भारतीय चुनाव प्रक्रिया और प्रकार | Indian Election Process in Hindi

Indian Election Process in Hindi ( Chunav Prakriya in Hindi ) – इस पोस्ट में आपको चुनाव के बारें में पूरी जानकारी दी गयी हैं जैसेकि चुनाव क्या हैं? चुनाव प्रक्रिया में क्या-क्या होता हैं और चुनाव के प्रकार और उनके बारें में जानकारी दी गयी हैं.

चुनाव क्या हैं? | What is Election in Hindi

चुनाव या निर्वाचन (Election), लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसके द्वारा जनता (लोग) अपने प्रतिनिधियों को चुनती है.

स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात भारतीय संविधान के द्वारा भारत में लोकतंत्रीय शासन व्यवस्था को अपनाया गया हैं. चूँकि भारत जैसे विशाल देश राष्ट्र में प्रत्यक्ष लोकतंत्र को अपनाना सम्भव नहीं था अतः संविधान निर्माताओ ने भारत के लिए अप्रत्यक्ष लोकतंत्र की व्यवस्था की. भारत की जनता को अपने प्रतिनिधियों को निर्वाचित करने का अधिकार प्राप्त हैं. भारतीय जनता एक निश्चित समय के लिए अपने प्रतिनिधियों को निर्वाचित करती हैं तथा उनके माध्यम से शासन-कार्यों में भाग लेती हैं. लोकतंत्र को चलाने के लिए निर्वाचन आवश्यक हैं. निर्वाचित प्रतिनिधियों के द्वारा ही सरकार का निर्माण होता हैं तथा जनता का सरकार पर नियन्त्रण रहता हैं. अतः लोकतंत्र की सफलता के लिए स्वतंत्रत एवं निष्पक्ष निर्वाचन होना अत्यंत आवश्यक हैं.

चुनाव के द्वारा ही आधुनिक लोकतंत्रों के लोग विधायिका (और कभी-कभी न्यायपालिका एवं कार्यपालिका) के विभिन्न पदों पर आसीन होने के लिये व्यक्तियों को चुनते हैं. चुनाव के द्वारा ही क्षेत्रीय एवं स्थानीय निकायों के लिये भी व्यक्तिओं का चुनाव होता है. वस्तुतः चुनाव का प्रयोग व्यापक स्तर पर होने लगा है और यह निजी संस्थानों, क्लबों, विश्वविद्यालयों, धार्मिक संस्थानों आदि में भी प्रयुक्त होता है.

भारत के 29 राज्य और 7 केंद्र शासित प्रदेश | 29 States and 7 Union Territories of India

चुनाव प्रक्रिया और चुनाव प्रकार के बारें में जानने से पहले देश के 29 राज्य और 7 केंद्र शासित राज्यों के बारें में जरूर जाने –

भारत के 29 राज्य | 29 States of India

आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम , बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर , मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, उड़ीसा, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश , उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल.

भारत के 7 केंद्र शासित राज्य | 7 Union Territories of India

अंडमान और निकोबार, चंडीगढ़, दादरा और नागर हवेली , दमन और दीव , दिल्ली, लक्षद्वीप और पुडुचेरी

निर्वाचन प्रक्रिया | Election Process

संविधान में उल्लिखित अवधि के पश्चात् विभिन्न पदों एवं संस्थाओं के लिए होने वाली निर्वाचनों की आरम्भ से लेकर अंत तक की प्रक्रिया को निर्वाचन प्रक्रिया कहते हैं. भारतीय संविधान के द्वारा निर्वाचन प्रक्रिया निर्धारित करने का कार्य भारतीय संसद को तथा निर्वाचन के संचालन का उत्तरदायित्व निर्वाचन आयोग को सौपा गया हैं.

संसद ने ‘जन प्रतिनिधि अधिनियम सन् 1951’ के द्वारा निर्वाचन प्रक्रिया निर्धारित की हैं. इन अधिनियमों में सदस्यों को अर्हताओं, योग्यताओं, निर्वाचनों की अधिसूचना, निर्वाचनों के संचालन, निर्वाचन सम्बन्धी विवादों का निपटारा, निर्वाचन सम्बन्धी अपराध व उपनिर्वाचन आदि से सम्बन्धित सम्पूर्ण व्यवस्था की गई हैं.

