर्य के किरणों का प्रभाव धीरे-धीरे बढ़ने लगता है.
मकर संक्रांति का त्यौहार कहाँ-कहाँ मनाया जाता है?
मकर संक्रांति का त्यौहार लगभग पूरे भारत में मनाया जाता है. विभिन्न राज्यों में इसे मनाने का तरीका भिन्न-भिन्न होता है और इसके नाम में भी भिन्नता पाई जाती है. भारत के सीमावर्ती हिन्दू देश भी इसे मनाते है. विदेशों में रहने वाले भारतीय इस दिन को बड़े ही धूम धाम से मनाते है.
इसे विभिन्न राज्यों में किस-किस नामों से जाना जाता है?
मकर संक्रांति – उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, बिहार, झारखण्ड, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गोवा, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर,सिक्किम, पश्चिम बंगाल, गुजरात और जम्मू
खिचड़ी – उत्तर प्रदेश और बिहार
पोंगल, उझवर तिरुनल – तमिलनाडु
पौष संक्रांति – पश्चिम बंगाल
मकर संक्रमण – कर्नाटक
लोहड़ी – पंजाब
शिशुर सेंक्रात – कश्मीर घाटी
उत्तरायण – गुजरात, उत्तराखण्ड
माघी – हरियाणा, हिमाचल प्रदेश
भोगाली बिहु – असम
मकर संक्रांति का धार्मिक महत्व क्या है?
हिन्दू धर्म को मानने वाले लोग मकर संक्रांति के बाद शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्य करना प्रारम्भ कर देते है. नये कार्यों की शुरूआत, गृह प्रवेश, यज्ञ, पूजा-अनुष्ठान, मुंडन, यज्ञोपवीत आदि कार्यों को करते है.
मकर संक्रांति कैसे मनाया जाता है?
मकर संक्रांति को भिन्न-भिन्न तरीकों से मनाया जाता है. लोग अपनी सुविधा और रुचि के अनुसार मनाते है. आइयें जाने किसी-किस प्रकार से Makar Sankranti को मनाया जा सकता है.
- जिन राज्यों से गंगा नदी गुजरती है. या जो राज्य गंगा नदी से सटे हुए है. उन राज्यों में गंगा स्नान का विशेष महत्व है. कई स्थानों पर गंगा नदी के किनारे मेले का आयोजन किया जाता है. लोग गंगा में स्नान करके सूर्य पूजा या अपने इष्ट देव की पूजा करते है. उसके बाद अपनी यथा शक्ति दान-दक्षिणा देते है. फिर खिचड़ी खाते है.
- गाँव में रहने वाले लोग इस दिन सुबह-सुबह स्नान करके सूर्य पूजा और अपने इष्ट देव की पूजा करते है. यथा शक्ति दान-दक्षिणा देते है. ब्राह्मणों को घर पर बुलाकर खिलाते है और उसके बाद खुद खिचड़ी खाते है.
- उत्तरप्रदेश के गोरखपुर जिले में, गोरक्ष नाथ मंदिर में लोग इस दिन चावल, दाल, गुण, तिल, फूल, पैसा आदि मंदिर में चढ़ाकर ईश्वर का आशीष प्राप्त करते है. इस दिन यहाँ बड़ी भीड़ लगी रहती है. लोग रात्रि में ही लाइन में लग जाते है. यहाँ खिचड़ी चढ़ाने बड़े दूर-दूर से लोग आते है. यहाँ माघ मेले का भी आयोजन होता है.
- शहरों में इस दिन लोग मकर संक्रांति की बधाई देते है. गजक, गुडतिल लड्डू, रामदाना लड्डू आदि खरीदकर घर लाते है. घर वालो के साथ बड़े चाव से खाते है. बहुत से लोग इस दिनअपने दोस्तों, रिश्तेदारों या जानने वालों को गजक और गुडतिल लड्डू भेट में भी देते है.
- पंजाब में आग जलाकर उसके चारों तरफ महिलाएं, बच्चे और पुरूष आग सेंकते है. पहले तो सारी रात लोग आग के चारों ओर नाचते-गाते हुए लोहड़ी मनाते थे. नाचना गाना अब भी होता है लेकिन सारी रात नही. लोहड़ी का त्यौहार उस घर में विशेष रूप से मनाया जाता है जिस घर में पुत्र का विवाह हुआ हो या बेटा पैदा हुआ हो.
- गुजरात, राजस्थान और दिल्ली में इस दिन लोग खूब पतंग उड़ाते है.
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