अक्षरधाम मंदिर की पूरी जानकारी | Akshardham Temple in Hindi

Akshardham Temple History in Hindi – अक्षरधाम मंदिर भारत में दो भिन्न स्थानों गांधीनगर (गुजरात) और दिल्ली में बना हुआ हैं. अक्षरधाम मांदरी को दिल्ली और गुजरात के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल हैं. अक्षरधाम मंदिर – Akshardham Temple को भगवान श्री स्वामीनारायण की स्मृति में बनवाया गया हैं. मंदिर को स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर के नाम से भी जाना जाता हैं.

अक्षरधाम क्या हैं? | What is Akshardham

अक्षरधाम‘ का अर्थ है ईश्वर का दिव्य निवास. यह भक्ति, पवित्रता और शांति के अनन्त स्थान के रूप में प्रतिष्ठित है. नई दिल्ली और गांधीनगर में स्वामीनारायण अक्षरधाम एक मंदिर है – भगवान का निवास, पूजा का एक हिंदू घर, और एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक परिसर जो भक्ति, सीखने और सद्भाव के लिए समर्पित है.

अक्षरधाम मंदिर का इतिहास | Akshardham Temple History

अक्षरधाम मंदिर का निर्माण “बी.ए.पी.एस. – बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (The Bochasanwasi Shri Akshar Purushottam Swaminarayan Sanstha – BAPS)” के द्वारा किया गया हैं. इस मंदिर के निर्माण में भगवान स्वामीनारायण की अध्यात्म परम्परा के पाँचवें उत्तराधिकारी “प्रमुखस्वामी महाराज” का महत्वपूर्ण योगदान रहा.

  • अक्षरधाम मंदिर (दिल्ली) – इस मन्दिर का उद्घाटन 6 नवम्बर, सन् 2005 में हुआ और 8 नवम्बर, 2005 को इसे आम जनता के लिए खोल दिया गया.
  • अक्षरधाम मंदिर (गांधीनगर, गुजरात) – इस मंदिर का उद्घाटन सन् 1992 ई. में हुआ.

इस मन्दिर की अतिसुन्दर कलाकृतियाँ हृदय को प्रसन्नता से भर देती हैं. इसकी कलाकृतियों और भव्यता के कारण एक ऐतिहासिक मंदिर बन चुका हैं. देश और विदेश से लोग इसे देखने आते हैं. मंदिर प्रांगण में अध्यात्म की अद्भुत अनुभूति होती हैं. इस मंदिर को एक बार देखने के बाद यहाँ बार-बार आने का मन करता हैं.

अक्षरधाम मंदिर | Akshardham Temple

इस मंदिर को अच्छी तरह से देखने और यहाँ होने वाले प्रदर्शनी और वाटर शो आदि को देखने में पूरा दिन लग जाता हैं.