निर्वाचन प्रक्रिया के विभिन्न चरण | Various Stages of Election Process

  • निर्वाचन क्षेत्रों का निर्धारण
  • मतदाता सूचियाँ तैयार करना
  • निर्वाचन की अधिसूचना
  • निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा
  • निर्वाचन अधिकारियों की नियुक्ति
  • नामांकन पत्र प्रस्तुत करना
  • नामांकन पत्रों की जाँच
  • नाम वापसी की व्यवस्था
  • चुनाव चिन्हों का आवंटन
  • चुनाव प्रचार
  • मतदान केन्द्रों की व्यवस्था
  • मतदान
  • मतगणना व परिणाम की घोषणा
  • चुनाव स्थगन या पुर्नमतदान
  • चुनाव व्यय का विवरण देना
  • निर्वाचन विवाद
  • उपचुनाव

भारत में चुनाव के प्रकार | Types of Election in India

भारत में विभिन्न स्तर की नियुक्ति के लिए विभिन्न तरह के चुनाव होते है. मुख्य तौर पर दो तरह के चुनाव ( लोकसभा और विधानसभा) भारत में अतिमहत्वपूर्ण है. अन्य और प्रकार के होने वाले चुनाव भी अपना-अपना महत्व रखते हैं.

लोक सभा चुनाव | Lok Sabha Election

देश को उतने ही निर्वाचन क्षेत्रों में विभाजित किया जाता हैं, जितने कि लोकसभा के सदस्य निर्वाचित किये जाने है. प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र से केवल एक सदस्य चुना जाता हैं. इन्हें एकल सदस्यीय निर्वाचन क्षेत्र कहा जाता हैं. इससे सम्बन्धित कुछ अन्य तथ्य –

  • लोकसभा का चुनाव 5 वर्ष के अंतराल पर होता हैं.
  • संविधान के अनुच्छेद 324 के अनुसार इस निर्वाचन का नियंत्रण और नियमन भारत के चुनाव आयोग (Election Commission of India) के हाथों में होता हैं.
  • भारत के चुनाव आयोग या भारत के निर्वाचन आयोग के कार्यों को करने के लिए भारतीय सिविल सर्विस ( Indian Civil Service ) द्वारा दो उप-निर्वाचन अधीक्षकों की नियुक्ति होती हैं.
  • इस चुनाव में निर्वाचित लोग देश के संसद में हिस्सा लेते हैं, संसद में कुल 552 सांसद होते है. इसे “लोअर हाउस ऑफ़ पार्लियामेंट” भी कहा जाता हैं.
  • लोकसभा में चुने गए प्रतिनिधियों को सांसद अथवा संसद के सदस्य ( Member of Parliament – MP ) आदि नामों से जाना जाता हैं.

लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया | Lok Sabha Election Process

लोकसभ के सदस्यों का निर्वाचन प्रत्यक्ष निर्वाचन प्रणाली द्वारा व्यस्क मताधिकार के आधार पर होता है. 18 वर्ष की आयु का प्रत्येक भारतीय अपने मत का उपयोग कर सकता हैं. विभिन्न निर्वाचन क्षेत्र से विभिन्न पार्टियाँ अपना उम्मीदवार चुनाव लड़ने के लिए उतारती हैं. अधिक्तर पार्टियाँ अपने पार्टी फंड का इस्तेमाल करके अपने उम्मीदवारों के प्रचार करती हैं. वर्तमान समय में उम्मीदवार भी अपनी यथाशक्ति चुनाव प्रचार और अधिक वोट पाने के लिए अपने धन का व्यय करते हैं. ये चुनाव प्रचार एक दिन पहले बंद हो जाता हैं. यदि कोई व्यक्ति किसी पार्टी से नहीं लड़ना चाहता हैं तो वह निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर भी चुनाव लड़ सकता हैं. भारतीय लोकसभा का चुनाव की पूरी जानकारी 

लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए योग्यता | Eligibility criteria for Lok Sabha Election

लोकसभा की सदस्यता के लिए उम्मीदवार या लोकसभा चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार के लिए निर्धारित योग्यताएं निम्न हैं.

  1. उम्मीदवार भारत का नागरिक हो.
  2. कम से कम 25 वर्ष की आयु उम्मीदवार पूरी कर चुका हो.
  3. संसद ने किसी क़ानून द्वारा योग्य न ठहराया हो.
  4. भारत सरकार या राज्य सरकार के अधीन किसी लाभ के पद पर कार्यरत न हो.
  5. किसी न्यायलय द्वारा पागल अथवा दिवालिया घोषित न किया गया हो.
  6. इसके साथ संसद द्वारा उस समय बनाये गये या संसोधित नियम की योग्यता रखता हो.

