ठोकर पर सुविचार
दर्द तब होता है
जब खुद को ठोकर लगती है,
वरना दूसरों का तो सिर्फ
लहू नजर आता है पर दर्द नहीं।
तुम्हारी असफतला में कोई
तुम्हारे साथ नहीं होगा। स्वयं
को हिम्मत भी देना होगा और
ठोकर खाकर बिना रुके आगे
बढ़ते रहना होगा।
कुछ देर रूकने के बाद
फिर से चल पड़ना दोस्त,
हर ठोकर के बाद
सम्भलने में वक़्त लगता है।
ऐ तकदीर आ तेरी पैरों
में मरहम लगा दूँ,
कुछ चोटें तुझे भी आयी होंगी
मेरे सपनों को ठोकर मारते-मारते।
Thokar Shayari
बहुत से सवालों से बचा रखा है मुझे
मेरी बस एक झूठी मुस्कुराहट ने,
गम है तो बस एक उसी ठोकर का
जो मारी है मेरी अपनी चौखट ने।
जो फकीरी मिजाज रखते है,
वो ठोकरों में ताज रखते हैं,
जिन को कल की फ़िकर नहीं
वो मुट्ठी में आज रखते हैं।
ठोकर लगने का मतलब यह नहीं,
कि आप चलना ही भूल जाएँ,
बल्कि ठोकर लगने का मतलब
यह होता है कि आप संभल जाएं।
Zindagi Thokar Status
ठोकर लग जाती है मगर रूकती नहीं,
वो जिंदगी है मौत से पहले राह बदलती नहीं।
पत्थरों को ये मसला खल गया,
वो ठोकरों के बाद भी कैसे चल गया।
ठ से ठोकर लग जाए ज़िंदगी में
तो समझना प्रगति कर रहे हो।
ताश का जोकर और अपनों की ठोकर,
अक्सर जिंदगी की बाजी घुमा देते है।
जिंदगी की हर ठोकर ने एक ही सबक सिखाया हैं,
रास्ता कैसा भी हो सिर्फ़ अपने पैरों पर भरोसा रखो।