15 August 2021 Independence Day Poem Poetry Kavita in Hindi – इस आर्टिकल में 15 अगस्त पर कविता दी गई है. अगर इंसान के जज्बातों की बात करें तो देशभक्ति का जज्बात सबसे खूबसूरत और महान होता है. इन देशभक्ति कविताओं को जरूर पढ़े और अपने विचारों को देशप्रेम की रंग में रंग जाने दें.
15 अगस्त के दिन स्कूलों में बच्चे देशभक्ति गीत और कविताओं को जब गाते है तो उन्हें सुनकर बड़ी ही प्रसन्नता होती है. देशभक्ति का जज्बा तो सब में होता है लेकिन बहुत काम लोग ही खुलकर सबके सामने गा पाते है. देशभक्ति के रंग में आज खुद को रंग लीजिये। इस लेख की कुछ बेहतरीन कवितायें जरूर पढ़े. इसमें कुछ नई तो कुछ कवितायें और गीत ऐसे है जिन्हें स्कूल में हम हर दिन गाते है.
15 अगस्त पर कविता

स्वतंत्रता दिवस का शुभ अवसर आया है,
दिल में देशभक्ति का जज्बा जगाया है,
हाथों में लेकर तिरंगा गर्व से लहराया है,
वीरों के बलिदानों से यह शुभ दिन आया है।
15 अगस्त का यह शुभ अवसर आया है,
बच्चों ने भी देशभक्ति का जज्बा दिखाया है,
बुलंद आवाज में बच्चों ने जयकारा लगाया है,
वर्षों की तपस्या से यह शुभ दिन पाया है।
– कुमारी कविता
स्वतंत्रता दिवस पर कविता

लाल रक्त से धरा नहाई
श्वेत नभ पर लालिमा छाई
आजादी के नव उद्घोष पे
सबने वीरो की गाथा गाई
सुभाष, गाँधी, भगत, पटेल की
ध्वनि चारो और है छाई
भगत , राजगुरु और सुखदेव की
कुर्बानी से आँखे भर आई
ऐ भारत माता तुझसे अनोखी
और अद्भुत माँ न हमने पाई
हमारे रगों में तेरे क़र्ज़ की
एक एक बूँद है समाई
माथे पर है बांधे कफ़न
और तेरी रक्षा की कसम है खाई
सरहद पे खड़े रहकर
आजादी की रीत निभाई !!!
15 August Poem in Hindi
इसमें 15 अगस्त पर कविता, 15 August Poem in Hindi, 15 अगस्त की कविता, 15 August Ki Kavita, 15 August Poetry in Hindi, स्वतंत्रता दिवस पर कविता, स्वतंत्रता दिवस की कविता, 15 अगस्त 2021 पर कविता, Independence Day Poem in Hindi, Independence Day 15th August Poem in Hindi, 15 August 2021 Poem in Hindi आदि दिए हुए है.
आज़ादी के दीवानों ने
खेली खून की होली थी
जान हथेली पर लेकर
निकली इनकी टोली थी
ऐसे वीर सपूतों को ये
देश नमन है करता
अमर हो तुम ऐ वीरों
वीर कभी नहीं मरता ।
वीर भगत आज़ाद राजगुरु
जैसे नायक हुए भारत देश में
इनके जज़्बों के चर्चे अबतक
होते रहते हैं देश विदेश में
अंग्रेजों की होश उड़ी थी
देखकर इन वीरों को
जो जज्बातों से खंड खंड
कर देते थे गुलामी की जजीरों को ।।
भारत की आजादी के लिए
खुद पर आज़ाद ने गोली चलाई है
तिरंगा झंडा चूम चूमकर
जाने कितनों ने जान गंवाई है
देश भुला न पायेगा इन
वीरों के बलिदान को
युगों युगों तक याद करेंगे
घटने न देंगे सम्मान को ।।
हम भी हैं भारत माँ के बेटे
शीश कभी न झुकने देंगे
करके नमन उन वीरों को
दुष्टों को यहाँ न रुकने देंगे
आजाद मुल्क मेरा है अब
दाना गोरों को न चुगने देंगे
उगेगा बस इस देश का सूरज
दुश्मन का सूरज न उगने देंगे ।
– वेद प्रकाश वेदान्त
झण्डा गीत या ध्वज गीत – 15 August Ki Kavita
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा,
झण्डा ऊँचा रहे हमारा।
सदा शक्ति सरसाने वाला
प्रेम-सुधा बरसाने वाला
वीरों को हरसाने वाला
मातृभूमि का तन-मन सारा,
झण्डा ऊँचा रहे हमारा।
लाल रंग बजरंगबली का
हरा अहल इस्लाम अली का
श्वेत सभी धर्मों का टीका
एक हुआ रंग न्यारा-न्यारा,
झण्डा ऊँचा रहे हमारा।
है चरखे का चित्र सँवारा
मानो चक्र सुदर्शन प्यारा
हरे रंग का संकट सारा
है यह सच्चा भाव हमारा,
झण्डा ऊँचा रहे हमारा।
स्वतन्त्रता के भीषण रण में
लखकर बढ़े जोश क्षण-क्षण में
काँपे शत्रु देखकर मन में
मिट जाये भय संकट सारा,
झण्डा ऊँचा रहे हमारा।
इस झण्डे के नीचे निर्भय
लें स्वराज्य हम अविचल निश्चय
बोलो भारत माता की जय
स्वतन्त्रता हो ध्येय हमारा,
झण्डा ऊँचा रहे हमारा।
आओ प्यारे वीरो आओ
देश-धर्म पर बलि-बलि जाओ
एक साथ सब मिल कर गाओ
प्यारा भारत देश हमारा,
झण्डा ऊँचा रहे हमारा।
शान न इसकी जाने पाये
चाहें जान भले ही जाये
विश्व विजय कर के दिखलायें
तब होवे प्रण पूर्ण हमारा
झण्डा ऊँचा रहे हमारा।
श्यामलाल गुप्त
Bachcho Ke Liye 15 August Ki Kavita