लोकसभा में सीट खाली होने की वजहें

कोई निर्वाचित उम्मीदवार या प्रतिनिधि लोकसभा की सदस्यता निम्न कारणों से निरस्त की जा सकती हैं.

  • यदि लोकसभा सदस्य लगातार 60 दिनों तक बिना स्पीकर के अनुमति से अनुपस्थित रहता हैं.
  • यदि लोकसभा सदस्य लोकसभा स्पीकर को अपना त्याग प्रत्र दे देता हैं.
  • अन्य किसी कारणवश सांसद या लोकसभा सदस्य को अयोग्य घोषित किया जाता हैं.

राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव | Election of Rajya Sabha Members

इसे “अपर हाउस ऑफ़ पार्लियामेंट ( Upper House of parliament )” भी कहा जाता हैं. भारतीय संविधान के अनुसार राज्यसभा में कुल 250 सीट होते हैं. इसमें से 12 सदस्यों का चुनाव कला, विज्ञान, खेल और साहित्य के क्षेत्र से भारत के राष्ट्रपति के द्वारा किया जाता हैं, और अन्य राज्यसभा सांसदों का चुनाव विधानसभा से होता हैं. राज्यसभा सांसदों के चुनाव में आम नागरिक की कोई भूमिका नहीं होती हैं. राज्यसभा में शामिल होने के लिए उम्मीदवार की उम्र न्यूनतम 30 वर्ष होनी चाहिए. राज्यसभा सांसद का कार्यकाल 6 वर्ष का होता हैं. देश के विभिन्न राज्यों के विधान सभा से “सिंगल ट्रांसफरेबल वोट” निर्वाचित राज्यसभा सदस्य राज्यसभा के बहस में हिस्सा लेते हैं. राज्यसभा का गठन और चुनाव की पूरी जानकारी 

भारत में राष्ट्रपति का चुनाव | President Election in India

संविधान के अनुच्छेद 55 में राष्ट्रपति निर्वाचन व्यवस्था का उल्लेख किया गया हैं जिसके अनुसार राष्ट्रपति का निर्वाचन अनुपातिक प्रतिनिधत्व प्रणाली के अनुसार एकल संक्रमणीय मत के आधार पर गुप्त मतदान के द्वारा होता हैं. भारत के राष्ट्रपति के चुनाव में लोकसभा, राज्यसभा तथा विभिन्न राज्यों के विधायक इस चुनाव में मतदान करते हैं. यह चुनाव तात्कालिक राष्ट्रपति के कार्यकाल समाप्त होने से पहले होता हैं. भारत के राष्ट्रपति के चुनाव की पूरी जानकारी

भारत में उपराष्ट्रपति का चुनाव | Vice President Election in India

भारत के उपराष्ट्रपति का निर्वाचन लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों के सीधें वोटिंग से होता हैं. इन चुनाव को उपराष्ट्रपति के ऑफिस में निर्वाचन आयोग द्वारा करवाया जाता हैं. भारत के उपराष्ट्रपति के चुनाव की पूरी जानकारी 

विधान सभा इलेक्शन | Vidhan Sabha Election

विधान सभा चुनाव वह है जिसके द्वारा राज्य सरकार का निर्माण होता हैं. विधानसभा के सदस्यों का निर्वाचन वयस्क मताधिकार के आधार पर प्रत्यक्ष एवं गुप्त मतदान प्रणाली के द्वारा कराया जाता हैं. राज्य की जनसंख्या और उस राज्य की विधानसभा के निश्चित स्थानों के आधार पर राज्य को कई निर्वाचित क्षेत्रों में बाँट दिया जाता हैं, ताकि राज्य के समस्त निर्वाचन क्षेत्रों में जनसंख्या का अनुपात समान हो. एक निर्वाचन क्षेत्र में एक सदस्य निर्वाचित होता हैं.

विधान सभा की चुनाव प्रक्रिया | Vidhansabha Election Process

विधानसभा का चुनाव 5 वर्ष के अंतराल पर होता हैं. राज्य का कोई व्यक्ति जो 18 वर्ष या इससे अधिक का हो तथा मतदाता सूची में नाम हो वह चुनाव में अपना मत पसंदीदा उम्मीदवार को दे सकता हैं. विधान सभा की सीटों के लिए क्षेत्रीय पार्टी ( Regional Party ), निर्दलीय पार्टी ( Independent Party ) और राष्ट्रीय पार्टी ( National Party ) से उम्मीदवार चुनाव में खड़े होते हैं. देश का सबसे बड़ा राज्य उत्तरप्रदेश है, जहाँ कुछ 484 विधान सभा सीटें हैं.

