मानव जीवन को वरदान क्यों कहा जाता है? | Why human life is called a boon?

Why human life is called a boon? – ईश्वर ने जितनी शक्ति मनुष्य को दी है, उतनी शक्ति किसी अन्य जीव को नही दी है। मनुष्य की शारीरिक और मानसिक विकास इस प्रकार होता है कि वह खुद को अति शक्तिशाली बना सकता है। इंसान की जो इच्छा होती है उसे पूर्ण करने के लिए प्रयास करता है और सफल भी होता है। मनुष्य अपने कर्म के बल पर इस धरती पर देवताओ से भी उच्च पद प्राप्त कर चुका है। राम एक मनुष्य के रूप में जन्म लिए पूरा जीवन उच्च आदर्शो और मर्यादा में रहकर हर कार्य किये। आज उन्हें भगवान श्रीराम के रूप में पूजा जाता है और उनके आदर्शों पर पूरी दुनिया चलती है।

मनुष्य का दिमाग जैसे विकसित होता गया। इंसान ने वैसे-वैसे नये-नये तरक्की और अविष्कार करने लगा। मानव ने खुद के लिए अनेक भोग, विलास और सुख-सुविधाओं का अविष्कार किया। बड़ी से बड़ी बीमारियों का इलाज ढूंढा। इंसान ने इस धरती और अंतरिक्ष में क्या नही किया। आज भी अपने उम्मीदों में पंख लगाकर इंसान एक से बड़े एक अविष्कार कर रहा है।

अगर आप धार्मिक किताबों, पुराणों, महाकाव्यों को पढ़ेंगे तो एक मनुष्य के शक्ति को जानकर हैरान हो जाएंगे। अगर आज एक इंसान (वैज्ञानिक) अपने अविष्कार से चमत्कार कर सकता है तो उन पुराणों और महाकाव्यों की बातें ही सच है। हर इंसान को अपनी शक्ति पहचाननी चाहिए ताकि मनुष्य जीवन एक वरदान साबित हो।

बहुत से लोग सांसारिक साधन को ही शक्ति समझते है जिसके कारण वे खुद की शक्ति नही पहचान पाते है। वास्तविक शक्ति इंसान के भीतर होती है और जो इंसान अपनी शक्ति को पहचान लेता है। वह अपने जीवन में सब कुछ प्राप्त कर लेता है। खुद की शक्ति जो पहचान लेता है वह किसी से कोई शिकायत नही करता है। वह अपनी असफलता का जिम्मेदारी स्वयं लेता है। सफलता का श्रेय सब में बांट देता है।

ईश्वर को किसी ने देखा नही है, केवल अनुभव किया है। लेकिन इंसान अपनी भक्ति भाव और अटूट श्रद्धा से इस आत्मा को परमात्मा से मिलाने तक का प्रयास करता है। इंसान ने मोक्ष प्राप्ति के लिए कई प्रकार के मार्ग भी खोजे है।

मानव जीवन एक वरदान पर शायरी

जो परिश्रम से ग्रहण करता शिक्षा और ज्ञान,
उसके लिए मानव जीवन है इक सुंदर वरदान।


जिस मानव ने अपनी शक्ति ली पहचान,
उसने अपने जीवन को बना लिया एक वरदान।


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