मुसीबतें लाख आएंगी जिंदगी की राहों में,
रखना तू सबर,
मिल जाएगी तुझे मंजिल इक दिन
बस जारी रखना तू सफ़र.
मुकम्मल होगा सफ़र एक दिन
बस दिल में ताजा जज़्बात रखना,
तमाम मुश्किलें आएंगी लेकिन
अपने काबू में हर हालत रखना.
रहेंगे दर्द जिंदगी में
तो ख़ुशी का इंतजाम क्या होगा?
निकल पड़े हैं जो बदलने खुद को
न जाने इस सफ़र का अंजाम क्या होगा?
बीत जाएगा ये सफ़र भी दर्द की राहों का
मिलेगा साथ जब खुशियों की बाहों का,
बढ़ाते रहना कदम, मत रुकना कभी
होगा रुतबा तेरा जैसे शहंशाहों का.
इन अजनबी सी राहों में
जो तू मेरा हमसफ़र हो जाये,
बीत जाए पल भर में ये वक़्त
और हसीन सफ़र हो जाये.
मंजिल बड़ी हो तो
सफ़र में कारवां छूट जाता है,
मिलता है मुकाम तो
सबका वहम टूट जाता है.
तेरी जिंदगी की असलियत का
जब तुझ पर असर होगा,
असल में उस समय ही
शुरू तेरे जीने का सफ़र होगा.