एकता पर निबन्ध | Essay on Unity in Hindi

Eassy on ‘Unity is strength in Hindi’ – एकता में बड़ी ताकत होती जिसे हम और आप सभी जानते हैं, एकता की ताकत से हम किसी भी असम्भव लक्ष्य को भी प्राप्त कर सकते है. इस निबन्ध के माध्यम से एकता के महत्व को जरूर समझे और जानें.

एकता पर निबन्ध | | Essay on Unity ( Sangathan Mein Shakti Essay in Hindi )

अनेकता में एकता,
हिन्द की विशेषता.

भारतवर्ष रंगबिरंगे फूलों का गुलदस्ता है. यहाँ की संस्कृति विविधता को सम्मान देती है. यहाँ का मूल विचार है – एकम् सद्विप्रा बहुधा वदन्ति. सत्य एक है. उस तक पहुँचने के रास्ते भिन्न हैं. अतः यहाँ सभी रास्तों, विचारों, मतों, सम्प्रदायों और धर्मों को एक माना गया हैं. यहाँ मन्दिर की तरह ही गुरूद्वारे, शिवाले, मस्जिद और गिरजाघरों को परमात्मा के द्वार माना गया है. इनमें कोई टकराव नहीं हैं. वे अपने विचार को माते हुए भी सबके साथ मिलकर रह सकते हैं. ऐसा नहीं कि उन्हें किसी एक पुस्तक, या एक गुरू या एक परमात्मा को सत्य मानना है और शेष सभी को अपना शत्रु मानना हैं. इसी उदार विचार के कारण ही भारत में राष्ट्रीय एकता पनप पाई. कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भारत के लोग इसी एक विचार और और संस्कृति के कारण ही एक बने हुए हैं.

भारत में जहाँ एकता के तत्व अनेक हैं, वहीं अनेकता के तत्व भी अनेक हैं. कश्मीर के लोग गोरे है, पहाड़ो पर रहते हैं इसलिए उनका पहनावा और रहन-सहन भी शेष भारत से भिन्न है. कन्याकुमारी के लोग समुद्र के पास रहते हैं. वे रंग से काले हैं तथा उनका पहनावा और रहन-सहन कश्मीरियों से भिन्न हैं. इतना होते हुए भी सबकी आस्था भगवान शिव और विष्णु तथा भारतीय ग्रंथों में हैं. वे भी गीता और महाभारत से उतने ही प्रभावित हैं जितने कि उत्तर भारत के लोग. संस्कृत भाषा के प्रति उनकी उतनी ही आस्था हैं.

इस सनातन एकता के साथ राष्ट्रीय एकता के अन्य तत्व भी हैं. पूरे भारत ने आजादी की लड़ाई एकसाथ लड़ी. अंग्रेजों को बाहर भगाने में बंगाल का उतना ही योगदान रहा जितना कि असम, पंजाब या गुजरात-राजस्थान का. इस कारण सारे भारत में राष्ट्रीय एकता का भाव स्थिर हो गया. आजादी के बाद सभी प्रान्तों को समान रूप से बराबरी का स्थान मिला. पूरे देश पर एक ही संविधान लागू हुआ. यही कारण है कि सभी अपने-आप को भारत का पुत्र मानते हैं. आज 26 जनवरी और 15 अगस्त पूरे भारत का उत्सव हैं जिन्हें पूरा भारत एकसाथ मनाता हैं. इन्हीं अवसरों पर हम अपनी एकता को सुदृढ़ करते है तथा अपने मतभेदों को गलाकर एक भारत का सपना साकार करते हैं. जब भारत की रक्षा के लिए केरल से लेकर कश्मीर तक के सैनिक अपने प्राण न्योछावर करते हैं तो पूरा भारत एक हो जाता हैं. इसी राष्ट्रीय एकता के कारण उड़ीसा हमें उतना ही अपना लगता है जितना कि गोवा या मुम्बई या मध्यप्रदेश.

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