मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की जीवनी | Maulana Abul Kalam Azad Biography

मौलाना अबुल कलाम आज़ाद का जीवन परिचय ( Maulana Abul Kalam Azad Biography in Hindi ) – जिन मुसलमानों ने कांग्रेस का हमेशा साथ दिया और देश की स्वतंत्रता में महत्वपूर्ण भाग लिया उनमें मौलाना अबुल कलाम आज़ाद का नाम सबसे आगे आता हैं. मौलाना आजाद का वास्तविक नाम अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन हैं. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में मौलाना आजाद एक प्रमुख सेनानी, राजनेता और कवि के रूप में अपना योगदान दिया हैं.

मौलाना आजाद गांधी जी के विचारों से काफी प्रभावित थे इसलिए उन्होंनें देश की स्वतंत्रता की लड़ाई में अपना पूर्ण योगदान देने के लिए अपने व्यवसाय को छोड़ दिया और देशभक्ति के रास्ते पर चल पड़े. असहयोग आन्दोलन, सविनय अवज्ञा आन्दोलन और खिलाफ़त आन्दोलन में बढ़-चढ़ कर भाग लिए और इन आंदोलनों में भाग लेने के लिए मुसलमानों को भी प्रेरित किया.

Maulana Abul Kalam Azad Biography In Hindi | मौलाना अबुल कलाम आज़ाद का जीवन परिचय

नाम – मौलाना अबुल कलाम आजाद
पूरा नाम – अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन
जन्मतिथि – 11 नवम्बर, 1888
जन्मस्थान – मक्का साऊदी अरब
माता का नाम – आलियाबेगम
पिता का नाम – मुहम्मद खैरूद्दीन
पत्नी – जुलेखा बेगम
राजनैतिक दल – भारतीय राष्टीय कांग्रेस
नागरिकता – भारतीय
पुरस्कार एवं सम्मान – भारत रत्न
मृत्यु – 22 फ़रवरी, 1958
मृत्युस्थान – नई दिल्ली

मौलाना आजाद का जन्म मक्का में 11 नवम्बर, सन् 1888 ई. को हुआ. इनके पिता मुहम्मद खैरूद्दीन बंगाल के रहने वाले थे जो काफी पढ़े-लिखे और विद्वान् थे. इनके पिता अपने परिवार के साथ बंगाल में रहते थे. किन्तु सन् 1857 ई. में हुई विद्रोह की लड़ाई में इन्हें भारत छोड़कर अरब जाना पड़ा. अरब में ही मौलाना अबुल कलाम आजाद का जन्म हुआ. मौलान आजाद दो साल तक अरब में रहे और बाद में सन् 1890 में इनका परिवार भारत वापस लौट आया.

मौलाना अबुल कलाम आजाद की शिक्षा | Maulana Abul Kalam Azad Education

मौलाना आजाद की प्राथमिक शिक्षा परिवार से ही प्रारम्भ हुई जिसके कारण इन्हें परम्परागत इस्लाम की शिक्षा दी गई. शुरूआत में इन्हें घर पर ही इनके पिता पढ़ाया करते थे. फिर कुछ समय बाद एक विद्वान् शिक्षक को नियुक्त कर दिया जो उन्हें अन्य जरूरी विषयों की शिक्षा दे सके. मौलाना आजाद उर्दू, अरबी और फ़ारसी के बहुत उच्चकोटि के विद्वान् थे. इसके अलावा इन्हें बंगाली, हिंदी, अंग्रेजी आदि भाषाओं का भी ज्ञान था. मौलाना आजाद को पढ़ाई का बड़ा शौक था इसलिए वो हमेशा अध्ययन करते रहते थे.

मौलाना आजाद का भारतीय स्वतंत्रता में योगदान

स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में मौलाना आजाद का महत्वपूर्ण योगदान हैं. सन् 1920 ई. के असहयोग और खिलाफत आन्दोलन में मुसलमानों को बहुत अधिक संख्या में शामिल किया और जेल भी गये. जेल से छूटने के बाद सन् 1923 ई. में वे दिल्ली अधिवेशन में कांग्रेस के प्रधान चुने गये. इसके बाद उन्होंनें मुस्लिम लीग की साम्प्रदायिक नीतियों का हमेशा विरोध किया. सन् 1940 ई. में वे दुबारा कांग्रेस के प्रधान चुने गये और इस पद पर वे सन् 1946 ई. तक रहे.

