Poem on Mother in Hindi – माँ धरती पर ईश्वर का वरदान हैं, माँ से बड़ा कोई और नही इस धरती पर हैं. माँ के ही चरणों में स्वर्ग हैं. माँ का आँचल अपने बच्चो के सारे दुखो को समेट लेती हैं. माँ पर कुछ बेहतरीन कविता इस पोस्ट में दिया गया हैं इसे जरूर पढ़े.
माँ पर कविता हिंदी में | Poem on Mother in Hindi
माँ चूल्हा, धुँआ, रोटी और हाथों का छाला हैं माँ,
माँ जिन्दगी की कड़वाहट में अमृत का प्याला हैं माँ.
माँ पृथ्वी हैं, जगत हैं, धुरी हैं,
माँ बिना इस सृष्टि की कल्पना अधूरी हैं.
तो माँ की यह कथा अनादि हैं, अध्याय नही हैं
और माँ का जीवन में कोई पर्याय नहीं हैं.
तो माँ का महत्व दुनिया में कम हो नही सकता,
और माँ जैसा दुनिया में कुछ हो नही सकता.
तो मैं कला की पंक्तियाँ माँ के नाम करता हूँ,
मैं दुनियाँ की सब माताओं को प्रणाम करता हूँ.
घुटनों से रेंगते-रेंगते
घुटनों से रेंगते-रेंगते,
कब पैरों पर खड़ा हुआ,
तेरी ममता की छाँव में,
न जाने कब बड़ा हुआ,
काला टीका दूध मलाई,
आज भी सब कुछ वैसा हैं,
मैं ही मैं हूँ हर जगह,
प्यार ये तेरा कैसा हैं?
सीधा-साधा, भोला-भाला,
मैं ही सबसे अच्छा हूँ,
कितना भी हो जाऊं बड़ा,
“माँ ” मैं आज भी तेरा बच्चा हूँ.
माँ तो जन्नत का फूल हैं.
माँ तो जन्नत का फूल हैं,
प्यार करना उसका उसूल हैं,
दुनिया को मोहब्बत फिजूल हैं,
माँ की हर दुआ कबूल हैं,
माँ को नाराज करना,
इंसान तेरी भूल हैं,
माँ के कदमों की मिटटी
जन्नत की धूल हैं.
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