क्या जीवन में शादी करना जरूरी है ? | Is marriage necessary in life?

Is marriage necessary in life in Hindi – क्या शादी करना जरूरी है ? बहुत से लोग ऐसा तर्क देंगे कि लगेगा कि जीवन में शादी करना चाहिए। बहुत से लोग ऐसा तर्क देते है कि उनकी बातें सुनकर लगता है कि जीवन का सारा सुख अकेले रहने में है। दो तरफ़ा बातें सुनकर भ्रम पैदा होता है।

क्या जीवन में शादी करना जरूरी है ?

जीवन में कुछ प्रश्न सरल दिखते है लेकिन हकीकत में उनका उत्तर थोड़ा जटिल होता है। शादी करना क्यों जरूरी है ? एक ऐसा ही प्रश्न है। शादी के महत्व को आप इस प्रकार समझ सकते है कि मान लीजिये पूरी दुनिया में कोई विवाह ना करें और संतान भी उतपन्न ना करें तो क्या होगा ? सौ वर्ष में पृथ्वी पर शायद कोई इंसान न बचे। अगर एक दूसरा उदाहरण लें जिसमें शादी ना करें परन्तु संतान उतपन्न करें तो सामाजिक संतुलन बिगड़ जायेगा। सामजिक संतुलन बिगड़ने से पारिवारिक संरचना खतरे में पड़ जाएगी। ऐसे में बच्चों और बुजुर्गों का ख्याल कौन रखेगा। इसलिए मेरा माना है कि विवाह करना जरूरी है।

यहाँ प्रश्न यह उठता है कि जो लोग शादी नहीं करते है तो क्या उनका निर्णय गलत होता है? नहीं… उनका निर्णय गलत नहीं होता है। कुछ लोग शादी करके जीवन में खुश होते है। कुछ लोग बिना शादी किए जीवन में खुश है। आप जिसमें खुश है वह करिये। लेकिन जीवन उद्देश्यहीन नहीं होना चाहिए। अगर आप शादी नहीं कर रहे है तो आपके पास शादी ना करने का सही तर्क होना चाहिए। अगर आप शादी कर रहे है तो शादी की जिम्मेदारियों को निभाने के लिए पूरी तरह से तैयार हो।

शादी करने के फ़ायदे क्या हैं ?

  • शादी करने से भरोसेमंद जीवन साथी का साथ उम्र भर के लिए मिलता है। जीवन के हर कदम पर और हर सुख-दुख में एक दूसरे का साथ देते है। प्रेम और रिश्तों की अहमियत समझ में आती है। यदि दोनों जिम्मेदार और एक-दूसरे के प्रति वफादार है तो जीवन बड़ा ही सुखमय होता है।
  • आज के दौर में लड़के तभी शादी करते है जब वो कमाने लगते है. लड़कियाँ भी अच्छी शिक्षा ग्रहण करके और आत्मनिर्भर बनने के बाद ही शादी करती है। इस घर की कमाई डबल हो जाती है। घर खर्च का भार किसी एक पर नहीं रहता है।
  • शादी का एक फायदा यह भी है कि उम्र ढ़लने पर अकेलेपन का एहसास नहीं होता है। परिवार का साथ मानसिक तौर पर मजबूत बनाता है।
  • शादी जीवन में कई सुखद एहसास देता है। जब आप माता-पिता बनते है तो अपने छोटे से बच्चे के साथ वक़्त बिताना बड़ा ही अच्छा लगता है। जब आप उसके साथ होते है तो दुनिया की हर परेशानी और दुःख भूल जाते है। चेहरे पर मुस्कुराहट और सुकून होता है।
  • जिंदगी शादी नहीं हुई है, उनकी तुलना में पति और पत्नी ज्यादा स्वस्थ्य, खुश और जीवन का पारिवारिक आनंद लेते है। जीवन में एक प्रकार का संतुलन आ जाता है।
  • शादी के पहले एक अधूरापन महसूस होता है। शादी के बाद जीवन को देखने और समझने का नजरिया बदल जाता है।

शादी करने के नुकसान क्या हैं ?

  • शादी करने के बाद यदि लड़के और लड़की की आपसी समझ अच्छी नहीं है। आपस में प्रेम नहीं है। एक-दूसरे को हमेशा नीचा दिखाने का प्रयास करते है तो हमेशा झगड़ा होता रहता है। इससे ईर्ष्या, नफरत और मानसिक तनाव बढ़ता है।
  • शादी के बाद आपको आजादी थोड़ी कम मिलती है, जिसकी वजह जिम्मेदारी होती है। यदि आप बच्चे का प्लान कर रहे है तो आपकी अतिरिक्त जिम्मेदारी बढ़ जाती है।
  • शादी के बाद आप जीवन में आगे बढ़ने के लिए कोई बड़ा जोखिम नहीं ले सकते है। क्योंकि आप पर धीरे-धीरे बीबी-बच्चों की जिम्मेदारी आ जाती है।

शादी के लिए सही उम्र क्या है?

भारत में कानूनी रूप से एक लड़की 18 वर्ष के बाद और एक लड़का 21 वर्ष के बाद शादी के योग्य हो जाते है। जागरूकता बढ़ने के कारण ज्यादातर लड़कियाँ पूर्ण रूप से शिक्षित हो जाने के बाद ही शादी का निर्णय लेती है और लड़के भी जब कमाने लगते है तभी शादी करते है। शादी की सही उम्र 24 से 30 वर्ष के बीच में होना चाहिए।

शादी के बाद जिम्मेदारियाँ बढ़ती है। आप आर्थिक रूप से माँ-बाप पर निर्भर रहकर एक खुशहाल जीवन नहीं जी सकते है। इसलिए कोशिश करें कि आप आर्थिक रूप से स्वयं पर निर्भर हो। लड़के और लड़की दोनों को आर्थिक रूप से स्वयं पर निभर होना चाहिए। आर्थिक स्वतंत्रता रिश्तें को मजबूत और खुशहाल बनाती है।

देर से शादी करने के क्या नुकसान है?

  • देर से शादी करने पर मन चाहा जीवन साथी का आप चुनाव नहीं कर पाते है। यह समस्या लड़के और लड़की दोनों को होती है।
  • उम्र बढ़ने के कारण शारीरिक कमजोरी आ जाती है। जिससे पति-पत्नी के सम्बन्ध और प्रेम पर असर डालता है। काम के बाद जल्दी थकान आती है और जीवन में नीरसता बढ़ता है।
  • देर से शादी करने पर प्रेग्नेंसी में कई प्रकार की समस्याएं आती है।

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