राजीव दीक्षित के अनमोल विचार | Rajiv Dixit Quotes in Hindi

Rajiv Dixit Quotes in Hindi – इस पोस्ट में राजीव दीक्षित के बेहतरीन कोट्स दिए हुए हैं इन्हें जरूर पढ़े. इन कोट्स को राजीव दीक्षित के विडियो और विभिन्न वेब रिसोर्सेज से लिया गया हैं.

Rajiv Dixit Quotes in Hindi | राजीव दीक्षित के बेहतरीन विचार

व्यक्ति अपने सार्वजनिक जीवन में जो कुछ भी करता हैं, उसकी जड़ उसके निजी जीवन में जरूर होती हैं. – राजीव दीक्षित

भारत देश की आजादी के लिए 6 लाख 32 हजार क्रांतिकारी शहीद हुए. इनमें भगतसिंह सर्वोच्च शिखर पर हैं, ऐसा पूरा देश मानता हैं. – Rajiv Dixit

व्यक्ति मरने से नहीं डरता हैं, मरने से पहले आने वाले दर्द से डरता हैं. – राजीव दीक्षित

दुनियाँ में कोई देश गुलामी की निशानियों को सँजो कर नहीं रखता है. आज विदेशी कंपनियों की लूट बंद करने का उपाय है विदेशी वस्तुओं का त्याग. – Rajiv Dixit

देश के राज नेताओं की भूल आज देश भुगत रहा है. – राजीव दीक्षित

देश के लिए वही व्यक्ति संकल्प ले सकता हैं, जिसकी आत्मशक्ति मजबूत हो. – Rajiv Dixit

अगर आप विदेशियों पर निर्भर है, प्रावलम्बी है, तो आप दुनिया में कोई ताकत हासिल नहीं कर सकते.– राजीव दीक्षित

भोजन हमेशा सुखआसन में बैठकर करें और ध्यान खाने पर ही रहे, मतलब टेलीविजन देखते, गाने सुनते हुए, पढ़ते हुए, बातचीत करते हुए कभी भी भोजन न करें. – Rajiv Dixit

केवल स्वदेशी नीतियों से ही देश फिर से सोने की चिड़िया बन सकता हैं. – राजीव दीक्षित

जब परिवर्तन होता है तो शुरू में किसी को भरोसा नहीं होता, लेकिन बाद में वो हो जाता हैं. – Rajiv Dixit

हमारी बहुत सी धार्मिक किताबें, शास्त्र और इतिहास के साथ अंग्रेजों ने बहुत छेड़खानी की हैं. – राजीव दीक्षित

मेरा हो मन स्वदेशी, मेरा हो तन स्वदेशी, मर जाऊं तो भी मेरा होवे कफ़न स्वदेशी. – Rajiv Dixit

मैं भारत की भारतीयता के मान्यता के आधार पर फिर से खड़ा करना चाहता हूँ उस काम में लगा हुआ हूँ. – राजीव दीक्षित

जब भारत में कोई विदेशी कम्पनी नही थी तब भारत सोने की चिड़िया था. – Rajiv Dixit

दुनिया में अगर कोई व्यक्ति बेसिक रिसर्च करना चाहे, वो तब तक सम्भव नहीं है जब तक मातृभाषा में चिंतन ना करें. – राजीव दीक्षित

हिंदी !!! सवाल सिर्फ़ भाषा का नहीं है, सवाल अपने राष्ट्र के सम्मान का है, स्वाभिमान का हैं. – Rajiv Dixit

भारत की मूर्ख सरकारे आज तक भी अंग्रेजों के बनाये गये क़ानून को बदल नहीं पाई. – राजीव दीक्षित

भारत को अंग्रेजों के क़ानून रद्द करके भारत की व्यवस्थाओं और अपने देश के अनुसार क़ानून बनाने चाहिए. – Rajiv Dixit

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