होठों पे सच्चाई रहती है,
जहां दिल में सफ़ाई रहती है,
हम उस देश के वासी हैं,
जिस देश में गंगा बहती है,
मेहमान जो हमारा होता है,
वो जान से प्यारा होता है,
ज्यादा की नहीं लालच हमको,
थोड़े मे गुजारा होता है,
बच्चों के लिए जो धरती माँ,
सदियों से सब कुछ सहती है,
हम उस देश के वासी हैं,
जिस देश में गंगा बहती है।
15 August Poetry in Hindi
सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्ताँ हमारा।
हम बुलबुलें हैं इसकी, यह गुलिसताँ हमारा।।
ग़ुरबत में हों अगर हम, रहता है दिल वतन में।
समझो वहीं हमें भी, दिल हो जहाँ हमारा।। सारे…
परबत वो सबसे ऊँचा, हमसाया आसमाँ का।
वो संतरी हमारा, वो पासबाँ हमारा।। सारे…
गोदी में खेलती हैं, उसकी हज़ारों नदियाँ।
गुलशन है जिनके दम से, रश्क-ए-जिनाँ हमारा।। सारे….
ऐ आब-ए-रूद-ए-गंगा! वो दिन है याद तुझको।
उतरा तेरे किनारे, जब कारवाँ हमारा।। सारे…
मज़हब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना।
हिन्दी हैं हम वतन हैं, हिन्दोस्ताँ हमारा।। सारे…
यूनान-ओ-मिस्र-ओ-रूमा, सब मिट गए जहाँ से।
अब तक मगर है बाक़ी, नाम-ओ-निशाँ हमारा।। सारे…
कुछ बात है कि हस्ती, मिटती नहीं हमारी।
सदियों रहा है दुश्मन, दौर-ए-ज़माँ हमारा।। सारे…
‘इक़बाल’ कोई महरम, अपना नहीं जहाँ में।
मालूम क्या किसी को, दर्द-ए-निहाँ हमारा।। सारे…
– इक़बाल
Poem on 15 August in Hindi
आज तिरंगा लहराता है अपनी पूरी शान से
हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से
आज़ादी के लिए हमारी लंबी चली लड़ाई थी
लाखों लोगों ने प्राणों से कीमत बड़ी चुकाई थी
व्यापारी बनकर आए और छल से हम पर राज किया
हमको आपस में लड़वाने की नीति अपनाई थी
हमने अपना गौरव पाया, अपने स्वाभिमान से
हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से
गांधी, तिलक, सुभाष, जवाहर का प्यारा यह देश है
जियो और जीने दो का सबको देता संदेश है
लगी गूँजने दसों दिशाएँ वीरों के यशगान से
हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से
हमें हमारी मातृभूमि से इतना मिला दुलार है
उसके आँचल की छैयाँ में छोटा सा ये संसार है
हम न कभी हिंसा के आगे अपना शीश झुकाएँगे
सच पूछो तो पूरा विश्व हमारा ही परिवार है
विश्वशांति की चली हवाएँ अपने हिंदुस्तान से
हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से
15 August Ki Kavita in Hindi
ऐ मेरे प्यारे वतन
ऐ मेरे बिछड़े चमन
तुझ पे दिल कुरबान….2
तू ही मेरी आरजू़
तू ही मेरी आबरू
तू ही मेरी जान
तेरे दामन से जो आए
उन हवाओं को सलाम
चूम लूँ मैं उस जुबाँ को
जिसपे आए तेरा नाम
सबसे प्यारी सुबह तेरी
सबसे रंगी तेरी शाम
तुझ पे दिल कुरबान
माँ का दिल बनके कभी
सीने से लग जाता है तू
और कभी नन्हीं-सी बेटी
बन के याद आता है तू
जितना याद आता है मुझको
उतना तड़पाता है तू
तुझ पे दिल कुरबान
छोड़ कर तेरी ज़मीं को
दूर आ पहुँचे हैं हम
फिर भी है ये ही तमन्ना
तेरे ज़र्रों की कसम
हम जहाँ पैदा हुए उस
जगह पे ही निकले दम
तुझ पे दिल कुरबान
Short Poem on 15 August in Hindi

नन्हे-नन्हे प्यारे-प्यारे,
गुलशन को महकाने वाले
सितारे जमीन पर लाने वाले,
हम बच्चे है हिंदुस्तान के
नए जमाने के दिलवाले,
तूफ़ानो से ना डरने वाले
कहलाते हैं हिम्मत वाले,
हम बच्चे है हिंदुस्तान के
चलते है हम शान से,
तिरंगा लहरायें आसमान से
आन पे हो जाएँ कुर्बान,
हम बच्चे है हिंदुस्तान के
15 August 2021 Poem in Hindi

जिस देश का कण-कण सोना हो,
जिस देश की नारी देवी हो
जिस देश में गंगा बहती हो
उस देश को भारत कहते हैं
जहां भाई-भाई में प्रेम हो,
भाईचारे का नेम हो
जहां जात-पांत का भेद ना हो
उस देश को भारत कहते हैं
जहां नभ से भू का नाता है,
जहां धरा हमारी माता है
जहां सत्य-धर्म मन भाता हो
उस देश को भारत कहते हैं !
इसे भी पढ़े –