विधायक पद के उम्मीदवारों की योग्यता | Eligibility Criteria for Vidhan Sabha Election Candidates

  • उम्मीदवार भारत का नागरिक हो.
  • उम्मीदवार के आयु कम से कम 25 वर्ष हो.
  • उम्मीदवार संसद या राज्य विधानसभा द्वारा निर्धारित शर्तों को पूरा करता हो.
  • उम्मीदवार भारत सरकार या राज्य सरकार के अंतर्गत किसी लाभ के पद पर न हो.
  • उम्मीदवार पागल या दिवालिया घोषित न किया जा चुका हो.
  • उसे जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के अंतर्गत अयोग्य घोषित न किया गया हो.
  • उम्मीदवार मानसिक रूप से स्वस्थ होना चाहिए.

चुनाव या निर्वाचन सम्बंधित अन्य तथ्य | Other Facts related to Election

  • भारत में प्रथम आम चुनाव सन् 1952 ई. को हुआ था.
  • प्रधानमंत्री की नियुक्ति – संविधान के अनुच्छेद 75(1) के अनुसार – प्रधानमन्त्री की नियुक्ति राष्ट्रपति करेगा, परन्तु व्यवहार में राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री की नियुक्ति केवल औपचारिकता माता ही है क्योंकि राष्ट्रपति लोकसभा में बहुमत प्राप्त दल के नेता को ही प्रधानमन्त्री के पद पर नियुक्त करता हैं, परन्तु यदि लोकसभा में किसी दल को स्पष्ट बहुमत न मिला हो तो राष्ट्रपति स्वविवेक से उस व्यक्ति को प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्त करेगा, जिसे लोकसभा में स्पष्ट बहुमत का विश्वास प्राप्त हो.
  • अन्य मंत्रियों की नियुक्ति – संविधान के अनुसार, अन्य मंत्रियो की नियुक्ति प्रधानमंत्री के परामर्श पर पर राष्ट्रपति द्वारा किये जाने की व्यवस्था हैं, परन्तु राष्ट्रपति अन्य मंत्रियों की नियुक्ति के सम्बन्ध में भी स्वतंत्र नहीं हैं. राष्ट्रपति प्रधानमन्त्री का परामर्श मानने को बाध्य हैं.
  • राज्यपाल की नियुक्ति – भारतीय संविधान के अनुच्छेद 155 के अनुसार, “राज्य के राज्यपाल को राष्ट्रपति अपने हस्ताक्षर और मुद्रा सहित अधिपत्र द्वारा नियुक्त करेगा.” परन्तु व्यवहार में राज्यपाल की नियुक्ति संघीय मंत्रिपरिषद के परामर्श के अनुसार ही राष्ट्रपति के द्वारा की जाती हैं. दो या दो से अधिक राज्यों के लिए एक ही राज्यपाल की नियुक्ति भी की जा सकती हैं.
  • मुख्यमंत्री की नियुक्ति – संविधान के अनुच्छेद 164 (1) के अनुसार राज्य विधानसभा में बहुमत प्राप्त दल के नेता को राज्यपाल मुख्यमंत्री के पद पर नियुक्त करता है और उससे मंत्रिपरिषद का गठन करने के लिए कहता हैं. यदि विधान सभा में किसी राजनितिक दल को स्पष्ट बहुमत प्राप्त नहीं हुआ हो तो राज्यपाल स्वविवेक से उस व्यक्ति को मुख्यमंत्री नियुक्त कर सकता हैं, जिसे विधानसभा के विभिन्न राजनीतिक दलों का मिला-जुला समर्थन प्राप्त होने की आशा हो.
  • चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही वहाँ (चुनाव वाले स्थान पर) चुनाव आचार संहिता ( Chunav Aachar Sanhita ) भी लागू हो जाती हैं. चुनाव आचार संहिता के लागू होते ही प्रदेश सरकार और प्रशासन पर कई अंकुश लग जाते हैं.
  • विभिन्न मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने लगभग 10 हजार करोड़ से 30 हजार करोड़ तक चुनाव प्रचार में खर्च किया था. समय-समय पर यह खर्चे घटते-बढ़ते रहते हैं.

Latest Articles