  • मंदिर | Mandir – स्वामिनारायण अक्षरधाम मंदिर परिसर का हृदय अक्षरधाम मंदिर हैं जिसमें स्वयं भगवान स्वामीनारयण जी विराजमान हैं. इस मंदिर में आने वाले पर्यटक यहाँ  जाकर भगवान स्वामीनारायण का दर्शन करते हैं. यहाँ पर आपको स्वामीनारायण की अध्यात्म परम्परा के सभी उत्तराधिकारियों के भी दर्शन होंगे. अक्षरधाम मंदिर के आंतरिक भाग को नौ मंडपों में विभाजित किया जा सकता हैं. इन नौ मंडपों को प्रत्येक में नक्काशीदार मूर्तियाँ और खम्भों से भरा गया हैं.
  • अभिषेक मंडप | Abhishek Mandap – अभिषेक प्रार्थना की पूर्णता के लिए एक देवता का अनुष्ठान स्नान हैं. पूजा और मन्त्रों के उच्चारण के बीच उपासक भगवान स्वामीनारायण के युवा, योगी रूप नीलकंठ वर्णी की मूर्ती का अभिषेक करते हैं. इसे एक निर्धारित शुल्क पर पर्यटक कर सकते हैं.
  • प्रदर्शनी | Exhiitions – प्रदर्शनियाँ तीन बड़े हाल में प्रदर्शित की जाती हैं, जिनमें से प्रत्येक में एक अनूठी प्रदर्शन शैली होती हैं. शिक्षा, सूचना और प्रेरणा का स्त्रोत, कला विज्ञान, संस्कृति और आध्यात्मिकता का संयोजन हैं. ये प्रदर्शनी कलात्मक रूप से मन्त्रमुग्ध करने वाला, वैज्ञानिक रूप से तेजस्वी, सांस्कृतिक रूप से आगे बढ़ने और आध्यात्मिक रूप से ऊँचा होने के कारण, प्रदर्शनियाँ अद्भुत वातावरण बनाती हैं जो दर्शकों को प्राचीन भारत में ले जाने में सक्षम हैं. इस प्रदर्शनी के दौरान आप एक सिनेमा हाल में भगवान स्वामी नारायण के बारें में भी संक्षिप्त जानकारी मिलती हैं और सास्कृतिक नौकाविहार भी इसी प्रदर्शनी में शामिल हैं.
  • वाटर शो | Water Show – यह एक Multimedia Water Show हैं. आधें घंटे का यह शो हृदय को छू लेता हैं. यदि आप अक्षरधाम मंदिर जाएँ तो इस शो को जरूर देखे. पूरे भारत में इस तरह के शो बहुत ही कम होंगे या तो नहीं ही होंगे इसलिए इसे जरूर देखे.

अक्षरधाम मंदिर के बारें में रोचक तथ्य | Interesting Facts about Akshardham Temple

  • इस मंदिर को बनाने में इस्पात (लोहा) और सीमेंट का इस्तेमान नहीं किया गया हैं.
  • स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर, दिल्ली 100 एकड़ भूमि में बना हैं. विश्व का सबसे विशाल हिन्दू मंदिर परिसर होने के कारण इसे 26 दिसम्बर 2007 को यह गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स ( Guinness Book of World Records ) में शामिल किया गया.
  • दस द्वार – इस मंदिर परिसर में 10 द्वार है जो दसों दिशाओं के प्रतीक हैं, जो वैदिक शुभ कामनाओं को चिन्हित करता हैं. दसों दिशाओं से जो दिव्य हो जो मांगलिक हो वह हमारे तरफ प्रवाहित हो और हमारा हृदय सबके मंगल की कामना करे और उसके लिए कार्य करें.
  • मंदिर परिसर में फोटोग्राफी-वीडियोग्राफी, मोबाईल, कैमरा, रेडियो या कोई अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ले जाना निषिद्ध हैं. आप कोई खाने की चीज भी नहीं ले जा सकते हैं. बैग और अन्य सामान आदि अंदर नहीं ले जा सकते हैं.
  • मयूर द्वार – भारत का राष्ट्रीय पक्षी मोर है. अक्षरधाम मंदिर का यह द्वार 869 आनंदित नृत्य करते मयूरो से बना हैं. मयूरद्वार भरतीय शिल्पकला की सुन्दरतम कृति हैं.
  • अक्षरधाम मंदिर में सूर्य प्रकाश के सात रंगों के प्रतीकरूप सात अश्वों का अनुपम सूर्यरथ और चन्द्र की सोलह कलाओं के प्रतीकरूप सोलह हिरणों का अद्भुत चन्द्ररथ जरूर देखे.
  • मंडोवर अर्थात अक्षरधाम मंदिर की बाहरी दीवार. इसकी कुल लम्बाई 611 फुट और ऊँचाई 24 फुट हैं. गढ़े हुए 4287 पत्थरों से निर्मित यह मंडोवर प्राचीन भारतीय नगरादि शैली के स्थापत्यों में सबसे बड़ा हैं और इसमें हिंदू धर्म के कई महान ऋषियों, साधुओं, भक्तों, आचार्यों और अवतारों की 200 मूर्तियां हैं.

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