मैं उस भारत से आता हूँ – मनोज मुन्तशिर

Happy Republic Day 2022 Special Video Must Watch – 26 जनवरी – गणतंत्र दिवस की आप और आपके परिवार को ढेरों शुभकामनाएं। आज मैंने मनोज मुन्तशिर जी का एक वीडियो देखा “मैं उस भारत से आता हूँ” जो मुझे काफी अच्छा लगा इसलिए सोचा आपके साथ भी शेयर करूँ।

मैं उस भारत से आता हूँ – मनोज मुन्तशिर

प्रणाम, मैं भी वही हूँ जो आप है
माँ भारती के संतान
आपकी तरह मेरी शिराओं में भी
तपस्वीयों का तेज भरा हुआ है
आज अपना परिचय इसलिए दे रहा हूँ
क्योंकि प्रणाम करके परिचय देना
हम भारतवासियों की परम्परा है
मैं उस भारत से आता हूँ
जिसके होठों पर गंगा और
हाथों में तिरंगा है.
वो भारत जो कभी सत्यम शिवम सुंदरम,
कभी वन्दे मातरम् तो कभी
पंजाब सिंध गुजरात मराठा द्राविण उत्कल, बंगा है
मैं उस भारत से आता हूँ
जो ठुकराएँ हुए लोगो की शरण स्थली बन जाता है
और सात समुन्दर पार परदेशियों को भी
Siters and Brothers कह कर बुलाता है
मैं उस भारत से आता हूँ
जिसने हितोपदेश और कर्म योग सिखाया
लेकिन कभी अपना-पराया नहीं सीख पाया
वसुधैव कुटुंबकम के सिद्धांत पर जिया
मेरा भारत वो नीलकंठ है जो खुद विष पीकर
दूसरों को अमृत दान किया।
मेरा भारत कर्मण्येवाधिकारस्ते गाता है,
तीनों लोकों का स्वामी होकर भी माखन चुराता है
और महाअवतार होकर भी माँ के हाथों मार खाता है
मैं गौतम के भारत से आता हूँ
जहाँ जनहित के लिए एक राजपुत्र सन्यासी हो जाता है
मैं राम के भारत से आता हूँ
जहाँ पिता की एक बात पर बेटा
सिंघासन त्यागकर सन्यासी हो जाता है
मैं उस भारत से आता हूँ
जहाँ स्त्री को उसके स्वाभिमान से पहचाना जाता है
एक कुमारी माँ को महासती कुंती के नाम से जानता है
और पांच पतियों वाली द्रोपदी को देवी मानता है
मेरा भारत आकाश सा बलवान है
फिर भी धरती सा धैर्यवान है
मेरा भारत प्रेम का पुण्य लोक और
अहिंसा का जन्मस्थान है
अगर नारी का अनादर हो जाएँ तो
हमारा बच्चा-बच्चा हनुमान है
पढ़ो हमारा इतिहास जो हमारे मस्तक पर छपा है
एक दुःशासन ने हमारी बेटी का आँचल खींच लिया
हमने सौ भाईयों की चिता जला दी
एक रावण ने हमारी माँ का हरण किया
हमने पूरे राक्षस कुल की लंका लगा दी
मैं उस भारत से आता हूँ
जो कभी ना रूका ना कभी झुका ना डरा है
मैं उस भारत से आता हूँ
जो वीरता की वसुंधरा है
मैं उस भारत से आता हूँ
जो शांति का पहला शंखनाद
और मानवता का अंतिम आसरा है
अपना परिचय इसलिए दिया क्योंकि
प्रणाम करके परिचय देना
हम भारतीयों की परम्परा है.
मनोज मुन्तशिर


अगर आप 26 जनवरीगणत्रंत्र दिवस को अपने स्कूल या कॉलेज में कोई कविता या भाषण कहना चाहते है तो आप “मैं उस भारत से आता हूँ” को चुन सकते है. कई कुछ कवितायें दिल को छू लेती है. ऐसा लगता है कि यही तो मैं कहना चाहता हूँ. आशा करता हूँ आपको यह वीडियो जरूर पसंद आएगा।

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