Mata Amritanandamayi Quotes Thoughts Suvichar Image Photo in Hindi – इस आर्टिकल में माता अमृतानंदमयी के सुविचार अनमोल वचन दिए हुए है. इन्हें जरूर पढ़े.
Mata Amritanandamayi Quotes in Hindi
अगर हम बच्चों को
छोटी उम्र में ही नैतिक मूल्य
और आध्यात्मिक संस्कार दें
तो ये उनके अंदर गहरे चले जाते है.
Mata Amritanandamayi
सबकी एक समस्या सामन्य है – ‘चिंता’
बाहरी समस्याओं के समाधान के लिए
पहले हमें अपने जीवन से यांत्रिक
चिंता का त्याग करना होगा।
Mata Amritanandamayi
जब हम तात्कालिक सुख के लिए
क्षणभंगुर चीजों के पीछे भागते है तो
हमारे आयुष्य और स्वास्थ्य
दोनों का नाश हो जाता है.
फिर हम मनोरोगों के शिकार हो जाते है
हमारा यौवन भी नष्ट हो जाता है.
Mata Amritanandamayi
‘चिंता’ शरीर में पैदा होनेवाले
वायरस की तरह है.
जो लोग आपके संपर्क में आएंगे
उन्हें भी लग जाएगा।
Mata Amritanandamayi
मिट्टी अभी गीली हो
तो हम फेर-बदल कर सकते है,
लेकिन घड़ा तैयार होने के बाद
उसमें फेर-बदल सम्भव नहीं।
उसी तरह, हमें भी विचारों के स्तर पर
श्रवण, मंनन, निदिध्यासन करना चाहिए।
माता अमृतानंदमयी
माता अमृतानंदमयी के सुविचार
जगत में जीवन व्यतीत करते हुए,
हम प्रयत्न करें कि
फिजूल विचारों को
अपने मन में स्थान न दें.
विचार तो आएंगे लेकिन
उन्हें जड़े जमाने न दें.
Mata Amritanandamayi
इच्छा होगी तो दुःख आएगा,
बारिश और धूप की तरह,
रात और दिन की तरह,
मुश्किलें आयेगीं ही.
माता अमृतानंदमयी
व्यक्ति में क्रोध, दुःख और
घृणा पैदा हो सकते है।
इस सबकी जड़ है मोह.
माता अमृतानंदमयी
विवाह का हेतु शारीरिक तुष्टि नहीं ,
अच्छी संतान पैदा करना और
परस्पर भावनाओं को सांझा कर के
उससे ऊपर उठना होता था.
माता अमृतानंदमयी
महाभारत और रामायण जैसे
पात्र और कथाएं हमें आज और
भावी युगों में भी देखने को मिलेंगे।
यह सत्य है.
माता अमृतानंदमयी
Mata Amritanandamayi Thoughts in Hindi
ऐसा कोई नहीं जिसने
कभी कोई गलती न की हो।
लेकिन हमेशा गलतियाँ करते रहना…
हमेशा निराश रहना…
गलती पर गलती करते रहना…
खुद को कोसते रहना…
ये कोई जीने का सही ढंग नहीं है.
Mata Amritanandamayi
वकीलों की बहस में जैसे
जज का होना जरूरी है,
वैसे हमारे समाधान के लिए
ईश्वर या सद्गुरु की
अपरिमित शक्ति में विश्वास और
उनका उपदेश होना जरूरी है.
Mata Amritanandamayi
आत्म-बल, आत्मविश्वास के
सिवा कुछ और नहीं।
आध्यात्मिकता हमें हर परिस्थिति का
सामना करने योग्य बना देती है.
Mata Amritanandamayi
मान लो, कोई कर्म हमारे इच्छानुसार नहीं होते,
तो ऐसा या तो हमारे पूर्वकर्मों के कारण होता है
या अभी किसी दुःख-विशेष के रूप में
प्रारब्ध का क्षय हो रहा है या किया जा रहा है.
