मेरा स्कूल पर कविता | My School Poem in Hindi

My School Poem Poetry Kavita in Hindi – स्कूल ही बच्चों के भविष्य को सुंदर आकर देती है। इस लेख में ‘मेरा स्कूल’ पर बेहतरीन कवितायें दी गई है। इन्हें पढ़े और अपने बच्चों को सुनाएँ।

My School Poem in Hindi

देखो कितनी हरियाली है,
कितने प्यारे-प्यारे फूल हैं,
ढ़ेर सारे बच्चे यहाँ पढ़ते
यही मेरा प्यारा स्कूल है।

स्कूल में आम का पेड़ है,
जिसके फल कच्चे हैं,
हमको खूब पढ़ाते है
यहाँ के टीचर अच्छे हैं।

खूब खेलोंऔर खूब पढों,
कहते हैं मेरे टीचर सारे,
मेरे भविष्य का निर्माण करते
कितने अच्छे कितने प्यारे।

ईमानदारी की पाठ पढ़ाते है,
आत्मविश्वास को बढ़ाते है,
संघर्षों और चुनौतियों से लड़कर
आगे बढ़ना हमे सिखाते है।

देखो कितनी हरियाली है,
कितने प्यारे-प्यारे फूल हैं,
ढ़ेर सारे बच्चे यहाँ पढ़ते
यही मेरा प्यारा स्कूल है।
दुनियाहैगोल


‘मेरा स्कूल’ पर कविता

स्कूल का पहला दिन,
मम्मी पापा के बिन,
आज मुझे बिताना है,
खुश रहकर दिखाना है।

क्लास में टीचर आएंगे,
हम सबको खूब पढ़ाएंगे,
हम पढ़कर दिखाएंगे,
नये-नये दोस्त बनाएंगे।

मम्मी ने जो लंच दिया है,
उसको पूरा खाएंगे,
पानी पीकर फिर
खेलने जाएंगे।

स्कूल की छुट्टी जब होगी,
मम्मी के संग घर जाऊँगा,
होम वर्क पूरा करके
फिर सो जाऊँगा।

पढ़-लिखकर बनूंगा महान,
मम्मी-पापा का बढ़ेगा सम्मान,
जीवन में करूँगा अच्छे काम
जिससे बढ़ेगा मेरे देश का शान।


शुरूआती दिनों में स्कूल जाने से सभी बच्चे डरते हैं। लेकिन कुछ दिन जाने के बाद उन्हें उसी स्कूल से प्यार हो जाता है। वे वहां अपने दोस्त बना लेते हैं। उनके साथ खेलते हैं और पढ़ते हैं। यहीं से ही जीवन की शुरुआत होती है और भविष्य को आकार देने का कार्य प्रारम्भ होता है।

स्कूल के शुरूआती दिनों में बच्चों को हर छोटी-छोटी बातें सिखाई जाती है। इसमें माता-पिता और टीचर का बहुत योगदान होता है। बहुत से स्कूलों में ‘मेरा स्कूल‘ पर कविता लिखने के लिए भी कहा जाता है। ताकि बच्चे स्कूल के सम्पूर्ण वातावरण से परिचति हो और अपने भावनाओं को कविता के माध्यम से व्यक्त करें। इस लेख में “मेरा स्कूल” पर कुछ बेहतरीन कवितायें दी गई हैं। इनसे प्रेरणा ले और बच्चों के लिए नई कवितायें लिखे।

बच्चे जैसे-जैसे बड़े होते है, वैसे-वैसे माता-पिता की जिम्मेदारियां भी बढ़ती जाती है। बच्चे के स्वास्थ्य का ध्यान रखना बहुत आवश्यक होता है ताकि वे बीमार ना पड़े और उनकी पढ़ाई पर कोई बुरा असर ना पड़े। माता-पिता को बच्चों के लिए समय निकालना चाहिए। पढ़ाई को बच्चों के लिए आसान बनाना चाहिए।

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