Motivational Story for Student in Hindi – प्रतिस्पर्धा भरी दौड़ में हर व्यक्ति अपने सपने को पूरा करने में लगा है और यही होना भी चाहिए. असफलता मिलने पर निराश नही होना चाहिए. हमे धैर्य के साथ अपने कार्य को करते रहना चाहिए. असफल व्यक्ति ही जीवन में बड़ी सफलता पाते है. हमारे आस पास ऐसे बहुत से लोग मिलेंगे जो शुरुआत में असफल रहे और बाद में सफलता उनकी कदम चूमती है. आइये इसे एक कहानी के माध्यम से समझते है.
प्रेणादायक कहानी (Motivational Story)
एक वृद्ध व्यक्ति थे जो ईश्वर की आराधना करते थे. इस बुढ़ापे में उनके साथ कोई नही था इसीलिए वह खुद को अकेला महशूस करते थे. एक दिन उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना किया. हे ईश्वर, कुछ ऐसा कर दे ताकि मेरा मन लगा रहे और सुकून मिले.
ईश्वर ने उसकी सुन ली और जब वो सुबह उठे तो अपने आँगन में एक कंटीला पौधा और एक कीड़ा रेंगता हुआ पाया. कुछ देर तक वो सोचते रह गये कि ईश्वर ने यह कैसा उपहार दिया. सारे उधेरबुन के बावजूद उन्होंने ईश्वर पे बिना कोई शंका जाहिर किये बड़े प्यार से उसे अपना लिया. वो उस पौधे को पानी देते और कीड़े को खाने के लिए पत्ता देते. बहुत ही मन से सेवा करते पर कभी कभी सोच में भी पड़ जाते परन्तु ईश्वर की लीला को अपना कर्त्तव्य मानकर उन्होंने धैर्य नहीं खोया. दिन बदले, महीने बदले और वह सेवा करते रहे. एक दिन जब वो सुबह उठते है तो बहुत खुश हो जाते है क्योंकि उन्हें सच्चा सुकून मिलता है. वो कंटीला पौधा कैक्टस का था जिसका फूल बहुत सुन्दर होता है जो खास मौसम में ही खिलता है और वो कीड़ा एक खूबसूरत रंग – बिरंगी तितली में तब्दील हो चुकी थी. फूल के पास तितली का मंडराना एक मनमोहक़ दृश्य था जिसे देखकर उनकी आँखे ख़ुशी से डबडबा गयी और उन्होंने ईश्वर को बहुत बहुत धन्यवाद दिया.
इस कहानी से क्या सीखा?
- जैसा हम चाहते शायद वैसा ना हो पर निराश नहीं होना चाहिए.
- कार्य को सत्त्वविक मन से करते रहना चाहिए.
- क्या पता वो आपका आखिरी कदम हो अपने मंजिल को पाने के लिए.
- आपकी सफलता, एक बड़ी सफलता बनने वाली हो.
- सफलता का असली मज़ा तब मिलता है जब आप निरंतर प्रयास और धैर्य बनाकर उसे पाते है. इसीलिए निराश न हो मुसाफिर मंजिल तो अभी बाकी है.
- असफलता को गुरु की तरह मानना चाहिए और उससे सीख लेकर आगे बढ़ना चाहिए.
- असफल वही व्यक्ति है, जो असफल होने पर सफलता के लिए प्रयास करना बंद कर देते है.