ऐसे हमें अपने मन को समझाना चाहिए।
Mata Amritanandamayi
अणु-परमाणु में परमात्मा धड़क रहा है।
भक्ति की पराकाष्ठा में, प्रपंच को भी
भक्त ईश्वर – रूप देखता है।
वहां स्वीकारने-अस्वीकारने जैसा कुछ नहीं।
Mata Amritanandamayi
अम्मा अमृतानंदमयी के सुविचार
हम कुछ बड़ा काम
न भी कर सकें तो भी,
छोटे-छोटे कर्मों द्वारा
कोई बड़ी प्राप्ति कर सकते है.
अम्मा अमृतानंदमयी
नियमित रूप से ध्यान करो।
एकाग्रता न भी हो तो भी प्रयत्न करते रहो।
यंत्रवत ही करो, लाभ होगा। छोड़ना नहीं।
अम्मा अमृतानंदमयी
पूर्वकर्मों के फलस्वरूप जीवन में कष्ट आते हैं।
अतः हमें सत्कर्म करने चाहिए।
करेंगे, तो कुछ बदलाव आ सकता है।
अम्मा अमृतानंदमयी
खाने की वस्तुओं में
मिठाई सबसे प्रिय होती है।
आज तक किसी ने ईश्वर को
कुछ खाते नहीं देखा।
अभिप्राय है प्रिय वस्तु समर्पित करना।
अर्पण – हृदय खोलने की प्रक्रिया है.
अम्मा अमृतानंदमयी
महात्मा स्पष्ट करते हैं कि हम परिमित शरीर नहीं,
सर्वव्यापी आत्मचैतन्य हैं।
जीव सर्वव्यापी ब्रह्मा ही है।
यह ज्ञान ही वास्तविक प्रकाश है : मोक्ष है.
अम्मा अमृतानंदमयी
Quotes on Mata Amritanandamayi in Hindi
हम “मैं, मैं” करते रहते हैं।
अपने अहम भाव को पाल-पास रहे हैं।
अहम – जीवन सृष्टि है। शेष ईश्वर-सृष्टि है।
इस अहम का नाश भी जीव को ही करना है।
Mata Amritanandamayi
स्वार्थ और ईर्ष्या-द्वेष में फंसे बगैर,
हमें अपने अंदर ईश्वर-भक्ति और
जगत के प्रति करुणा को जागृत करना चाहिए।
Mata Amritanandamayi
जिस प्रकार बच्चे बार-बार गिरने
और चोट लगने के बावजूद भी
उठने और चलने का उत्साह और
प्रयास नहीं छोड़ते हैं। ठीक उसी
प्रकार युवाओं को भी असफलता
मिलने पर कर्म करने का उत्साह
और प्रयास नहीं छोड़ना चाहिए।
Mata Amritanandamayi
यही क्षण हमारे पास हैं।
अगली साँस भी हमारे हाथ में नहीं है।
अभी अच्छी कर्म करें
तो निश्चय ही हम आगे बढ़ेंगे।
तो उस आत्मविश्वास को हमें
अपने अंदर जगाना है।
Mata Amritanandamayi
हमे कर्म करना चाहिए।
तुम्हारे पास कुछ भी करने को
न हो तो कम से कम घास ही
काटकर पड़ोसी की गाय को खिलाओं।
निकम्मे मत बैठों। यह देह और
मन के आरोग्य के लिए आवश्यक है।
Mata Amritanandamayi
Amma Amritanandamayi Quotes in Hindi
लक्ष्य ही प्रयत्न करने की प्रेरणा और शक्ति देता हैं।
लक्ष्य प्राप्ति की कोशिश में, पराजय भी हो सकती है।
लेकिन हमें हिम्मत नहीं हारनी चाहिए।
Amma Amritanandamayi
अपने भीतर ही सुख को खोजना –
यही हेतु है आध्यात्मिकता का।
“जागो तुम शेर के बच्चे हो !”
‘तुम मोमबत्ती नहीं, स्वयंप्रकाश सूर्य हो।
Amma Amritanandamayi
अनंत जगत में, हमारा जीवन
पानी के बुलबुले जैसा क्षणभंगुर है.
Amma Amritanandamayi
अन्य किसी निर्णय की तरह,
खुश रहना भी एक निर्णय है।
हमारा अधिकार कर्म करने का हैं,
फल देना तो ईश्वर के हाथ में हैं।
Amma Amritanandamayi
वाणी में शक्ति है,
शब्द शत्रु को मित्र और
मित्र को शत्रु बना सकते है.
Amma Amritanandamayi
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