गुरूर शायरी | Guroor Shayari in Hindi | घमंड शायरी | Ghamand Shayari in Hindi – इस आर्टिकल में बेहतरीन गुरूर शायरी, घमंड शायरी दिया हुआ हैं आशा करता हूँ कि आपको यह पसंद आएगा. इस पोस्ट को एक बार जरूर पढ़े.
गुरूर शायरी | Guroor Shayari
मेरे सारे कसूरों पर भारी मेरा इक कसूर है,
मैं उसे पसंद करता हूँ बस इसी बात का उसे गुरूर है.
न मेरा एक होगा, न तेरा लाख होगा,
न तारीफ़ तेरी, न मेरा मजाक होगा,
गुरूर न कर शाह-ए-शरीर का,
मेरा भी खाक होगा, तेरा भी ख़ाक होगा.
चेहरे पर हंसी छा जाती हैं,
आँखों में सुरूर आ जाता हैं,
जब तुम मुझे अपना कहते हो,
मुझे खुद पर गुरूर आ जाता हैं.
घमंड शायरी | Ghamand Shayari
ना इतराओ इतना, बुलंदियों को छूकर,
वक्त के सिकन्दर पहले भी कई हुए हैं,
जहाँ होते थे कभी शहंशाह के महल,
देखे हैं वहीं, अब उनके मकबरे बने हुए हैं..
जीत किस के लिए, हार किस के लिए,
जिन्दगी भर ये तकरार किसके लिए,
जो भी आया हैं वो जाएगा एक दिन
फिर ये इतना अहंकार किसके लिए.
Guroor Shayari in Hindi
किरदार में मेरे भले अदाकारियाँ नहीं हैं,
खुद्दारी हैं, गुरूर हैं, पर मक्कारियाँ नहीं हैं.
रूबरू होने की तो छोड़िये,
लोग गुफ़्तगू से भी कतराने लगे हैं,
गुरूर ओढ़े हैं रिश्ते,
अपनी हैसियत पर इतराने लगे हैं.
Guroor Status in Hindi
वो छोटी-छोटी उड़ानों पे गुरूर नहीं करता हैं,
जो परिंदा अपने लिए आसमान ढूढ़ता हैं.
गुरूर के भी अजब हैं किस्से,
आज मिट्टी के ऊपर, कल मिट्टी के नीचे.
ज़रूरत तोड़ देती हैं इंसान के घमंड को,
अगर न होती मजबूरी तो हर बंदा खुदा होता.