रक्षा-बंधन क्यों मनाते हैं? | Why Celebrate Raksha Bandhan?

Why Celebrate Raksha Bandhan in Hindi – राखी, भाई-बहनों का कच्चे धागे से बंधा एक पवित्र बंधन है. इस दिन की हर बहन को बड़ी आतुरता से प्रतीक्षा रहती है. राखी के समीप आते ही वह पूरे उत्साह और उमंग के साथ अपने भाई को राखी बांधने से पहले की तैयारियों में जुट जाती हैं.

यह एक भावनात्मक त्यौहार है. चाहे लोग इस त्यौहार को किसी भी रूप में मनाएं, लेकिन त्यौहारों का सम्बन्ध मानवीय भावनाओं से होता है, जो लोगों को एक-दुसरे के समीप लाता हैं. इतिहास में ऐसे अनेक उदाहरण हैं जो इस रिश्ते की गरिमा को बढ़ाते हैं. अगर इसके इतिहास पर नजर दौड़ाई जाए तो भाई-बहन के रिश्ते को प्यार से जोड़ने वाले इस त्यौहार से अनेक कथाएं जुड़ी हुई हैं.

चित्तौड़ की रानी कर्मवती ने मुगल बादशाह हुमायूं को भाई मानकर राखी भेजी. हुमायूं ने रानी की राखी स्वीकार की और समय आने पर रानी के सम्मान की रक्षा के लिए युद्ध भी किया. एक बार कृष्ण के हाथ में चोट लगने से रक्त की धारा बह निकली. यह सब द्रोपदी से देखा नहीं गया और उन्होंने तत्काल अपनी साड़ी का पल्लू फाड़कर श्रीकृष्ण के हाथ में बांध दिया. बाद में जब दुःशासन ने द्रोपदी का चीरहरण किया तो कृष्ण ने चीर बढ़ाकर द्रोपदी की मर्यादा की रक्षा की. जब दैत्यों और देवताओं में युद्ध छिड़ गया और राक्षसों ने देवताओं के राजा इंद्र को पराजित क्र दिया तब इस संकट की घड़ी में देवताओं के गुरू बृहस्पति ने उन्हें रक्षा विधान करने को कहा. इंद्राणी ने श्रावणी पूर्णिमा के दिन द्विजों से स्वास्तिवाचन करवा रक्षा तंतु इंद्र की कलाई पर बांध दिया और इंद्र युद्ध में विजयी हो गये. इस प्रकार अनेक प्राचीन कथाएं हैं जो रक्षा बंधन के महत्व को प्रकट करती हैं. इसी वजह से हम रक्षा बंधन का त्यौहार बड़ी धूम-धाम से मनाते हैं.

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