मौलाना आजाद लोकतांत्रिक और धर्म-निरपेक्ष राष्ट्रवाद की कल्पना करते थे. हिन्दू और मुस्लिम एकता के प्रबल समर्थक थे. साम्प्रदायिकता का हमेशा विरोध किया. मौलाना आजाद का शिक्षा के प्रति बड़ा ही उच्च नजरिया था वो चाहते थे कि मुसलमान कट्टर धार्मिक शिक्षा और पुराने दीन धर्म से बाहर निकले. पश्चिमी विज्ञान, साहित्य और अंग्रेजी की शिक्षा ग्रहण करें…

Maulana Abul Kalam Azad Thoughts in Hindi
Maulana Abul Kalam Azad Thoughts in Hindi

मौलान आजाद ने इस बात पर बहुत बल दिया कि दोनों सम्प्रदायों का एक साँझा लक्ष्य होना चाहिए और वह है – देश की स्वतंत्रता. जहाँ गांधी जी अहिंसा को एक धर्म मानते थे, वहाँ मौलाना अबुल कलाम आजाद इसको एक धर्म न मानकर केवल एक नीति ही मानते थे. आजाद कहते थे कि भारतीयों को अपनी स्वतन्त्रता प्राप्ति के लिए तलवार सम्भालने का अधिकार हैं, यदि उनके पास कोई विकल्प न रहे.

मौलाना अबुल कलाम आजाद के महत्वपूर्ण लेख

इन्होंने कुरआन पर एक टीका लिखी है जिसे “तरजुमने कुरआन” कहा जाता हैं. यह टीका उर्दू में है. यह अत्यंत प्रामाणिक मानी जाती हैं. उनकी एक अन्य पुस्तक बहुत प्रसिद्ध हैं. उसका नाम है “Indian Wins Freedom“.

मौलाना आजाद की उपलब्धियाँ | Maulana Azad Achievements

  • 1992 – मरणोपरांत इन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया.
  • 1989 – भारत में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा “मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन” की स्थापना की गई.
  • 11 नवम्बर इनके जन्म दिन पर “नेशनल एजुकेशन डे ( राष्ट्रीय शिक्षा दिवस )” मनाकर इन्हें सम्मानित किया जाता हैं.
  • भारत में कई शिक्षण संस्थान, स्कूल, कॉलेज और मार्गों को इनका नाम देकर इन्हें सम्मानित किया गया हैं.

मौलाना आजाद के बारें में अन्य जानकारियाँ | Other Information about Maulana Azad

  • स्वतंत्रता के पश्चात मौलाना आजाद देश के प्रथम शिक्षा मंत्री बने.
  • 13 वर्ष की आयु में इनकी शादी जुलेखा बेगम से हो गई थी.
  • मौलाना आजाद ने “अल-हिलाल” नामक समाचार पहली जून, सन् 1912 ई. से निकालना शुरू किया और उसमें सर सैय्यद अहमद खां की विचारधारा का डटकर विरोध किया.
  • मौलाना आजाद उर्दू की कविताओं के अंत में “आज़ाद” लिखा करते थे इसलिए लोग उन्हें आज़ाद के नाम से जानने लगे और यह आजाद उनके नाम के साथ जुड़ गया.
  • सन् 1923 ई. में, मात्र 35 साल की कम उम्र में उन्होंनें सबसे कम उम्र में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष बनकर देश की स्वतंत्रता के लिए कार्य किये.
  • मौलाना आज़ाद को गांधी जी के “नमक सत्याग्रह” का हिस्सा होने के कारण नमक कानून के उल्लंघन के लिए 1930 में गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया था.
  • मौलाना आजाद का कब्र पुरानी दिल्ली जामा मस्जिद के समीप परेड ग्राउंड में बनाया गया.

मौलाना आजाद की मृत्यु | Maulana Azad Death

22 फरवरी, सन् 1958 ई. को मौलाना आजाद का स्वर्गवास हो गया. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और शिक्षा में इनका अविस्मरणीय योगदान रहा है. मौलाना आजाद शिक्षा के माध्यम से धर्म की कट्टरता, अन्धविश्वास, रूढ़िवादी विचारों रुपी बेड़ियों को काटने की हमेशा कोशिश किये.

मौलाना आजाद का मूल्यांकन | Estimate of Maulana Azad

  • महात्मा गाँधी के विचारमहात्मा गाँधी ने अबुल कलाम आजाद के बारें में कहा हैं कि मुझे उसने सन् 1920 ई. से सम्पर्क में आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. इस्लाम के ज्ञान में उनको कोई मात नहीं दे सकता है. वे अरबी के अत्यन्त उच्चकोटि के विद्वान् हैं. उनका राष्ट्रवाद इतना ही सुदृढ़ है जितना कि उनका इस्लाम में विश्वास.
  • मौलाना आजाद के बारें में सरदार बल्लभ भाई पटेल के विचारसरदार बल्लभ भाई पटेल ने मौलाना अब्दुल कलाम आजाद के बारें में लिखा है कि “छः वर्ष के इस परेशानी के समय (1940-1946) में एक भी ऐसा अवसर नहीं आया जबकि मौलाना आजाद अपने इस उच्च पद की प्रतिष्ठा और गरिमा को बनाये रखने में असफल रहे हो“.

इसे भी पढ़े –

Latest Articles